नुरपूर: कई दिनों से अपनों से मिलने का इंतजार कर रहे लोगों के दिलों को उस समय बड़ा सुकून मिला जब चेन्नई सेंट्रल से एक और ट्रेन सोमवार दोपहर 2.15 बजे चक्की बैंक स्टेशन पठानकोट पहुंची. यह गाड़ी 23 मई को चेन्नई सेंट्रल से उधमपुर के लिए शाम 5 बजे चली थी, जिसमें प्रदेश के 9 जिलों के 211 यात्री पहुंचे. पठानकोट पहुंचने पर एसडीएम डॉक्टर सुरेंद्र ठाकुर और नायब तहसीलदार देशराज ठाकुर ने प्रशासन की तरफ से उनका स्वागत किया. जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार के प्रयासों से अब तक देश के अन्य राज्यों में लॉकडाउन के कारण फंसे 868 हिमाचलियों की एक सप्ताह के भीतर पांच ट्रेनों के माध्यम से पठानकोट में वापसी हुई है.
क्वारंटाइन में भेजा गया
एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि इस ट्रेन से चंबा जिले के 94, कांगड़ा के 54 , मंडी के 26, हमीरपुर के 12, शिमला के 10, कुल्लू के 7, बिलासपुर के पांच, जबकि किन्नौर के 2 तथा ऊना का एक यात्री पहुंचा. जिन्हें एचआरटीसी की 11 बसों से भेजा गया. उन्होंने बताया कि कांगड़ा जिले के यात्रियों को प्रशासन ने शाहपुर में बनाए गए संस्थागत क्वारंटाइन केंद्र में भेजा गया है, जबकि अन्य जिलों के यात्रियों को उनके जिलों में बनाए गए संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में रखा जाएगा. जहां पर प्रशासन द्वारा इनके ठहरने व खान-पान की विशेष व्यवस्था की गई. उन्होंने बताया की सब यात्रियों के वहां पर कोविड-19 के सैंपल लिए जाएंगे. सैंपल की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हें अपने -अपने घरों में भेज दिया जाएगा. जहां पर उन्हें होम क्वारंटाइन में रह कर नियमों का पूरा पालन करना होगा.
भावकु हो गई दीपिका
कांगड़ा के फतेहपुर उपमंडल की गोलबां की दीपिका पठानिया चेन्नई में एमबीबीएस की डिग्री पूरी करने के बाद लॉकडाउन के कारण घर नहीं आ पा रही थी. प्रदेश पहुंचकर भावुक हो गई. दीपिका ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सभी से अपील की. देहरा उपमंडल के हरिपुर की शिल्पा भी चेन्नई में पढाई पूरी करने के घर आने का इंतजार कर रहीं थी. शिल्पा ने बताया कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि इस दौर में घर पहुंचने का सपना पूरा होगा.
रामपुर के रितिक ने बताया कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से वह अपने परिजनों से मिल पाएंगे. रामपुर के विद्युत प्रोजेक्ट में चीफ मैनेजर के पद पर कार्यरत जम्बोकेश्वरम जो अपनी बीमार मां को देखने अपने पैतृक शहर कन्याकुमारी गए थे, वह भी अपने नियुक्ति स्थान पर नहीं पहुंच पा रहे थे. उन्होंने बताया कि सरकार के प्रयासों से वह अपनी ड्यूटी पर पहुंच सकेंगे. चंबा के तीसा के शेर सिंह, विनोद, राजेश आदि ने बताया कि वे सभी चेन्नई में माल ढुलाई का काम करते थे, काम धंधा मंदा होने के कारण वे अपने घरों में आना चाहते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण घर आना मुश्किल लग रहा था. मुख्यमंत्री की वजह से वह पहुंच गए.