हमीरपुरः भाजपा के गढ़ हमीरपुर में आयोजित हुए कांग्रेस सम्मेलन में पीसीसी चीफ कुलदीप सिंह राठौर जब हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के धुरंधरों की सूची गिनाने लगे तो मंच पर बैठे राजा वीरभद्र सिंह बिफर गए. कुलदीप सिंह अपने संबोधन में कह रहे थे कि हमीरपुर जिला से संबंध रखने वाले 6 बर्ष तक कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू से बड़ा धुरंधर और कौन हो सकता है. इसके बाद सूची में राठौर ने राजेंद्र राणा का नाम जोड़ते हुए राठौर ने कहा कि वह तो धुरंधरों के धुरंधर हैं. इसी दौरान राजा वीरभद्र सिंह ने बीच में टोकते हुए कहा कि धूमल को तो राजेंद्र राणा ने हराया है, सुखू ने नहीं. इस पर मंच पर बैठें नेताओं ने कहा कि राठौर ने यही कहा है कि राणा ने ही धूमल को हराया है.
वहीं, बगल में बैठे हैं सुखविंदर सिंह सुख्खू और राजा वीरभद्र सिंह के बीच इसे लेकर हल्की नोकझोंक हुई. कार्यकर्ता सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह मौन ही दिखे, लेकिन राठौर के धुरंधरों की गिनती से अचानक वह बिफर गए. पीसीसी चीफ के संबोधन के दौरान ही दोनों दिग्गजों की यह नोकझोंक कैमरे में कैद हो गई.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर अपना संबोधन देकर वापस लौट रहे थे कि पार्टी के सह प्रभारी गुरकीरत सिंह कोटली ने उन्हें सलाह दी कि आप सबसे बड़े धुरंधर को तो भूल ही गए. प्रदेश अध्यक्ष वापस लौटे और कहा कि धुरंधरों के धुरंधर सबसे बड़े नेता तो राजा वीरभद्र सिंह है और उन्होंने संबोधन के लिए मंच पर उन्हें आमंत्रित भी किया. बता दें कि हमीरपुर जिला पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू का गृह जिला है और यहां पर कुछ माह पहले पूर्व मुख्यमंत्री उनके घर में आकर ही उनके खिलाफ कई तल्ख टिप्पणियां की थी. दोनों दिग्गज नेताओं में चल रही तकरार किसी से छुपी नहीं है, लेकिन इस कार्यकर्ता सम्मेलन में दोनों ही दिग्गज एक दूसरे पर आक्षेप करने से बचते नजर आए.
इस नोकझोंक को लेकर जब पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मेरा यह मानना है कि कोई व्यक्ति बड़ा नहीं होता है. विचारधारा ही सबसे बड़ी धुरंधर होती है. प्रदेश अध्यक्ष राठौर तो एक टिप्पणी कर रहे थे कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में हमारे पास ऐसे कई धुरंधर है जो अनुराग ठाकुर को कड़ी चुनौती देंगे और उनके हार निश्चित है.