धर्मशालाः नूरपुर उपमंडल स्थित एक निजी स्कूल ने फीस जमा न करवाने पर पहली और दूसरी कक्षा के छह बच्चों को स्कूल से निकाल दिया गया है. स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों को निकालने की कार्रवाई से आहत अभिभावक अपने बच्चों को लेकर आज डीसी कांगड़ा के पास पहुंचे.
अभिभावकों का कहना है कि वे फीस देने को तैयार हैं, लेकिन स्कूल प्रिंसिपल उनकी बात मानने को राजी नहीं है. ऐसे में उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है. निजी स्कूल से निकाले गए छह बच्चों के अभिभावकों ने डीसी को सौंपे शिकायत पत्र में स्कूल प्रशासन पर बच्चों व उन्हें मानसिक रुप से प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है.
शिकायत करने पहुंचे एक अभिभावक ने बताया कि जिस स्कूल में उनके बच्चे पढ़ते हैं, उसी स्कूल में वो ड्राईवर के रुप में कार्यरत है. अभिभावकों ने बतया कि जिस समय बच्चों की स्कूल में एडमिशन करवाई थी तो उस बच्चों की फीस 120 रुपये थी. उसके बाद स्कूल द्वारा दूसरे सत्र में फीस 1060 रुपये कर दी गई. उन्होंने बताया कि हमने अक्तूबर 2018 तक बच्चों की फीस 1060 रुपये के हिसाब से अदा कर दी थी, लेकिन उसके बाद स्कूल के प्रिंसिपल ने फीस लेने से मना कर दिया है.
अभिभावकों का कहना है कि अब प्रिंसिपल उन्हें अक्तूबर 2018 से लेकर मार्च 2019 तक 2380 रुपये के हिसाब से फीस जमा करवाने के लिए कहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मार्च माह में प्रिंसिपल ने बच्चों का रिपोर्ट कार्ड भी नहीं दिया, जिस पर उन्होंने एसडीएम नूरपुर के सहयोग से रिपोर्ट कार्ड प्राप्त किए. अभिभावकों का कहना है कि वे फीस देने को राजी हैं, लेकिन प्रिंसिपल इसके लिए तैयार नहीं है. अब प्रिंसिपल ने बच्चों को स्कूल से निकाल दिया है.
डीसी कांगड़ा संदीप कुमार ने बताया कि नूरपुर के एक स्कूल प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों के बच्चों को निकाल दिया गया है. स्कूल में चल रहे विवाद का खामियाजा बच्चों को न भुगतना पड़े यह सुनिश्चित किया जाएगा तथा एक-दो दिन में मामले को सुलझा लिया जाएगा.