हमीरपुर: मेडीकल कालेज हमीरपुर में दृष्टिहीन कमलेश कुमारी को दिव्यांगता कार्ड बनाने के लिए एक कमरे से दूसरे कमरे में दौड़ाया जा रहा है. इसके बाद भी कार्ड बनना दूर की बात है. यहां तक की अस्पताल में डाक्टरों ने पीडिता की स्वास्थ्य संबंधी दस्तावेजों की फाइल तक नहीं ली.
सरकारी व्यवस्था से लड़ने के बाद कमलेश कुमारी सरकारी गलियारों से बुरा अनुभव लेकर घर वापस चली गई. उपमंडल सुजानपुर के सलूही गांव निवासी दृष्टिहीन कमलेश कुमारी शारीरिक दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए भटक रही है, लेकिन आज तक उसका प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है.
वहीं, महिला के पति प्रदीप कुमार का कहना है कि इस मामले को लेकर वह 7 बार मेडिकल कॉलेज हमीरपुर का चक्कर काट चुके हैं. सीएमओ से लेकर चिकित्सा अधीक्षक तक सभी अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि विभाग के एक गलत निशान की वजह से उन्हें दौड़ाया जा रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि गरीब आदमी की कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी उन्हें इस मामले को अधिकारियों के पास निपटाने की सलाह दी गई.
जानकारी के अनुसार कमलेश कुमारी ने वर्ष 2009 में शारीरिक दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनाया था, लेकिन उस समय यह ऑफ लाइन बनाया जाता था. अब यह कार्ड ऑन लाइन बनाए जा रहे हैं और इसके लिए दृष्टिहीन महिला अक्तूबर माह से कागजात तैयार कर रही है. इस प्रमाणपत्र के आधार पर ही दिव्यांगों को सारी सुविधाओं व योजनाओं का लाभ मिल रहा है. इस वर्ग के यूडीआईडी कार्ड भी बनेगा. यूडीआई कार्ड के बनने से किसी भी दिव्यांग व्यक्ति को अलग-अलग कार्ड बनाने की आवश्यकता नहीं है.
उस व्यक्ति को सभी सुविधाएं यूडीआईडी कार्ड से ऑनलाइन ही मिलेंगी. इस प्रक्रिया के तहत कमलेश कुमारी ने ऑनलाइन प्रमाणपत्र बनाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया के दौरान उसके फार्म सबमिट नहीं हो रहे हैं. इसके बाद महिला ने बार-बार अस्पताल के चक्कर लगाकर परेशान होकर मुख्यमंत्री हैल्पलाइन से नंबर पर इसकी शिकायत की हैं.
क्या कहते हैं चिकित्सा अधीक्षक
इस बारे में मेडीकल कालेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल वर्मा ने बताया कि महिला ने जो पहले प्रमाणपत्र बनवाया है, उसके आधार पर पत्र ऑनलाइन नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि महिला को नया प्रमाणपत्र बनवाना होगा. उसके बाद ही ऑनलाइन कार्ड बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर उनका कार्ड नहीं बनाया गया है तो इसकी उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.