हमीरपुर: क्या कांग्रेस ने हिंदुओं को अपमानित करने का ठेका ही ले लिया है. हिमाचल के मुख्यमंत्री का बार-बार बयान देना कितना वाजिब है कि जहां 97% आबादी हिंदुओं की है, वहां पर भाजपा को हराकर वह जीते हैं. पंजाब की तरह हिमाचल में भी कानून व्यवस्था न चरमरा जाए. नई-नई जिम्मेदारी मिली हैं, मुख्यमंत्री जरा संभल कर चलें. प्रदेश के हालात ठीक रहे तो अच्छा रहेगा. ये बात केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज हमीरपुर में मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर कही.
दरअसल, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से हिमाचल में हाल ही के दिनों में पंजाब के पर्यटकों के द्वारा सामने आई हिंसक घटनाओं को लेकर सवाल किया गया था. सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बयानों पर तल्ख टिप्पणी कर दी. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर मीडिया कर्मियों से रूबरू होने से पहले मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में जन औषधि दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए.
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि जनऔषधि केंद्रों में सस्ती दवाईयां उपलब्ध होने से आम मरीजों और उनके परिजनों को बहुत बड़ी राहत मिली है. देश भर में संचालित किए जा रहे 9000 से अधिक केंद्रों के माध्यम से मरीजों को सस्ती दवाईयां, सर्जिकल उपकरण और अन्य आवश्यक चिकित्सा सामग्री 50 से 90 प्रतिशत तक कम दामों पर उपलब्ध करवाए जा रही हैं. अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि इन केंद्रों के कारण अभी तक मरीजों की कुल 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बचत हो चुकी है. इस योजना के तहत लोगों को 1759 प्रकार की हाई क्वालिटी दवाईयां और 280 प्रकार के सर्जिकल उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. इन सभी दवाईयों एवं उपकरणों में उच्च स्तर की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है तथा इन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मान्यता प्राप्त निर्माताओं से ही खरीदा जाता है.
वहीं, प्रदेश कांग्रेस सरकार के हाल ही के निर्णय पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने देने का नहीं बल्कि छीनने का ही काम किया है. दरअसल, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के उस बयान को लेकर सवाल किया गया था जिसमें उन्होंने डबल इंजन सरकार पर 5 साल में कोई कार्य न करने के आरोप लगाए थे. अनुराग ठाकुर ने कहा कि नए काम करना तो दूर वर्तमान की प्रदेश कांग्रेस सरकार ने नौकरियां देने वाले बोर्ड को ही बंद कर दिया. पुरानी पेंशन योजना को भी अभी तक सरकार बहाल नहीं कर पाई है और एनपीएस का पैसा ही कर्मचारियों का कट रहा है.
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