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जानिए क्या है राम मंदिर का हिमाचल कनेक्शन, 1989 में बीजेपी ने रखी थी नींव

वर्ष 1989 में पालमपुर के रोटरी भवन में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी और इसमें स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के अलावा पार्टी के उस समय के सभी दिग्गज नेताओं ने भागीदारी सुनिश्चित की थी. बता दें कि 1989 की बैठक के दौरान अटल जी का रुतबा था.

connection of ayodhya ram temple with Himachal
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Published : Nov 10, 2019, 9:46 PM IST

Updated : Nov 10, 2019, 10:43 PM IST

धर्मशाला: सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने विवादित जमीन पर मंदिर बनाने का फैसला सुनाया है, जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग स्थान पर 5 एकड़ भूमि देने का आदेश दिया है.

फैसले के बाद अयोध्या भूमि पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत करने वालों में परमहंस से लेकर इसे आगे बढ़ाने में विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंघल और बीजेपी नेता एलके आडवाणी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी. फाइल

इन सूत्रधारों के अलावा भारतीय जनता पार्टी के अहम मुद्दे अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने अहम भूमिका निभाई थी. इससे संबंधित चर्चा दो दिन तक पालमपुर में रहकर उन्होंने तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ की थी.

वर्ष 1989 में पालमपुर के रोटरी भवन में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी और इसमें स्वर्गीय वाजपेयी के अलावा पार्टी के उस समय के सभी दिग्गज नेताओं ने भागीदारी सुनिश्चित की थी. बता दें कि 1989 की बैठक के दौरान अटल जी का रुतबा था.

पार्टी ने राम मंदिर के प्रस्ताव को पालमपुर में पहली बार पारित किया और इसमें अटल जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. दो दिन तक चले इस अधिवेशन के दौरान अटल जी सेशन हाउस में रुके थे.

वहीं, अटल बिहारी वाजपेयी ने कांगड़ा में एक जनसभा को संबोधित किया था. रात का समय था और जब अटल जी जब भाषण दे रहे थे तो सुनने वाले सब चुपचाप बैठे थे. उस समय पार्टी के सभी बड़े नेता भी वाजपेयी और आडवाणी का अनुसरण करते थे. 1989 की बैठक और अटल जी का पालमपुर आना इतिहास के पन्नों में अमर है.

पालमपुर में हुई बैठक के बाद आडवाणी की अध्यक्षता में भाजपा ने 1989 लोकसभा चुनाव में राम मंदिर के मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया. हिंदू राष्ट्रवाद के जरिये चुनावी समर्थन जुटाने की कवायद में उन्होंने 1990 के दशक की शुरुआत में राम रथयात्रा निकाली. उसके बाद से यह मसला भाजपा का 'ट्रंपकार्ड' बन गया.

धर्मशाला: सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने विवादित जमीन पर मंदिर बनाने का फैसला सुनाया है, जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग स्थान पर 5 एकड़ भूमि देने का आदेश दिया है.

फैसले के बाद अयोध्या भूमि पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत करने वालों में परमहंस से लेकर इसे आगे बढ़ाने में विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंघल और बीजेपी नेता एलके आडवाणी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी. फाइल

इन सूत्रधारों के अलावा भारतीय जनता पार्टी के अहम मुद्दे अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने अहम भूमिका निभाई थी. इससे संबंधित चर्चा दो दिन तक पालमपुर में रहकर उन्होंने तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ की थी.

वर्ष 1989 में पालमपुर के रोटरी भवन में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी और इसमें स्वर्गीय वाजपेयी के अलावा पार्टी के उस समय के सभी दिग्गज नेताओं ने भागीदारी सुनिश्चित की थी. बता दें कि 1989 की बैठक के दौरान अटल जी का रुतबा था.

पार्टी ने राम मंदिर के प्रस्ताव को पालमपुर में पहली बार पारित किया और इसमें अटल जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. दो दिन तक चले इस अधिवेशन के दौरान अटल जी सेशन हाउस में रुके थे.

वहीं, अटल बिहारी वाजपेयी ने कांगड़ा में एक जनसभा को संबोधित किया था. रात का समय था और जब अटल जी जब भाषण दे रहे थे तो सुनने वाले सब चुपचाप बैठे थे. उस समय पार्टी के सभी बड़े नेता भी वाजपेयी और आडवाणी का अनुसरण करते थे. 1989 की बैठक और अटल जी का पालमपुर आना इतिहास के पन्नों में अमर है.

पालमपुर में हुई बैठक के बाद आडवाणी की अध्यक्षता में भाजपा ने 1989 लोकसभा चुनाव में राम मंदिर के मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया. हिंदू राष्ट्रवाद के जरिये चुनावी समर्थन जुटाने की कवायद में उन्होंने 1990 के दशक की शुरुआत में राम रथयात्रा निकाली. उसके बाद से यह मसला भाजपा का 'ट्रंपकार्ड' बन गया.

Intro:धर्मशाला- देश मे कई वर्षों से राम मंदिर का मुदा गूंजता आया है।वही सुप्रीम कोर्ट दोबरा आज इसका फैसला सुनाया जाएगा। वही भारतीय जनता पार्टी के अहम मुद्दे अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने अहम भूमिका निभाई थी। इससे संबंधित चर्चा दो दिन तक पालमपुर में रहकर उन्होंने तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ की थी।





Body:वर्ष 1989 में पालमपुर के रोटरी भवन में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी और इसमें स्वर्गीय वाजपेयी के अलावा पार्टी के उस समय के सभी दिग्गज नेताओं ने भागीदारी सुनिश्चित की थी।  बता दे कि  1989 की बैठक के दौरान अटल जी का रुतबा था। पार्टी ने श्रीराम मंदिर के प्रस्ताव को पालमपुर में पहली बार पारित किया और इसमें अटल जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दो दिन तक चले इस अधिवेशन के दौरान अटल जी सेशन हाउस में रुके थे।





Conclusion:वही अटल विहारी वाजपेयी ने कांगड़ा में एक जनसभा को संबोधित किया था अटल बिहारी का एक अलग व्यक्तित्व था। अटल जी जब भाषण दे रहे थे तो सुनने वाले सब चुपचाप बैठे थे। उस समय पार्टी के सभी बड़े नेता भी वाजपेयी और आडवाणी का अनुसरण करते थे।  1989 की बैठक और अटल जी का पालमपुर आना इतिहास के पन्नों में अमर है।

Last Updated : Nov 10, 2019, 10:43 PM IST
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