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बगलामुखी मंदिर के सरकारी अधिग्रहण पर ब्राह्मण सभा व विश्व हिंदू परिषद में रोष, जताया विरोध - Baglamukhi temple news

विश्व हिंदू परिषद व ब्राह्मण सभा मां बगलामुखी मंदिर के पक्ष में उतर आई है. उन्होंने अब सामूहिक रूप से यह बयान जारी किया है कि प्रदेश सरकार मंदिर को सरकारीकरण करने की बात न सोचे.

Brahmin assembly agitated over government acquisition of Baglamukhi temple
बगलामुखी मंदिर के सरकारी अधिग्रहण पर ब्राह्मण सभा उग्र
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Published : Mar 2, 2020, 8:35 PM IST

ज्वालामुखी: सियासी हवा से सुर्खियों में आए मां बगलामुखी मंदिर से रोजाना नई खबरें निकल कर सामने आ रही है. अब विश्व हिंदू परिषद व ब्राह्मण सभा मां बगलामुखी मंदिर के पक्ष में उतर आई है. उन्होंने अब सामूहिक रूप से यह बयान जारी किया है कि प्रदेश सरकार मंदिर को सरकारीकरण करने की बात न सोचे.

विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि मंदिर को सियासी अखाड़ा न बनाया जाए. बीते दिनों सीएम जयराम ठाकुर की जनसभा में पूर्व मंत्री रविंद्र रवि व सांसद व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने भी मंदिर की गतिविधियों पर शक जाहिर करते हुए इसे सरकारीकरण की बात कही थी. उसके बाद उसी बात पर राज्यसभा सांसद विप्लव ठाकुर ने भी इस मुद्दे को हवा दे दी, लेकिन ब्राह्मण सभा देहरा व विश्व हिंदू परिषद अब नेताओं के खिलाफ खड़ी होकर मंदिर ट्रस्ट के पक्षधर हो गए हैं.

वीडियो

ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष पुजारी मनोज भारद्वाज ने कहा कि मां बगलामुखी मंदिर में सारी व्यवस्था ठीक है. उन्होंने कहा कि हम सब यह चाहते हैं कि इस मंदिर का सरकारीकरण न हो. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि मंदिर में कमियां हैं तो वह बताएं, ताकि मंदिर दुरुस्त किया जा सके.

ब्राह्मण सभा देहरा के सचिव सुशील शर्मा ने कहा कि मां बगलामुखी मंदिर प्राचीन मंदिर है. यहां महंत के पिता ने इस मंदिर के निर्माण में बहुत मेहनत की है. मौजूदा महंत रजत गिरी भी मंदिर को ऊंचाइयों पर पहुंचाने में बहुत मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सभी मंदिरों में से बगलामुखी मंदिर स्वच्छता की दृष्टि से नम्बर एक पर है.

सुशील शर्मा ने कहा कि मंदिर ट्रस्ट की तरफ से लड़कियों की शादी व गरीब लोगों की मदद के लिए पैसा दिया जाता है. हमारे हिंदू लोग ही इस मंदिर के सरकारीकरण की बात कर रहे हैं, जिसका ब्राह्मण सभा विरोध करती है. उन्होंने कहा कि जो मंदिर सरकारी हो चुके हैं उनके अलावा अन्य किसी भी मंदिर को सरकारीकरण करने की बात आने पर इसका पुरजोर विरोध करेंगे.

विश्व हिंदू परिषद जिलाध्यक्ष पवन बजरंगी ने कहा कि मां बगलामुखी मंदिर का महंत के प्रयासों से ही जीर्णोद्धार हुआ है. विश्व के मानचित्र पर यह मंदिर है और यहां देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं. उन्होंने कहा कि यहां बहुत ही बढ़िया व्यवस्था है. सभी सरकारी मंदिरों से ज्यादा सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं. यहां 24 घंटे हवन होता हैं, जिससे वैज्ञानिक दृष्टि से भी यहां का वातावरण शुद्ध हो रहा है.

पवन बजरंगी ने कहा कि इस मंदिर को सियासी अखाड़ा नहीं बनने दिया जाएगा. विश्व हिंदू परिषद मंदिर के सरकार द्वारा अधिग्रहण के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि अगर व्यवस्था में कोई कमी है तो सरकार उसपर निगरानी रख सकती है.

ये भी पढ़ें: शिक्षक नहीं करेंगे उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन, पेपर जांच के रेट बढ़ाने की कर रहे मांग

ज्वालामुखी: सियासी हवा से सुर्खियों में आए मां बगलामुखी मंदिर से रोजाना नई खबरें निकल कर सामने आ रही है. अब विश्व हिंदू परिषद व ब्राह्मण सभा मां बगलामुखी मंदिर के पक्ष में उतर आई है. उन्होंने अब सामूहिक रूप से यह बयान जारी किया है कि प्रदेश सरकार मंदिर को सरकारीकरण करने की बात न सोचे.

विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि मंदिर को सियासी अखाड़ा न बनाया जाए. बीते दिनों सीएम जयराम ठाकुर की जनसभा में पूर्व मंत्री रविंद्र रवि व सांसद व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने भी मंदिर की गतिविधियों पर शक जाहिर करते हुए इसे सरकारीकरण की बात कही थी. उसके बाद उसी बात पर राज्यसभा सांसद विप्लव ठाकुर ने भी इस मुद्दे को हवा दे दी, लेकिन ब्राह्मण सभा देहरा व विश्व हिंदू परिषद अब नेताओं के खिलाफ खड़ी होकर मंदिर ट्रस्ट के पक्षधर हो गए हैं.

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ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष पुजारी मनोज भारद्वाज ने कहा कि मां बगलामुखी मंदिर में सारी व्यवस्था ठीक है. उन्होंने कहा कि हम सब यह चाहते हैं कि इस मंदिर का सरकारीकरण न हो. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि मंदिर में कमियां हैं तो वह बताएं, ताकि मंदिर दुरुस्त किया जा सके.

ब्राह्मण सभा देहरा के सचिव सुशील शर्मा ने कहा कि मां बगलामुखी मंदिर प्राचीन मंदिर है. यहां महंत के पिता ने इस मंदिर के निर्माण में बहुत मेहनत की है. मौजूदा महंत रजत गिरी भी मंदिर को ऊंचाइयों पर पहुंचाने में बहुत मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सभी मंदिरों में से बगलामुखी मंदिर स्वच्छता की दृष्टि से नम्बर एक पर है.

सुशील शर्मा ने कहा कि मंदिर ट्रस्ट की तरफ से लड़कियों की शादी व गरीब लोगों की मदद के लिए पैसा दिया जाता है. हमारे हिंदू लोग ही इस मंदिर के सरकारीकरण की बात कर रहे हैं, जिसका ब्राह्मण सभा विरोध करती है. उन्होंने कहा कि जो मंदिर सरकारी हो चुके हैं उनके अलावा अन्य किसी भी मंदिर को सरकारीकरण करने की बात आने पर इसका पुरजोर विरोध करेंगे.

विश्व हिंदू परिषद जिलाध्यक्ष पवन बजरंगी ने कहा कि मां बगलामुखी मंदिर का महंत के प्रयासों से ही जीर्णोद्धार हुआ है. विश्व के मानचित्र पर यह मंदिर है और यहां देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं. उन्होंने कहा कि यहां बहुत ही बढ़िया व्यवस्था है. सभी सरकारी मंदिरों से ज्यादा सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं. यहां 24 घंटे हवन होता हैं, जिससे वैज्ञानिक दृष्टि से भी यहां का वातावरण शुद्ध हो रहा है.

पवन बजरंगी ने कहा कि इस मंदिर को सियासी अखाड़ा नहीं बनने दिया जाएगा. विश्व हिंदू परिषद मंदिर के सरकार द्वारा अधिग्रहण के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि अगर व्यवस्था में कोई कमी है तो सरकार उसपर निगरानी रख सकती है.

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