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इंसानियत की मिसाल: देहरा के ये युवा बुझा रहे बेजुबानों के पेट की आग

लॉकडाउन के दौरान बंदरों को खाना नहीं मिल रहा. जिस वजह से ये बंदर दिन ब दिन आक्रमक होते जा रहे हैं. इसके मध्यनजर कांगड़ा के देहरा के युवा इन्ही आवारा बंदरों को खाना खिला रहे हैं.

Awake youth feeding hungry monkeys in Kangra
इंसानियत की मिसाल
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Published : Apr 20, 2020, 6:37 PM IST

Updated : Apr 20, 2020, 8:43 PM IST

कांगड़ा: देश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना वायरस के कारण देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन लागू है. देश भर में लगे लॉकडाउन से इंसानों के साथ-साथ बेजुबान पशुओं को भी खाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आवारा पशुओं का दर्द समझते हुए देहरा के समाजसेवी मुकेश वालिया और उनके साथी सन्नी ठाकुर ने बंदरों और अन्य आवारा पशुओं के खाने का प्रबंध किया है.

बता दें कि देहरा के समाजसेवी मुकेश वालिया और उनके साथी सन्नी ठाकुर इन दिनों बंदरो और आवारा पशुओं के लिए घर से रोटी, केले, सब्जी, सेब और ब्रेड लेकर अपनी इस मुहिम को अंजाम दे रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

मुकेश वालिया और सन्नी ठाकुर किसी भी समाजिक संस्था से संबंध नहीं रखते हैं. यह दोनों अपने खुद के बलबूते पर कई सालों से पुश सेवा में जुटे हुए हैं. यह दोनों जागरुक युवा पिछले कई सालों से घायल पशुओं की मलहम पट्टी और उनकी देखरेख भी कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: कोरोना संकट: हेलो मां! मैं विदेश में लॉकडाउन हूं...बस अपना ख्याल रखना

कांगड़ा: देश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना वायरस के कारण देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन लागू है. देश भर में लगे लॉकडाउन से इंसानों के साथ-साथ बेजुबान पशुओं को भी खाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आवारा पशुओं का दर्द समझते हुए देहरा के समाजसेवी मुकेश वालिया और उनके साथी सन्नी ठाकुर ने बंदरों और अन्य आवारा पशुओं के खाने का प्रबंध किया है.

बता दें कि देहरा के समाजसेवी मुकेश वालिया और उनके साथी सन्नी ठाकुर इन दिनों बंदरो और आवारा पशुओं के लिए घर से रोटी, केले, सब्जी, सेब और ब्रेड लेकर अपनी इस मुहिम को अंजाम दे रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

मुकेश वालिया और सन्नी ठाकुर किसी भी समाजिक संस्था से संबंध नहीं रखते हैं. यह दोनों अपने खुद के बलबूते पर कई सालों से पुश सेवा में जुटे हुए हैं. यह दोनों जागरुक युवा पिछले कई सालों से घायल पशुओं की मलहम पट्टी और उनकी देखरेख भी कर रहे हैं.

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Last Updated : Apr 20, 2020, 8:43 PM IST
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