कांगड़ा: तवांग में भारत और चीनी सैनिकों की झड़प के बाद तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने कहा है कि भारत दुनिया की सबसे अच्छी जगह है और यही उनका घर है. हिमाचल के कांगड़ा एयरपोर्ट पर दलाई लामा ने कहा कि 'चीजें बेहतर हो रही हैं. यूरोप, अफ्रीका और एशिया में चीन अधिक फ्लेक्सिबल है. लेकिन चीन लौटने का कोई मतलब नहीं है. मैं भारत को पसंद करता हूं, ये सबसे अच्छी जगह है. ये मेरा घर है, कांगड़ा- पंडित नेहरू की पसंद, जो अब मेरा स्थायी निवास है. (Dalai lama on China) (Dalai Lama on India)
बोधगया के लिए रवाना हुए दलाई लामा- दरअसल तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा आज मैक्लोडगंज स्थित अपने आवास से बिहार के बोधगया के लिए रवाना हुए हैं. दलाई लामा दो साल के बाद बोधगया जा रहे हैं. इस दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि उनका चीन लौटने का कोई मतलब नहीं है. उन्हें भारत पसंद है और पंडित नेहरू द्वारा उनके रहने के लिए तय गया हिमाचल कांगड़ा ही स्थायी निवास है. बता दें कि वे आज सुबह अपने निवास स्थान से बोधगया के लिए रवाना हो गए है. कोरोना महामारी के कारण लगभग दो साल दलाई लामा बोधगया नहीं जा पाए थे. कोरोना नियमों के चलते दलाई लामा ने अपनी सभी यात्राओं और प्रवचनों को रद्द कर दिया था. तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की पिछली बोधगया यात्रा जनवरी 2020 में हुई थी. (Dalai Lama leaves for Bodh Gaya) (Dalai Lama On Returning to China)
तिब्बतियों ने लिया धर्मगुरु का आशीर्वाद- दलाई लामा आज सुबह कांगड़ा हवाई अड्डे से बोधगया के लिए रवाना हो गए. इस दौरान जब सुबह दलाई लामा अपने निवास स्थान से कांगड़ा हवाई अड्डे के निकले तो दलाई लामा का आशीर्वाद पाने के लिए हजारों की संख्या में तिब्बती सड़क के किनारे खड़े हो गए. वहीं, तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने भी उनका हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया.
1 महीना बोधगया में रहेंगे धर्मगुरु- दलाई लामा अपनी इस यात्रा के दौरान बोधगया में एक महीना रहेंगे और कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे धर्मगुरु दलाई लामा ने भी बताया कि हमें आशा है कि हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर दिया जाएगा और न केवल यूक्रेन-रूस मोर्चे पर, बल्कि दुनिया के अन्य संघर्ष क्षेत्रों में भी शांति लौट आएगी.
आर्थिक संकट से उबरेगा बोधगया का पर्यटन- निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रेस ऑफिसर तेनजिंग पेलजोर के मुताबिक 2020 और 2021 में कोरोना महामारी का असर बोधगया पहुंचने वाले पर्यटक और श्रद्धालुओं की संख्या पर पड़ा. बोधगया में वर्ष 2019 में भारत और अन्य देशों से 5 लाख से अधिक पर्यटक आए थे. विदेशों से आने वाले अधिकांश आगंतुक बौद्ध-बहुल देशों से यात्रा करने वाले बौद्ध तीर्थयात्री थे. इस बार अधिक पर्यटक और श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. जिससे बोधगया और उसके आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों की आजीविका पर गहरा असर पड़ा जिसके चलते उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. इस दौरान कई स्थानीय लोगों ने अपने व्यापार को भी खो दिया. 29 से 31 दिसंबर तक दलाई लामा की शिक्षाओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 1 दिसंबर से शुरू हो चुका है. (Dalai Lama visit Bodh Gaya)
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