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कायाकल्प में मधुमेह रोग को लेकर कार्यशाला, शांता कुमार ने बतौर मुख्यातिथि की शिरकत

प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान कायाकल्प में मधुमेह रोग पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया. इस दो दिवसीय कार्यशाला में ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की.

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Published : Feb 23, 2020, 7:30 AM IST

Shanta Kumar at kayakalap Seminar in Palampur
कायाकल्प में मधुमेह रोग कार्यशाला में शांता कुमार

पालमपुरः विवेकानंद ट्रस्ट के तहत प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान कायाकल्प में मधुमेह रोग पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया. इस दो दिवसीय कार्यशाला में ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. इस कार्यशाला भोपाल, नागपुर, चैनई, कनार्टक और धर्मशाला के संस्थानों से लगभग 40 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया.

इस दौरान शांता कुमार ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि के चलते भारत में अत्यधिक विकास के साथ बीमारियों में भी वृद्धि हुई है. इसके लिए अब हमें पुरानी पद्धती पर आकर इसमें अंकुश लगाना होगा. ऐलोपैथी में भी लगातार अनुसंधान होने के चलते बीमारियों पर अंकुश लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन पुरानी पद्धति योग और प्राकृतिक चिकित्सा ही इसका उचित विकल्प है. लगातार बढ़ रही बीमारियों के चलते विश्व में अब फिर से आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा पर बल दिया जा रहा है.

Shanta Kumar at kayakalap Seminar in Palampur
कायाकल्प में मधुमेह रोग को लेकर कार्यशाला का आयोजन

कार्यशाला के पहले दिन मुंबई से आए मुख्य वक्ता डॉ. मिलन पाटिल ने मधुमेह रोग के निदान और बचाव पर विस्तृत से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा से इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है. अपने रहन-सहन और खान-पान में हल्का बदलाव कर इस बीमारी पर अंकुश संभव है.

ये भी पढ़ें: लाल रंग से बना ये रंग महल अपनी बदहाली पर बहा रहा आंसू, प्रशासन बना अंजान

पालमपुरः विवेकानंद ट्रस्ट के तहत प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान कायाकल्प में मधुमेह रोग पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया. इस दो दिवसीय कार्यशाला में ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. इस कार्यशाला भोपाल, नागपुर, चैनई, कनार्टक और धर्मशाला के संस्थानों से लगभग 40 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया.

इस दौरान शांता कुमार ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि के चलते भारत में अत्यधिक विकास के साथ बीमारियों में भी वृद्धि हुई है. इसके लिए अब हमें पुरानी पद्धती पर आकर इसमें अंकुश लगाना होगा. ऐलोपैथी में भी लगातार अनुसंधान होने के चलते बीमारियों पर अंकुश लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन पुरानी पद्धति योग और प्राकृतिक चिकित्सा ही इसका उचित विकल्प है. लगातार बढ़ रही बीमारियों के चलते विश्व में अब फिर से आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा पर बल दिया जा रहा है.

Shanta Kumar at kayakalap Seminar in Palampur
कायाकल्प में मधुमेह रोग को लेकर कार्यशाला का आयोजन

कार्यशाला के पहले दिन मुंबई से आए मुख्य वक्ता डॉ. मिलन पाटिल ने मधुमेह रोग के निदान और बचाव पर विस्तृत से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा से इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है. अपने रहन-सहन और खान-पान में हल्का बदलाव कर इस बीमारी पर अंकुश संभव है.

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