नादौनः विश्व भर में एक तरफ तो अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना कर महिलाओं के उत्थान के लिए बड़े-बड़े दावे जताए जा रहे थे. लेकिन इन सरकारी दावों की पोल विकासखंड में नादौन के झलाण गांव में खुलकर सामने आई है जहां एक बेसहारा अनुसूचित जाति की मंगला नामक महिला करीब ढाई वर्षों से पीने के पानी को तरस रही है.
जब इस संबंध में ग्राम पंचायत प्रधान झालाण अमिता ठाकुर से बात की तो उन्होंने बताया कि हाल ही में हुए पंचायत चुनाव के बाद उन्होंने झलाण पंचायत की बागडोर संभाली है और समस्या ध्यान में है जिसका हल करने के लिए जल शक्ति विभाग के साथ तालमेल बिठाकर कोई हल निकाल लिया जाएगा. मंगला देवी ने प्रदेश सरकार से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उसकी इस समस्या को हल करने की गुहार लगाई है.
दूरदराज के परंपरागत जल स्रोतों से लाने के लिए मजबूर
मंगला देवी पत्नी स्वर्गीय कमलेश कुमार करीब ढाई वर्षों से पेयजल को दूरदराज के परंपरागत जल स्रोतों से लाने के लिए मजबूर है. मंगला देवी ने बताया कि उसके घर पर नल तो लगा हुआ है परंतु उसके सगे संबंधी उसे पानी भरने की इजाजत नहीं देते. ऐसी परेशानी उसे उसके पति के देहांत के बाद पेश आई है.
उसका कहना है कि वह इस समस्या को लेकर कई बार जल शक्ति विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को बताया गया है. परंतु कोई भी उसकी बात नहीं सुनता है. मंगला का कहना है कि उपरोक्त समस्या के लिए मौखिक तौर पर उसने पंचायत प्रतिनिधियों सहित जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों को भी अवगत करवाया हुआ है, लेकिन उसकी फरियाद कोई भी सुनने को तैयार नहीं है. हैरानी की बात है कि गांव में ना तो सार्वजनिक नल है और ना ही इसके लिए निजी नल की व्यवस्था की जा रही है.
पंचायत से तालमेल बिठाकर समस्या का कर लिया जाएगा हल
उधर, जल शक्ति विभाग धनेटा के सहायक अभियंता राम कुमार ने कहा कि उन्हें आज ही मीडिया के माध्यम से इस समस्या का पता चला है और पंचायत से तालमेल बिठाकर समस्या का हल कर लिया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मंगला देवी के लिए कितना सार्थक सिद्ध होता है यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा. मंगला देवी ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि इस समस्या का जल्दी से जल्दी कोई हल निकाला जाए.
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