हमीरपुर: भारत मां की रक्षा करते हुए कारगिल की लड़ाई में शहीद हवलदार स्वामी दास चंदेल आज देश की सरहदों पर तैनात है. जब पिता की शहादत हुई थी तो नौ वर्षीय बेटे ने उसी समय भारतीय सेना में जाकर पिता की तरह सरहदों की रक्षा करने की ठानी और अब बीते दस वर्षों से मातृभूमि की रक्षा कर रहे हैं.
शहीद हवलदार स्वामी दास के बड़े बेटे मुनीष ने बताया कि जब कारगिल युद्ध में तीन जुलाई 1999 को उनके पिता की शहादत हुई तो उनकी बहन दसवीं कक्षा में, वे स्वयं नौवीं कक्षा में और उनका छोटा भाई रजनीश तीसरी कक्षा में पढ़ते थे. तीसरी कक्षा में पढ़ते हुए ही रजनीश ने ठान लिया था कि वह पिता की तरह ही भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करेगा.
पिता की शहादत पर रजनीश में भी भारतीय सेना में जाकर देश की रक्षा करने की ठानी और वर्ष 2009 में भारतीय सेना में भर्ती हुए. उन्होंने कहा कि उन्हें किसी प्रकार की समस्या नहीं है. किसी भी पस्थिति में प्रशासन का पूरा सहयोग मिलता है। बता दें कि हमीरपुर जिला से कुल 8 जवान कारगिल की लड़ाई में शहीद हुए हैं. हमीरपुर जिला को वीर भूमि के नाम से भी जाना जाता है.
ये भी पढ़ें- करगिल के पहले शहीद सैनिक की मां को याद आए अभिनंदन, मोदी सरकार से की ये गुजारिश