हमीरपुर: जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्टकोड 965 पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी महिला कर्मचारी अधीक्षक के पद पर पदोन्नत होने वाली थी. जनवरी 2023 में महिला की पदोन्नति तय थी और नया साल में चंद दिन बचे हैं .ऐसे में कुछ दिनों बाद नए साल में महिला को बड़े पद पर कमान मिलना तय थी. बताया जा रहा है कि साल 2003 से कर्मचारी चयन आयोग में सेवाएं देने वाली यह महिला कर्मचारी पहले भी एक दफा जाली दस्तावेज मामले में सस्पेंड रह चुकी है. (JOA IT Paper Leak Case)
सरकार ने दी थी क्लीनचिट: हालांकि, बाद में प्रदेश सरकार की तरफ से उसे क्लीनचिट दी गई थी. इतना ही नहीं जालसाजी के आरोप सामने आने के बाद चयन आयोग की सिफारिश पर सरकार ने महिला कर्मचारी की 3 पदोन्नतियां रोकने के आदेश जारी किए थे.जानकारी के मुताबिक आयोग में सहयोगी कर्मचारी ने इस महिला के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे. यह आरोप लगाए गए थे कि महिला ने अनुसूचित जाति का जाली दस्तावेज बनाया है. इस प्रमाण पत्र के आधार पर महिला कर्मचारी ने अन्य लाभ हासिल करने का प्रयास किया. हालांकि, उस प्रमाण पत्र का लाभ मिला या नहीं यह स्पष्ट नहीं हो पाया है. (accused female employee was about to be promoted)
मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन: इस मामले में जब जांच की गई तो महिला कर्मचारी ने आयोग को दिए जवाब में कहा था कि नौकरी के उसने सही दस्तावेज जमा करवाए थे, लेकिन राजस्व विभाग की तरफ से इनमें गलती की गई है. फिलहाल यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है.(JOA IT paper leak case in Himacha)
विजिलेंस के रडार पर थी महिला कर्मचारी: इस महिला का चयन हिमाचल प्रदेश सचिवालय के लिए हुआ था, लेकिन बाद में कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में महिला ने वर्ष 2001 में ज्वाइन किया. वह 21 साल से आयोग में सेवाएं दी रही है. 3 साल पहले ही आयोग ने महिला को गोपनीय शाखा में वरिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्त किया. यह जानकारी सामने आई है कि जनवरी 2023 में महिला की पदोन्नति अधीक्षक के पद पर होनी है, लेकिन उससे पहले ही महिला विजिलेंस के रडार में आ गई.
क्या है मामला: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में पेपर लीक मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. आयोग की गोपनीय ब्रांच में तैनात आरोपी महिला अफसर के बड़े बेटे ने 15 दिसंबर को ही कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से आयोजित मार्केट सुपरवाइजर की परीक्षा को पास किया था. इस परीक्षा का फाइनल परिणाम 8 दिन पहले 15 दिसंबर को घोषित किया गया जिसमें आरोपी उमा आजाद के बेटे नितिन आजाद ने 70.50 अंक हासिल किए थे. इसके अलावा छोटा बेटा निखिल भी पिछले दिनों आयोजित हुई जूनियर ऑफिस असिस्टेंट की परीक्षा में अच्छे अंकों के साथ पास हुआ है. छोटा बेटा पेपर लीक मामले में अपनी मां के साथ पकड़ा गया है. बताया जा रहा है कि महिला अफसर के छोटे बेटे निखिल आजाद ने भी जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्टकोड 965 के तहत आवेदन किया था और उसने भी रविवार को हमीरपुर में परीक्षा देनी थी.
2019 से कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय ब्रांच में तैनात है महिला अधिकारी: साल 2019 से ही इस मामले में आरोपी बनी महिला अधिकारी उमा आजाद कर्मचारी चयन आयोग के गोपनीय ब्रांच में सेवाएं दे रही थी. इस दौरान उसके दोनों बेटों ने कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से होने वाली कई परीक्षाएं पास की और एक बेटा तो दो बार नौकरी भी लग गया. बताया जा रहा है कि छोटे बेटे ने भी जूनियर ऑफिस असिस्टेंट की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी लेकिन यह मामला कोर्ट में चला गया, जिसके बाद अब फिर से छोटे बेटे निखिल आजाद ने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट की रविवार को होने वाली परीक्षा के लिए भी आवेदन किया था. महिला अधिकारी उमा आजाद की ड्यूटी घुमारवीं सेंटर पर लगाई गई थी और वहां पर एसडीएम के समक्ष रिपोर्ट करने के बाद महिला अधिकारी फिर अपने घर लौट आई थी. प्रदेश भर में कुल 41 टीमों को कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से इस ड्यूटी पर लगाया गया था, लेकिन महिला अधिकारी घुमारवीं में रिपोर्ट करने के बाद घर लौट आई क्योंकि परीक्षा रविवार को आयोजित होनी थी. इस बीच यह महिला रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ी गई.
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