धर्मशाला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने एकदिवसीय दौरे पर शुक्रवार को धर्मशाला पहुंचे थे. दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था, दिल्ली में जो आंदोलन चल रहा है, वह किसानों का आंदोलन नहीं है. सड़कों पर तोड़-फोड़ और पुलिस प्रशासन से भिड़ने वाले लोग किसान नहीं हो सकते हैं. किसान तो अपने खेतों में काम कर रहे हैं.
वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांगड़ा दौरे को लेकर मीडिया को जवाब देते हुए कहा कि चूंकि धर्मशाला प्रदेश का अहम हिस्सा है और यहां उनका आना-जाना लगा ही रहता है. फिर भी इन दिनों पंचायती राज संस्थाओं के जो चुनाव के नवनिर्वाचित सदस्यों से मुलाकात की जाएगी. साथ ही उन्होंने मंडी जिला परिषद में भाजपा का अध्यक्ष बनाए जाने पर बेहद प्रसन्नता जाहिर करते हुये कहा कि मंडी में भाजपा के पास 36 में से 27 पार्षद हैं और यही वजह है कि वहां उनकी विचारधारा से ताल्लुक रखने वाले पार्षद को ही जिला परिषद का अध्यक्ष चुना गया है.
वीरभद्र सिंह के चुनाव न लड़ने वाले बयान पर बोले सीएम जयराम
इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गुरुवार को मीडिया के सामने कहा कि अब वह चुनाव नहीं लड़ेंगे. इस बयान के बाद हिमाचल में राजनीति सरगर्मियां तेज हो गई थी, लेकिन देर शाम पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने फेसबुक पर जारी बयान में कहा कि प्रदेश की जनता और राजनीतिक परिस्थितियां ही उनके राजनीतिक संन्यास का फैसला करेगी. फेसबुक पर जारी बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि 'आज मीडिया ने मेरे चुनाव न लड़ने बारे हल्के फुल्के व्यंग को गम्भीरता से ले लिया. मेरा चुनाव लड़ना या न लड़ना भविष्य के गर्भ में छिपा है'.
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के इसी बयान पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सवाल उन्हीं से पूछा जाना चाहिए. चुनाव लड़ना और न लड़ना उनका निजी पार्टी से संबंधित मामला है. मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा.
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