पालमपुर: प्रदेश के सबसे बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल पपरोला में विभिन्न तरह के रोगों के इलाज के लिए मिट्टी चिकित्सा पद्धति पर परीक्षण सफल रहा है.आयुर्वेद का स्वस्थ्य वृत्त विभाग दावा कर रहा है कि मिट्टी से जटिल बीमारियों जैसे सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस, कमर दर्द, मधुमेह, आई बी एस, थायराइड, अस्थि संधि रोग, गर्दन दर्द, के रोगों का इलाज संभव है. संस्थान का कहना है कि मिट्टी का इलाज जहां सस्ता है. वहीं, कारगर भी है.
सरकार ने इस पद्धति पर नजरें इनायत की तो ये इलाज पूरे देश में लोगों को मिल सकेगा. पपरोला संस्थान में बीते 5 वर्षों में करीब 5000 मरीजों का मिट्टी चिकित्सा पद्धति से सफलतापूर्वक इलाज किया गया है. मिट्टी चिकित्सा पद्धति में मरीज के प्रभावित अंगों पर मिट्टी का लेप लगाया जाता है. इस लेप को करीब एक घंटे से दो घंटे तक रखा जाता है. इस चिकित्सा पद्धति में चिकनी मिट्टी का लेप तैयार किया जाता है.
स्वस्थ वृत व योग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर टेक चन्द ने बताया कि मिट्टी के इलाज से उन्होंने कई जटिल रोगों का इलाज किया है. उन्होंने कहा कि चिकित्सा के दृष्टिकोण से मिट्टी का प्रयोग पुराने समय से चलन में है, लेकिन आयुर्वेदिक दृष्टि से पपरोला आयुर्वेदिक संस्थान पूरे देश में एकमात्र ऐसा संस्थान है जहां मिट्टी चिकित्सा पद्धति पर परीक्षण किया गया है.