भोरंज/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश टीजीटी आर्ट्स संघ के सभी जिला व ब्लॉक कार्यकारिणों को भंग कर दिया गया है. साथ ही वर्ष 2020-23 के लिेए चुनाव करवाने का एलान किया है.
टीजीटी आर्ट्स संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कौशल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में टीजीटी आर्ट्स संघ का तीन वर्षीय कार्यकाल पूरा हो रहा है. ऐसे में वर्ष 2020-23 के लिए जिला, ब्लॉक व राज्य स्तरीय कार्यकारिणी के लिए चुनाव करवाना जरूरी है. चुनावों को लेकर जिला व ब्लॉक की कार्यकारिणीयां तत्काल प्रभाव से भंग कर दी है.
सभी जिलाध्यक्षों को सूचित किया गया है कि 20 नवंबर तक प्रदेश के सभी ब्लॉकों की चुनावी प्रकिया को पूरा करें और इसकी सूचना राज्य कार्याकारिणी को दें. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि जिन जिलों में जिलाध्यक्ष हाल ही में मनोनित किये गये हैं, वहां पर जिलाध्यक्ष का चुनाव नहीं करवाया जाएगा.
सुरेश कौशल ने कहा कि 30 नवंबर को प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन किया जाएगा. इसमें प्रदेश कार्यकारिणी के चुनाव करवाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि संघ के सदस्यता अभियान को कोरोना महामारी के कारण जिलाध्यक्षों पर छोड़ दिया गया है. प्रदेशाध्यक्ष कौशल ने कहा कि टीजीटी वर्ग शिक्षा विभाग की रीढ़ की हड्डी है.
इस वर्ग की मांगों व समस्याओं को सरकार व विभाग कभी भी अनेदखा नहीं कर सकता. संघ नई शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू करने के लिए अपना समर्थन देता है. इस के प्रावधानों को उत्तरदायित्व से निभाया जाएगा. उन्होने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर से मांग करते हुए कहा कि टीजीटी आर्ट्स व साइंस की वरिष्ठता सूची को प्राथमिकता के आधार पर अलग-अलग किया जाए.
सुरेश कौशल ने कहा कि टीजीटी साइंस अध्यापक आर्ट्स के विषयों पर पदोन्नत होकर न्यू स्कूल प्रवक्ता बन रहा है, लेकिन उस अध्यापक ने उस विषय को जमा दो से लेकर स्नातक की कक्षा में नहीं पढ़ा है. ऐसे में प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा का सपना कैसे साकार हो सकता है. उन्होंने कहा कि टीजीटी वर्ग के अध्यापकों के साथ यह अन्याय कई सालों से जारी है. इसके लिए कारगर नीति अपनाई है.