धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में इस साल भले ही कांगड़ा चाय उत्पादन में वृद्धि हुई है, लेकिन ऑक्शन में खरीदार चाय खरीद में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. आलम यह है कि धर्मशाला से कोलकाता ऑक्शन के लिए भेजी गई कुल चाय में से 25 फीसदी अभी भी खरीदी नहीं गई है. इसके अलावा इस बार कांगड़ा चाय के दाम भी पिछले साल की तुलना में 25 फीसदी कम हो गए हैं.
धर्मशाला टी फैक्टरी के मैनेजर अमनपाल सिंह ने बताया कि इस बार काफी कम चाय बाहर के देशों को निर्यात की गई है. इंटरनेशनल फैक्टर का इफेक्ट भी चाय की खरीद में सामने आ रहा है, क्योंकि ईरान चाय खरीद में इस बार ज्यादा सक्रियता नहीं दिखा रहा है. कांगड़ा चाय ऑक्शन के बाद यूक्रेन, रसिया भी जाती थी, लेकिन इस बार हालात बिल्कुल बदले हुए हैं. जिससे कांगड़ा चाय की ब्रिकी बहुत कम रह गई है.
अमनपाल सिंह ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल कांगड़ा चाय का रेट 25 फीसदी कम है. जो चाय ऑक्शन के लिए भेजी जाती है, अगर उसे खरीददार नहीं मिलता तो चाय वापस आ जाती है और उसे दोबारा सेल के लिए जाने में एक माह का समय लग जाता है. जहां पर चाय को स्टोर किया जाता है. कंपनी को उसका भी किराया लगातार देना पड़ता है, जिसका कंपनी पर अतिरिक्त बोझ रहता है.
अमनपाल सिंह ने बताया कि इस बार उत्पादकों को बारिश अच्छी होने से को चाय उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद थी. उम्मीदों के अनुरूप उत्पादन में 15 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई, लेकिन सेल न होने की वजह से उत्पादकों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. धर्मशाला चाय फैक्टरी में पिछले साल 1.45 लाख किलोग्राम कांगड़ा चाय का उत्पादन हुआ था, जो कि इस साल बढ़कर 1.60 लाख किलोग्राम पहुंच गया है.
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