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कांगड़ा में गग्गल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का मामला, ग्रामीणों को राहत, नहीं गिराया जाएगा भू-अधिग्रहण के दायरे में आने वाले ढांचों को - हिमाचल हाई कोर्ट न्यूज

Case of expansion of Gaggal Airport in Kangra: हिमाचल सरकार ने हाई कोर्ट में आश्वासन दिया है कि विस्तारीकरण की जद में आने वाले ग्रामीणों को उनकी भूमि से बेदखल नहीं किया जाएगा. पढ़ें पूरा मामला...

Case of expansion of Gaggal Airport in Kangra
हिमाचल हाई कोर्ट (फाइल फोटो).
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 7, 2023, 10:07 PM IST

Updated : Dec 7, 2023, 10:19 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा के गग्गल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की जद में आने वाले ग्रामीण इलाकों के लिए राहत की खबर है. हिमाचल सरकार ने हाई कोर्ट में आश्वासन दिया है कि विस्तारीकरण की जद में आने वाले ग्रामीणों को उनकी भूमि से बेदखल नहीं किया जाएगा. हिमाचल प्रदेश के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न की तरफ से अदालत के समक्ष ये बताया गया कि अगली तारीख तक भूमि अधिग्रहण संबंधी अधिसूचना के दायरे में आने वाले किसी भी ढांचे को गिराया नहीं जाएगा. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने अब मामले की सुनवाई 26 दिसंबर को तय की है.

ये मामला हिमाचल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव की अगुवाई वाली खंडपीठ के समक्ष लगा है. उल्लेखनीय है कि गग्गल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के खिलाफ हाई कोर्ट के समक्ष एक आवेदन दाखिल किया गया है. सीजे की अगुवाई वाली खंडपीठ के समक्ष हो रही सुनवाई के दौरान प्रदेश के महाधिवक्ता की तरफ से वक्तव्य दिया गया कि अगली तारीख तक भू अधिग्रहण अधिसूचना के दायरे में आने वाले इलाकों में बने हुए मकान या अन्य ढांचे को गिराया नहीं जाएगा.

ये भी पढ़ें- बीजेपी वालों से बड़े हिंदू हम हैं, हिमाचल में नहीं चलेगा BJP का हिंदू कार्ड, किसी से सर्टिफिकेट की नहीं जरूरत- विक्रमादित्य सिंह

यहां बता दें कि कांगड़ा जिले के इस महत्वपूर्ण गग्गल एयरपोर्ट का विस्तार किया जाना है. यहां बड़ा हवाई अड्डा बनाया जाना प्रस्तावित है. इस विस्तार की जद में गग्गल के आसपास के इलाकों के 14 गांवों के 1200 परिवार आ रहे हैं. रछियालू,भड़ोत, क्योडी, जुगेहड़, भेड़ी, ढुगियार, सनौरा, झिकली इच्छी, गग्गलख़ास, मुनग्रेहाड, सहौडा, बाग, बरस्वालकड़, कुल और बल्ला आदि गांव आए हैं. यहां के बाशिंदे एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का विरोध कर रहे हैं. यहां कुछ मंदिर भी हैं. इन इलाकों में पीपल, बरगद आदि के पेड़ हैं, जिनके साथ ग्रामीणों की आस्था जुड़ी हुई है.

इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि उनकी उपजाऊ भूमि विस्तार की जद में आएगी. किसानों के लिए उनके खेत बेशकीमती हैं. उल्लेखनीय है कि अभी मौजूदा समय में गगल एयरपोर्ट की हवाई पट्टी 1370 मीटर लंबी और 30 मीटर चौड़ी है. 2015 में हुए सर्वे के अनुसार इसे 1700 मीटर किया जाना था. फिर सरकार ने दोबारा सर्वे करवाया है, जिस पर हवाई पट्टी को 1370 मीटर से बढ़ाकर 2050 मीटर करने का विचार किया गया. अब रनवे को 3110 मीटर करने का प्रस्ताव है. ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं. फिलहाल, हाई कोर्ट में सरकार के वक्तव्य के बाद उन्हें कुछ समय के लिए राहत मिली है.

वहीं, एक अन्य मामले में डिप्टी सीएम और सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर अब सुनवाई 20 दिसंबर को तय हुई है. न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ के सामने याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस पूरी होने के बाद अब इस मामले में राज्य सरकार बहस करेगी. उल्लेखनीय है कि भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती व अन्य ने उपरोक्त नियुक्तियों को चुनौती दी है. याचिका में डिप्टी सीएम को कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा लेने से रोकने के आदेशों की मांग के साथ साथ इसकी एवज में मिलने वाले अतिरिक्त वेतन को वसूलने की मांग भी की गई है.

ये भी पढ़ें- बहुमत होने के बाद भी BJP के सामने Congress टांय-टांय फिस्स, कांग्रेस की बागी ऊषा शर्मा मेयर बनी, BJP की मीरा आनंद डिप्टी मेयर

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा के गग्गल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की जद में आने वाले ग्रामीण इलाकों के लिए राहत की खबर है. हिमाचल सरकार ने हाई कोर्ट में आश्वासन दिया है कि विस्तारीकरण की जद में आने वाले ग्रामीणों को उनकी भूमि से बेदखल नहीं किया जाएगा. हिमाचल प्रदेश के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न की तरफ से अदालत के समक्ष ये बताया गया कि अगली तारीख तक भूमि अधिग्रहण संबंधी अधिसूचना के दायरे में आने वाले किसी भी ढांचे को गिराया नहीं जाएगा. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने अब मामले की सुनवाई 26 दिसंबर को तय की है.

ये मामला हिमाचल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव की अगुवाई वाली खंडपीठ के समक्ष लगा है. उल्लेखनीय है कि गग्गल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के खिलाफ हाई कोर्ट के समक्ष एक आवेदन दाखिल किया गया है. सीजे की अगुवाई वाली खंडपीठ के समक्ष हो रही सुनवाई के दौरान प्रदेश के महाधिवक्ता की तरफ से वक्तव्य दिया गया कि अगली तारीख तक भू अधिग्रहण अधिसूचना के दायरे में आने वाले इलाकों में बने हुए मकान या अन्य ढांचे को गिराया नहीं जाएगा.

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यहां बता दें कि कांगड़ा जिले के इस महत्वपूर्ण गग्गल एयरपोर्ट का विस्तार किया जाना है. यहां बड़ा हवाई अड्डा बनाया जाना प्रस्तावित है. इस विस्तार की जद में गग्गल के आसपास के इलाकों के 14 गांवों के 1200 परिवार आ रहे हैं. रछियालू,भड़ोत, क्योडी, जुगेहड़, भेड़ी, ढुगियार, सनौरा, झिकली इच्छी, गग्गलख़ास, मुनग्रेहाड, सहौडा, बाग, बरस्वालकड़, कुल और बल्ला आदि गांव आए हैं. यहां के बाशिंदे एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का विरोध कर रहे हैं. यहां कुछ मंदिर भी हैं. इन इलाकों में पीपल, बरगद आदि के पेड़ हैं, जिनके साथ ग्रामीणों की आस्था जुड़ी हुई है.

इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि उनकी उपजाऊ भूमि विस्तार की जद में आएगी. किसानों के लिए उनके खेत बेशकीमती हैं. उल्लेखनीय है कि अभी मौजूदा समय में गगल एयरपोर्ट की हवाई पट्टी 1370 मीटर लंबी और 30 मीटर चौड़ी है. 2015 में हुए सर्वे के अनुसार इसे 1700 मीटर किया जाना था. फिर सरकार ने दोबारा सर्वे करवाया है, जिस पर हवाई पट्टी को 1370 मीटर से बढ़ाकर 2050 मीटर करने का विचार किया गया. अब रनवे को 3110 मीटर करने का प्रस्ताव है. ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं. फिलहाल, हाई कोर्ट में सरकार के वक्तव्य के बाद उन्हें कुछ समय के लिए राहत मिली है.

वहीं, एक अन्य मामले में डिप्टी सीएम और सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर अब सुनवाई 20 दिसंबर को तय हुई है. न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ के सामने याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस पूरी होने के बाद अब इस मामले में राज्य सरकार बहस करेगी. उल्लेखनीय है कि भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती व अन्य ने उपरोक्त नियुक्तियों को चुनौती दी है. याचिका में डिप्टी सीएम को कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा लेने से रोकने के आदेशों की मांग के साथ साथ इसकी एवज में मिलने वाले अतिरिक्त वेतन को वसूलने की मांग भी की गई है.

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Last Updated : Dec 7, 2023, 10:19 PM IST
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