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जनमंच में बिलख-बिलख कर रो पड़ी 3 साल से बिस्तर में पड़े बेटे की मां, मंत्री ने दिया मदद का आश्वासन

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Published : Mar 4, 2019, 11:03 AM IST

हमीरपुर में जनमंच कार्यक्रम में अपनी परियाद लेकर पहुंची ममता देवी. बेटे के इलाज के लिए खा रही थीं दर-दर की ठोकरे. परिवहन मंत्री ने दिया मदद का आश्वासन. स्वास्थ्य विभाग को मेडिकल करवा कर पेंशन की औपचारिकताओं को पूरा करने के आदेश.

हमीरपुर में जनमंच के दौरान फरियाद करती बेबस मां

हमीरपुर: हमीरपुर जिले के नादौन विधानसभा क्षेत्र के गलोड़ में आयोजित जनमंच में 3 साल से बिस्तर पर पड़े बेटे के इलाज के लिए एक मां अपनी फरियाद लेकर पहुंची. कार्यक्रम में पहुंचे परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने महिला को मदद का आश्वासन दिया है.

हमीरपुर में जनमंच के दौरान फरियाद करती बेबस मां

हटली गांव की रहने वाली ममता देवी बताती हैं कि बेटे विकास की 3 साल पहले रीढ़ की हड्डी टूट गई थी. गांव वालों की इलाज कराया लेकिन पैसों की कमी के कारण इलाज कराना बंद कर दिया. बेटे को दिव्यांग पेंशन मिले इसके लिए 1 साल पहले हमीरपुर मेडिकल करवाने ले गई थी लेकिन वहां पर कोई डॉक्टर नहीं मिला और न ही किसी ने सुनवाई की. 2007 में पति के गुजर जाने के बाद ममता देवी का एक सहारा उनका बेटा था जो अब चल नहीं सकता है.

10th janmanch
हमीरपुर में जनमंच के दौरान फरियाद करती बेबस मां

सूबे के मुखिया जयराम ठाकुर तक मांग रख चुकी हूं लेकिन बेटे के इलाज के लिए कोई मदद नहीं मिली. एसडीएम और पटवारी घर आकर सारे बयान ले गए लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ.

ममता देवी को रोता देख जनमंच की अध्यक्षता कर रहे मंत्री गोविंद ठाकुर ने मंच पर बुलाया. मौके पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को महिला के गांव में एंबुलेंस भेज कर बेटे का मेडिकल करवा का पेंशन की औपचारिकताओं को पूरा करने के आदेश दिए हैं.

हमीरपुर: हमीरपुर जिले के नादौन विधानसभा क्षेत्र के गलोड़ में आयोजित जनमंच में 3 साल से बिस्तर पर पड़े बेटे के इलाज के लिए एक मां अपनी फरियाद लेकर पहुंची. कार्यक्रम में पहुंचे परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने महिला को मदद का आश्वासन दिया है.

हमीरपुर में जनमंच के दौरान फरियाद करती बेबस मां

हटली गांव की रहने वाली ममता देवी बताती हैं कि बेटे विकास की 3 साल पहले रीढ़ की हड्डी टूट गई थी. गांव वालों की इलाज कराया लेकिन पैसों की कमी के कारण इलाज कराना बंद कर दिया. बेटे को दिव्यांग पेंशन मिले इसके लिए 1 साल पहले हमीरपुर मेडिकल करवाने ले गई थी लेकिन वहां पर कोई डॉक्टर नहीं मिला और न ही किसी ने सुनवाई की. 2007 में पति के गुजर जाने के बाद ममता देवी का एक सहारा उनका बेटा था जो अब चल नहीं सकता है.

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हमीरपुर में जनमंच के दौरान फरियाद करती बेबस मां

सूबे के मुखिया जयराम ठाकुर तक मांग रख चुकी हूं लेकिन बेटे के इलाज के लिए कोई मदद नहीं मिली. एसडीएम और पटवारी घर आकर सारे बयान ले गए लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ.

ममता देवी को रोता देख जनमंच की अध्यक्षता कर रहे मंत्री गोविंद ठाकुर ने मंच पर बुलाया. मौके पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को महिला के गांव में एंबुलेंस भेज कर बेटे का मेडिकल करवा का पेंशन की औपचारिकताओं को पूरा करने के आदेश दिए हैं.

Intro:3 साल से बिस्तर पर पड़ा बीमार बेटा, बिलख- बिलख कर जनमंच में रोई लाचार मां, भावुक हो उठे वन मंत्री गोविंद सिंह , दी यह बड़ी राहत
हमीरपुर.
हमीरपुर जिले के नादौन विधानसभा क्षेत्र के गलोड़ में आयोजित जनमंच में 3 साल से बिस्तर पर पड़े एक बेटे के इलाज और पेंशन के लिए एक मां बिलख- बिलख कर रोई। यह लाचार मां हर मंच पर बेटे के इलाज के लिए अपना आंचल फैलाकर थक चुकी थी। रविवार को जनमंच में इस बेबस मां को बोलने का मौका मिला तो ममता देवी नाम की इस महिला के आंखों से झर- झर आंसू बहने लगे. रुन्द गले से ममता देवी निवासी गांव हटली ने कहा कि 3 बरस पहले घरेलू कार्य करते उसके बेटे विकास कुमार की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। लोगों से मदद लेकर उपचार करवाया लेकिन अब पैसों की कमी से उपचार भी बंद करवा दिया है। बेटे को दिव्यांग पेंशन लग सके इसके लिए 1 साल पहले हमीरपुर में उसे मेडिकल करवाने के लिए ले गई थी लेकिन वहां पर कोई डॉक्टर नहीं मिला और ना ही किसी ने सुनवाई की। मुख्यमंत्री तक मांग रख चुकी हूं लेकिन बेटे के इलाज के लिए कोई उम्मीद नहीं मिली है। महिला को रोता देख जनमंच की अध्यक्षता कर रहे वन मंत्री गोविंद ठाकुर भी भावुक हो उठे और उन्होंने महिला को मंच पर बुलाया.


Body:मंत्री गोविंद ठाकुर ने मौके पर ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को महिला के गांव में एंबुलेंस भेज कर उसके बेटे का मेडिकल करवा कर पेंशन लगवाने की औपचारिकताओं को पूरा करने के आदेश दिए। मंत्री ने महिला के बेटे के इलाज का खर्च उठाने की भी मंच से घोषणा की। ईटीवी भारत से महिला ने विशेष बातचीत में कहा कि वर्ष 2015 में पड़ोसी के घर में कार्य समय उसके बेटे विकास कुमार की रीड की हड्डी टूट गई थी। वह एक बीपीएल परिवार से संबंध रखते हैं। 2007 में पति का साया भी सिर से उठ चुका है। हालात ऐसे हैं कि दिहाड़ी मजदूरी करने वाला बेटा 3 साल से बिस्तर पर पड़ा है और अब उपचार करना तो दूर उसको पेंशन लगवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। मुख्यमंत्री के सामने समस्या रखी थी उसके बाद एसडीएम और पटवारी को ऑर्डर हुए. पटवारी घर में आए और सारे बयान ले गए लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ. महिला ने कहां के बेटे को दिव्यांग पेंशन लग सके इसके लिए वह उसका मेडिकल करवाने के लिए हमीरपुर गई थी लेकिन यहां पर उनकी सुनवाई नहीं हुई। थक हार कर अब समस्या को जनमंच में रखा है।


Conclusion:महिला ने कहा कि मंत्री जी ने मदद का आश्वासन दिया है। उम्मीद है कि बेटे को पेंशन लग जाएगी तो कम से कम रोटी का प्रबंध तो हो जाएगा। विधवा पेंशन मिलती है उसी के सहारे परिवार चलाना पड़ रहा है। यह पेंशन भी 3 माह में इकट्ठे मिलती हैं। जिस कारण कई बार गुजारा करना भी मुश्किल हो जाता है।
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