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हिमाचल के 580 लोगों को लेकर ठाणे से पठानकोट पहुंची स्पेशल ट्रेन, 28 बसों से भेजे गए होम डिस्ट्रिक्ट - बाहरी राज्यों में फंसे हिमाचल के लोग

लंबे समय से अपनों से मिलने के लिए बेताब लोगों का प्रदेश सरकार के प्रयासों से घर पहुंचने का सपना साकार हो गया है. ठाणे (महाराष्ट्र) से 580 यात्रियों को लेकर एक विशेष ट्रेन रविवार को पठानकोट पहुंची. मेडिकल टेस्ट के बाद सभा को एचआरटीसी की 28 बसों के जरिए उनके जिलों में बने क्वारंटाइन सेंटर मे भेजा गया है.

580 People of Himachal reach Pathakot from Thane by special train
हिमाचल लौटे लोग.
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Published : May 24, 2020, 3:26 PM IST

Updated : May 24, 2020, 4:12 PM IST

नूरपुर/कांगड़ा: लॉकडाउन के कारण बाहरी राज्यों में फंसे प्रदेश के 11 जिलों के 580 लोगों को लेकर आज एक और विशेष ट्रेन सुबह 5.40 बजे ठाणे (महाराष्ट्र) से पठानकोट के चक्की बैंक रेलवे स्टेशन पर पहुंची. किन्ही कारणों से ट्रेन 5 घंटे देरी से पठानकोट पहुंची. स्टेशन से बाहर निकलते ही यात्रियों के चेहरों पर न तो सफर की कोई थकान और न ही किसी बीमारी का डर दूर-दूर तक नजर आ रहा था. उनके चेहरों पर अपने गंतव्य की ओर जाने और अपनों से मिलने की खुशी की झलक साफ दिख रही थी.

स्टेशन पहुंचने पर एडीएम डॉ. एमआर भारद्वाज, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार, एसडीएम डॉ. सुरेन्द्र ठाकुर, डीएसपी डॉ. साहिल अरोड़ा, नायब तहसीलदार देस राज ठाकुर सहित अन्य जिलों से यात्रियों को लेने के लिए तैनात नोडल अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. यह ट्रेन शुक्रवार को ठाणे से रवाना हुई थी। पुलिस तथा प्रशासन द्वारा ट्रेन पहुंचने से पहले यात्रियों को ट्रेन से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए बाहर लाने के विशेष प्रबंध किए गए थे.

गौरतलब है कि इसी सप्ताह चेन्नई तथा हैदराबाद में फंसे 377 हिमाचलियों को लेकर भी दो विशेष ट्रेनें पठानकोट पहुंची थी. स्टेशन पहुंचने पर डॉ. अनुराधा शर्मा ने यात्रियों की थर्म ली स्क्रीनिंग की थी. इसके बाद उन्हें एचआरटीसी की विशेष बसों के जरिए उनके जिलों में बनाए गए संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में भेजा गया था.

वीडियो रिपोर्ट.

इस बारे जानकारी देते हुए एडीएम डॉ. एमआर भारद्वाज ने बताया कि इन सभी लोगों को एचआरटीसी की 28 विशेष बसों के द्वारा अपने-अपने जिलों में बनाए गए संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों के लिए रवाना किया गया. सभी यात्रियों को प्रशासन द्वारा फूड के पैकेट, फ्रूट, जूस और पानी की विशेष व्यवस्था की गई थी.

जिला ठाणे (महाराष्ट्र) से लौटे लोग
कांगड़ा245
हमीरपुर101
मंडी67
ऊना47
बिलासपुर34
चंबा26
शिमला20
सोलन15
सिरमौर16
कुल्लू06
किन्नौर03

क्वारंटाइन सेंटर्स में किए गए विशेष इंतजाम

एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि कांगड़ा जिला के यात्रियों को प्रशासन द्वारा परौर में बनाए गए संस्थागत क्वारंटाइन केंद्र में भेजा गया है, जबकि अन्य जिलों के यात्रियों को उनके जिलों में बनाए गए संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में रखा जाएगा, जहां पर प्रशासन द्वारा इनके ठहरने व खाने-पीने की विशेष व्यवस्था की गई है. इन सभी यात्रियों को संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में डॉक्टरों की गहन निगरानी में रखा जाएगा.

मां के देहांत पर नहीं पहुंच सके थे घर

मुंबई में डायमंड कंपनी में काम करने वाले हमीरपुर जिले के नादौन निवासी जो अपनी पत्नी निशा तथा बेटे ध्रुव व रियांश के साथ पहुंचे तो उन्होंने बताया कि उनकी मां का अप्रैल माह में देहांत हो गया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण वे घर नहीं पहुंच सके.

घर वापस पहुंचने की छोड़ दी थी उम्मीद

ऊना जिले के राजेश सिंह पटियाल अपने परिवार के साथ पठानकोट रेलवे स्टेशन पहुंचे. उन्होंने बताया कि उन्हें कभी नहीं लगता था कि लॉकडाउन के बीच वे अपने-अपने घरों में वापस पहुंच पाएंगे. इसी ट्रेन में हमीरपुर जिला के यात्री विशाल अपनी पत्नी शिखा और एक वर्ष के बेटे कार्तिक के साथ पहुंचे तो उन्होंने बताया कि हमारे परिवार ने अपने घर पहुंचने की उम्मीद ही छोड़ दी थी, परंतु हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रयासों से उनका घर पहुंचने का सपना पूरा हुआ है.

कोरोना संक्रमितों का बढ़ाना चाहिए हौसला

हमीरपुर ज़िला के नादौन की पूनम ठाकुर अपने पति राजीव और बेटी श्वेता के साथ पहुंची थी. उन्होंने कहा कि जहां से वे लौटे है, वहां पर कोरोना का संक्रमण बहुत ज्यादा है. हमें कोरोना से न तो घबराना चाहिए और न ही ऐसे मरीजों व उनके परिवारों से कोई भेदभाव रखना चाहिए. हमें मिलजुल कर इन मरीजों का हौंसला बढ़ाने के साथ उनकी जरूरी मदद करनी चाहिए.

नूरपुर/कांगड़ा: लॉकडाउन के कारण बाहरी राज्यों में फंसे प्रदेश के 11 जिलों के 580 लोगों को लेकर आज एक और विशेष ट्रेन सुबह 5.40 बजे ठाणे (महाराष्ट्र) से पठानकोट के चक्की बैंक रेलवे स्टेशन पर पहुंची. किन्ही कारणों से ट्रेन 5 घंटे देरी से पठानकोट पहुंची. स्टेशन से बाहर निकलते ही यात्रियों के चेहरों पर न तो सफर की कोई थकान और न ही किसी बीमारी का डर दूर-दूर तक नजर आ रहा था. उनके चेहरों पर अपने गंतव्य की ओर जाने और अपनों से मिलने की खुशी की झलक साफ दिख रही थी.

स्टेशन पहुंचने पर एडीएम डॉ. एमआर भारद्वाज, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार, एसडीएम डॉ. सुरेन्द्र ठाकुर, डीएसपी डॉ. साहिल अरोड़ा, नायब तहसीलदार देस राज ठाकुर सहित अन्य जिलों से यात्रियों को लेने के लिए तैनात नोडल अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. यह ट्रेन शुक्रवार को ठाणे से रवाना हुई थी। पुलिस तथा प्रशासन द्वारा ट्रेन पहुंचने से पहले यात्रियों को ट्रेन से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए बाहर लाने के विशेष प्रबंध किए गए थे.

गौरतलब है कि इसी सप्ताह चेन्नई तथा हैदराबाद में फंसे 377 हिमाचलियों को लेकर भी दो विशेष ट्रेनें पठानकोट पहुंची थी. स्टेशन पहुंचने पर डॉ. अनुराधा शर्मा ने यात्रियों की थर्म ली स्क्रीनिंग की थी. इसके बाद उन्हें एचआरटीसी की विशेष बसों के जरिए उनके जिलों में बनाए गए संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में भेजा गया था.

वीडियो रिपोर्ट.

इस बारे जानकारी देते हुए एडीएम डॉ. एमआर भारद्वाज ने बताया कि इन सभी लोगों को एचआरटीसी की 28 विशेष बसों के द्वारा अपने-अपने जिलों में बनाए गए संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों के लिए रवाना किया गया. सभी यात्रियों को प्रशासन द्वारा फूड के पैकेट, फ्रूट, जूस और पानी की विशेष व्यवस्था की गई थी.

जिला ठाणे (महाराष्ट्र) से लौटे लोग
कांगड़ा245
हमीरपुर101
मंडी67
ऊना47
बिलासपुर34
चंबा26
शिमला20
सोलन15
सिरमौर16
कुल्लू06
किन्नौर03

क्वारंटाइन सेंटर्स में किए गए विशेष इंतजाम

एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि कांगड़ा जिला के यात्रियों को प्रशासन द्वारा परौर में बनाए गए संस्थागत क्वारंटाइन केंद्र में भेजा गया है, जबकि अन्य जिलों के यात्रियों को उनके जिलों में बनाए गए संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में रखा जाएगा, जहां पर प्रशासन द्वारा इनके ठहरने व खाने-पीने की विशेष व्यवस्था की गई है. इन सभी यात्रियों को संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में डॉक्टरों की गहन निगरानी में रखा जाएगा.

मां के देहांत पर नहीं पहुंच सके थे घर

मुंबई में डायमंड कंपनी में काम करने वाले हमीरपुर जिले के नादौन निवासी जो अपनी पत्नी निशा तथा बेटे ध्रुव व रियांश के साथ पहुंचे तो उन्होंने बताया कि उनकी मां का अप्रैल माह में देहांत हो गया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण वे घर नहीं पहुंच सके.

घर वापस पहुंचने की छोड़ दी थी उम्मीद

ऊना जिले के राजेश सिंह पटियाल अपने परिवार के साथ पठानकोट रेलवे स्टेशन पहुंचे. उन्होंने बताया कि उन्हें कभी नहीं लगता था कि लॉकडाउन के बीच वे अपने-अपने घरों में वापस पहुंच पाएंगे. इसी ट्रेन में हमीरपुर जिला के यात्री विशाल अपनी पत्नी शिखा और एक वर्ष के बेटे कार्तिक के साथ पहुंचे तो उन्होंने बताया कि हमारे परिवार ने अपने घर पहुंचने की उम्मीद ही छोड़ दी थी, परंतु हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रयासों से उनका घर पहुंचने का सपना पूरा हुआ है.

कोरोना संक्रमितों का बढ़ाना चाहिए हौसला

हमीरपुर ज़िला के नादौन की पूनम ठाकुर अपने पति राजीव और बेटी श्वेता के साथ पहुंची थी. उन्होंने कहा कि जहां से वे लौटे है, वहां पर कोरोना का संक्रमण बहुत ज्यादा है. हमें कोरोना से न तो घबराना चाहिए और न ही ऐसे मरीजों व उनके परिवारों से कोई भेदभाव रखना चाहिए. हमें मिलजुल कर इन मरीजों का हौंसला बढ़ाने के साथ उनकी जरूरी मदद करनी चाहिए.

Last Updated : May 24, 2020, 4:12 PM IST
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