शिमला: कांगड़ा एक ओबीसी बहुल क्षेत्र है. ऐसी बात नहीं कि क्षेत्र में हमारी पकड़ नहीं, संगठन का काम है जोड़ना न कि तोड़ना. राजनेताओं का काम है क्षेत्र का विकास करवाना जिसको मैं पूरी तरह निभा रहा हूं. किसको क्या परेशानी है यह बात तो अब मुख्यमंत्री के समक्ष होगी. यह बात भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री रमेश धवाला ने कही.
भाजपा के ज्वालामुखी में उपजा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले दिनों ज्वालामुखी मंडल के भंग होने के बाद खफा धवाला अब जयराम के दरबार पहुंच गए हैं. धवाला का कहना है कि जो लोग वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहे हैं उनको पार्टी से निकाल दिया गया है और जिन लोगों ने भाजपा के खिलाफ कार्य किया है, उनको भाजपा संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश धवाला के निशाने पर संगठन के कई नेता हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष भी इसकी शिकायत की थी. अब धवाला दोबारा सीएम जयराम ठाकुर से मिलने आ रहे हैं.
धवाला ने कहा कि वह पार्टी में किसी प्रकार की बगावत नहीं कर रहे हैं, लेकिन बाहर से लाए लोगों को संगठन में तरजीह दी जा रही है. जनप्रतिनिधियों को दरकिनार कर अपने चहेतों को उच्च पदों पर बिठा दिया है. ऐसे में पार्टी को सिर्फ कांगड़ा जिला में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में नुक्सान हो रहा है.
धवाला ने कहा कि कुछ लोग जो उनका विरोध तो करते ही हैं, लेकिन लोकसभा के चुनावों में भी ऐसे लोगों ने कांग्रेस का काम किया है. ऐसे लोगों को जिला और मंडल में महत्वपूर्ण पदों पर बिठा दिया गया है.
ऐसे लोगों के खिलाफ ज्वालामुखी मंडल के लोगों ने विरोध किया और संगठन से पूछा था कि हम लोगों की क्या गलती है, जो वर्षों से पार्टी का कार्य कर रहे हैं. उनको पीछे कर के कांग्रेस के लोगों को भाजपा में लाकर ऊपर बिठाया जा रहा है. इसी कारण कुछ दिन पहले ज्वालामुखी मंडल से भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को बाहर किया गया.
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