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करीब दो दिनों का कठिन सफर तयकर प्रशासन पहुंचेगा बड़ा भंगाल, ग्रामीणों के साथ मनाएंगे आजादी का जश्न

सरकार लोगों को बेहतर सुविधाएं देने की बात करती है, लेकिन आजादी के 70 से ज्यादा साल बीत जाने के बाद भी कई गांव ऐसे हैं, जहां आज तक मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंची है. एक ऐसा ही गांव कांगड़ा जिले में है. हम बात कर रहे हैं, कांगड़ा जिले के अति दुर्गम गांव बड़ा भंगाल की. स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ प्रदेश के सबसे दुर्गम बड़ा भंगाल के लिए नया सूरज लेकर आने वाली है. कबायली जीवन जी रहे लोग स्वतंत्रता दिवस समारोह में किसी अधिकारी को अपने जीवन में पहली बार राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हुए देखेंगे.

बड़ा भंगाल गांव
बड़ा भंगाल गांव
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Published : Jul 25, 2021, 1:42 PM IST

Updated : Jul 25, 2021, 3:15 PM IST

कांगड़ा: स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ प्रदेश के सबसे दुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल के लिए नया सूरज लेकर आने वाली है. कबायली जीवन जी रहे लोग स्वतंत्रता दिवस समारोह में किसी अधिकारी को अपने जीवन में पहली बार राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हुए देखेंगे.

जी हां, यह बात सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन यह सच है कि दुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल पहली पहली बार प्रशासनिक अमला पहुंच रहा है और वहां रहने वाले लोगों को यह बताएगा कि देश के संसाधनों पर उनका भी अधिकार है. कांगड़ा जिले का बड़ा भंगाल क्षेत्र जितना दुर्गम है, विकास की दौड़ में उतना ही पिछड़ा हुआ है. यहां पहुंचने के लिए ना कोई यातायात का साधन है और ना ही कोई हवाई व्यवस्था का प्रावधान है. इस गांव में ना बिजली की व्यवस्था है और ना ही टेलीफोन की.

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21वीं सदी में भी यहां के लोग आज भी असुविधाओं के बीच जीवन जीने को मजबूर हैं. विकास के नाम पर सरकार ने यहां पर हाई स्कूल तक की व्यवस्था की है, लेकिन इस स्कूल में स्टाफ का सदा ही अभाव रहा है. आयुर्वेदिक अस्पताल और पशुओं के लिए भी औषधालय की व्यवस्था है, लेकिन स्टाफ व दवाओं की कमी हमेशा यहां पर लोगों को खलती है.

यहां पहुंचने के लिए राजगुंधा होते हुए 3 दिन पैदल चलना पड़ता है या वाया होली होते हुए 2 दिन पैदल चलकर पहुंचा जा सकता है. दुर्गम होने के चलते यहां पर सरकार की ओर से सुविधाएं पहुंचाना भी आसान नहीं है. बड़ा भंगाल पंचायत बैजनाथ उपमंडल के तहत है. ऐसे में उपमंडल अधिकारी बैजनाथ ने पहली बार यह प्रयास किया है कि 15 अगस्त के दिन उपमंडल स्तर का स्वतंत्रता दिवस समारोह इस दुर्गम पंचायत में आयोजित किया जाए.

स्वतंत्रता दिवस समारोह के साथ-साथ उन्होंने यहां पर प्रशासन आपके द्वार कार्यक्रम आयोजित करने का भी फैसला लिया है. इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य, कृषि और राजस्व विभाग के अतिरिक्त विकासखंड बैजनाथ के अधिकारियों की एक टीम भी मौके पर मौजूद रहेगी और लोगों को उनके हकों से अवगत करवाएंगे.

एसडीएम बैजनाथ सलीम आजम कहते हैं कि जब उन्होंने इस गांव की स्थिति के बारे में जाना और जब यह पता चला कि वहां पर आज तक प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचे हैं. तब उन्होंने यह फैसला लिया कि इस बार का उपमंडल स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह बड़ा भंगाल में आयोजित किया जाएगा. इस दिन वहां पर प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं को सुनकर, सुलझाने का प्रयास किया जाएगा.

यहां पहुंचना कठिन है, इसलिए अधिकारियों की टीम को लेकर वह 11 अगस्त को रवाना हो जाएंगे, ताकि स्वतंत्रता दिवस समारोह से 1 दिन पहले वहां पहुंचा जा सके और वहां पर कार्यक्रम की व्यवस्थाओं को अंजाम दे सकें. प्रशासनिक दस्ते के रवाना होने से एक दिन पहले पुलिस की टीम को बड़ा बंगाल के लिए रवाना कर दिया जाएगा, ताकि वह वहां पर पहुंचकर व्यवस्था देख सकें.

उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके, इस मकसद को लेकर ही वह इस दुर्गम क्षेत्र में स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित करने का प्रयास कर रहे हैं. दुर्गम क्षेत्र बड़ा बंगाल पंचायत में ढाई सौ के करीब परिवार रहते हैं.

प्रशासन के इस फैसले पर ग्रामीणों में खुशी की लहर है. बड़ा भंगाल के प्रधान ने कहा है कि यह पहला अवसर है जो किसी अधिकारी ने बड़ा भंगाल के लिए इतना बड़ा कदम उठाया है.

ये भी पढ़ें: पंचतत्व में विलीन हुए शहीद कमल वैद्य, नम आंखों से लोगों ने दी अंतिम विदाई

कांगड़ा: स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ प्रदेश के सबसे दुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल के लिए नया सूरज लेकर आने वाली है. कबायली जीवन जी रहे लोग स्वतंत्रता दिवस समारोह में किसी अधिकारी को अपने जीवन में पहली बार राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हुए देखेंगे.

जी हां, यह बात सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन यह सच है कि दुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल पहली पहली बार प्रशासनिक अमला पहुंच रहा है और वहां रहने वाले लोगों को यह बताएगा कि देश के संसाधनों पर उनका भी अधिकार है. कांगड़ा जिले का बड़ा भंगाल क्षेत्र जितना दुर्गम है, विकास की दौड़ में उतना ही पिछड़ा हुआ है. यहां पहुंचने के लिए ना कोई यातायात का साधन है और ना ही कोई हवाई व्यवस्था का प्रावधान है. इस गांव में ना बिजली की व्यवस्था है और ना ही टेलीफोन की.

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21वीं सदी में भी यहां के लोग आज भी असुविधाओं के बीच जीवन जीने को मजबूर हैं. विकास के नाम पर सरकार ने यहां पर हाई स्कूल तक की व्यवस्था की है, लेकिन इस स्कूल में स्टाफ का सदा ही अभाव रहा है. आयुर्वेदिक अस्पताल और पशुओं के लिए भी औषधालय की व्यवस्था है, लेकिन स्टाफ व दवाओं की कमी हमेशा यहां पर लोगों को खलती है.

यहां पहुंचने के लिए राजगुंधा होते हुए 3 दिन पैदल चलना पड़ता है या वाया होली होते हुए 2 दिन पैदल चलकर पहुंचा जा सकता है. दुर्गम होने के चलते यहां पर सरकार की ओर से सुविधाएं पहुंचाना भी आसान नहीं है. बड़ा भंगाल पंचायत बैजनाथ उपमंडल के तहत है. ऐसे में उपमंडल अधिकारी बैजनाथ ने पहली बार यह प्रयास किया है कि 15 अगस्त के दिन उपमंडल स्तर का स्वतंत्रता दिवस समारोह इस दुर्गम पंचायत में आयोजित किया जाए.

स्वतंत्रता दिवस समारोह के साथ-साथ उन्होंने यहां पर प्रशासन आपके द्वार कार्यक्रम आयोजित करने का भी फैसला लिया है. इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य, कृषि और राजस्व विभाग के अतिरिक्त विकासखंड बैजनाथ के अधिकारियों की एक टीम भी मौके पर मौजूद रहेगी और लोगों को उनके हकों से अवगत करवाएंगे.

एसडीएम बैजनाथ सलीम आजम कहते हैं कि जब उन्होंने इस गांव की स्थिति के बारे में जाना और जब यह पता चला कि वहां पर आज तक प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचे हैं. तब उन्होंने यह फैसला लिया कि इस बार का उपमंडल स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह बड़ा भंगाल में आयोजित किया जाएगा. इस दिन वहां पर प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं को सुनकर, सुलझाने का प्रयास किया जाएगा.

यहां पहुंचना कठिन है, इसलिए अधिकारियों की टीम को लेकर वह 11 अगस्त को रवाना हो जाएंगे, ताकि स्वतंत्रता दिवस समारोह से 1 दिन पहले वहां पहुंचा जा सके और वहां पर कार्यक्रम की व्यवस्थाओं को अंजाम दे सकें. प्रशासनिक दस्ते के रवाना होने से एक दिन पहले पुलिस की टीम को बड़ा बंगाल के लिए रवाना कर दिया जाएगा, ताकि वह वहां पर पहुंचकर व्यवस्था देख सकें.

उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके, इस मकसद को लेकर ही वह इस दुर्गम क्षेत्र में स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित करने का प्रयास कर रहे हैं. दुर्गम क्षेत्र बड़ा बंगाल पंचायत में ढाई सौ के करीब परिवार रहते हैं.

प्रशासन के इस फैसले पर ग्रामीणों में खुशी की लहर है. बड़ा भंगाल के प्रधान ने कहा है कि यह पहला अवसर है जो किसी अधिकारी ने बड़ा भंगाल के लिए इतना बड़ा कदम उठाया है.

ये भी पढ़ें: पंचतत्व में विलीन हुए शहीद कमल वैद्य, नम आंखों से लोगों ने दी अंतिम विदाई

Last Updated : Jul 25, 2021, 3:15 PM IST
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