धर्मशाला: निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसांग सांग्ये अमेरिका दौरे के दौरान उन्हें अमेरिकी संसद में मिली एंट्री को लेकर बेहद उत्साहित हैं. इस मौके को भुनाने के बाद लोबसांग सांग्ये अब अपनी राजधानी धर्मशाला वापस लौट आए हैं.
सेंट्रल तिब्बत एडमिनिस्ट्रेशन को दी स्वीकृति
इस दौरान डॉ सांग्ये ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अमेरिका की ओर से पहली बार उन्हें अपनी सीनेट में बतौर प्रधानमंत्री बुलाना उनके लिए बहुत गर्व का पल था. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने उनकी सेंट्रल तिब्बत एडमिनिस्ट्रेशन को स्वीकृति दी है, जो कि उनके लिए अपने आप में ही बहुत बड़ी जीत है.
तिब्बत पॉलिसी सपोर्ट एक्ट को बनाया कानून
इसके साथ ही सांग्ये ने कहा कि जो बाइडेन ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर पूरी तरह से आसीन होने के बाद धर्मगुरु दलाई लामा से मिलने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका की सरकार ने तिब्बत पॉलिसी सपोर्ट एक्ट को कानून बना दिया है, जिसके तहत चीन के सामने तिब्बत की राजधानी लहासा में अमेरिका का काउंसलर नियुक्त करने का प्रोपोजल रखा जाएगा.
अमेरिका में भी नहीं होगा चीन का काउंसलर
अगर चीन ऐसा नहीं करता है तो अमेरिका में भी चीन का काउंसलर नहीं रखने दिया जाएगा. निर्वासित तिब्बत सरकार के राष्ट्रपति डॉक्टर लोबसांग सांग्ये ने कहा कि धर्मगुरु दलाई लामा की ओर से निर्वासित तिब्बतियों को उपहार में दी गई लोकतांत्रिक प्रणाली को भी अमेरिका ने सराहा है. इसके अलावा तिब्बत में चीन के मानवाधिकार से जुड़े तिब्बत के लोगों के अधिकारों का हनन करने वाले लोगों को प्रतिबंधित किया जायेगा.