ETV Bharat / state

हमीरपुर नप में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट की उड़ रही धज्जियां, हर वार्ड में हो रही नियम की अनदेखी

डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन योजना के तहत शहर में कूड़ा एकत्र करने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट के तहत नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है, लेकिन इन नियमों को सरेआम ठेंगा दिखाया जा रहा है. दरअसल इन नियमों के तहत घरों से और दुकानों से कूड़े को अलग-अलग एकत्र करना होता है.

नगर परिषद हमीरपुर कार्यालय
नगर परिषद हमीरपुर कार्यालय
author img

By

Published : Aug 22, 2021, 1:57 PM IST

हमीरपुर: नगर परिषद हमीरपुर के एरिया में घर-घर से कूड़ा उठाने की योजना को 3 साल पहले लागू किया गया था, लेकिन इस योजना के तहत कार्य बेहतर ढंग से नहीं हो रहा है. यहां ना तो नियमों का पालन किया जा रहा है और ना ही इसको बेहतर करने के लिए कोई व्यापक प्रयास नगर परिषद की तरफ से किए जा रहे हैं. डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन योजना (Door to Door Garbage Collection Scheme) के तहत शहर में कूड़ा एकत्र करने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट (Solid Waste Management Act) के तहत नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है, लेकिन इन नियमों को सरेआम ठेंगा दिखाया जा रहा है.

दरअसल इन नियमों के तहत घरों से और दुकानों से कूड़े को अलग-अलग एकत्र करना होता है. मसलन गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग उठाया जाता है, लेकिन कोरोना महामारी के इस दौर के बावजूद भी कूड़ा एकत्रीकरण प्रक्रिया बेहद ही अव्यवस्थित है. नगर परिषद हमीरपुर में हर वार्ड में अलग गाड़ी से कूड़ा उठाया जाता है. नगर परिषद हमीरपुर के अंतर्गत 11 वार्ड आते हैं जिनमें ठेकेदारों के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है.

वीडियो.

एमडी हर बार में 5 से 7 कर्मचारी ठेकेदार के माध्यम से कार्य कर रहे हैं. हर घर से कूड़ा एकत्र करने का ₹60 शुल्क वसूल किया जा रहा है जबकि दुकानों से यह प्रति दुकान सो रुपए है. हर दिन लगभग हर वार्ड से 3 से 4 क्विंटल कूड़ा एकत्र होता है. 11 वार्ड के हिसाब से कुल 30 से 35 क्विंटल कूड़ा हर दिन शहर से एकत्र किया जा रहा है. वहीं, अगर नगर परिषद हमीरपुर के नियमित कर्मचारियों की बात की जाए तो नगर परिषद हमीरपुर के नियमित कर्मचारी कूड़ा ट्रीटमेंट प्लांट (waste treatment plant) में कार्य कर रहे हैं. यहां पर ठेकेदार के माध्यम से भी 18 कर्मचारी यहां कार्य कर रहे हैं जबकि कुछ नियमित कर्मचारी नगर परिषद के यहां पर तैनात हैं.

नगर परिषद हमीरपुर के अध्यक्ष मनोज कुमार मिन्हास ने कहा कि व्यवस्था को बेहतर करने के लिए सुधार किए जा रहे हैं. उनका कहना है कि ठेकेदारों के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है और ठेकेदारों के माध्यम से कार्य कर रहे कर्मचारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग उठाए जाए. उन्होंने कहा कि नगर परिषद हमीरपुर के गारबेज ट्रीटमेंट प्लांट (Garbage Treatment Plant) में कूड़े की खाद भी तैयार की जा रही है.

नगर परिषद हमीरपुर की आबादी की अगर बात की जाए तो शहर के मूल निवासियों की संख्या 28 हजार के लगभग है जबकि बाहरी क्षेत्रों के 15,000 से अधिक लोग यहां पर रह रहे हैं. अगर जरूरत की बात की जाए तो समय पर तो हर घर से कूड़ा उठाया जा रहा है, लेकिन उसको उठाने का तरीका सवालों में है. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट के तहत जहां सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग उठाया जाना अनिवार्य है.

वहीं, नगर परिषद हमीरपुर के लगभग हर वार्ड में इस नियम की अनदेखी हो रही है. कई जगहों पर तो कर्मचारियों को कार्य के दौरान सुरक्षा उपकरण भी नहीं दिए जा रहे हैं. इस योजना को लागू तो कर दिया गया है, लेकिन नियमों के साथ प्रभावी ढंग से कार्य किया जाना अभी बाकी है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल के नवीन की अफगानिस्तान से हुई वतन वापसी, जल्द राहुल भी पहुंचेगा अपने देश

हमीरपुर: नगर परिषद हमीरपुर के एरिया में घर-घर से कूड़ा उठाने की योजना को 3 साल पहले लागू किया गया था, लेकिन इस योजना के तहत कार्य बेहतर ढंग से नहीं हो रहा है. यहां ना तो नियमों का पालन किया जा रहा है और ना ही इसको बेहतर करने के लिए कोई व्यापक प्रयास नगर परिषद की तरफ से किए जा रहे हैं. डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन योजना (Door to Door Garbage Collection Scheme) के तहत शहर में कूड़ा एकत्र करने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट (Solid Waste Management Act) के तहत नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है, लेकिन इन नियमों को सरेआम ठेंगा दिखाया जा रहा है.

दरअसल इन नियमों के तहत घरों से और दुकानों से कूड़े को अलग-अलग एकत्र करना होता है. मसलन गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग उठाया जाता है, लेकिन कोरोना महामारी के इस दौर के बावजूद भी कूड़ा एकत्रीकरण प्रक्रिया बेहद ही अव्यवस्थित है. नगर परिषद हमीरपुर में हर वार्ड में अलग गाड़ी से कूड़ा उठाया जाता है. नगर परिषद हमीरपुर के अंतर्गत 11 वार्ड आते हैं जिनमें ठेकेदारों के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है.

वीडियो.

एमडी हर बार में 5 से 7 कर्मचारी ठेकेदार के माध्यम से कार्य कर रहे हैं. हर घर से कूड़ा एकत्र करने का ₹60 शुल्क वसूल किया जा रहा है जबकि दुकानों से यह प्रति दुकान सो रुपए है. हर दिन लगभग हर वार्ड से 3 से 4 क्विंटल कूड़ा एकत्र होता है. 11 वार्ड के हिसाब से कुल 30 से 35 क्विंटल कूड़ा हर दिन शहर से एकत्र किया जा रहा है. वहीं, अगर नगर परिषद हमीरपुर के नियमित कर्मचारियों की बात की जाए तो नगर परिषद हमीरपुर के नियमित कर्मचारी कूड़ा ट्रीटमेंट प्लांट (waste treatment plant) में कार्य कर रहे हैं. यहां पर ठेकेदार के माध्यम से भी 18 कर्मचारी यहां कार्य कर रहे हैं जबकि कुछ नियमित कर्मचारी नगर परिषद के यहां पर तैनात हैं.

नगर परिषद हमीरपुर के अध्यक्ष मनोज कुमार मिन्हास ने कहा कि व्यवस्था को बेहतर करने के लिए सुधार किए जा रहे हैं. उनका कहना है कि ठेकेदारों के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है और ठेकेदारों के माध्यम से कार्य कर रहे कर्मचारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग उठाए जाए. उन्होंने कहा कि नगर परिषद हमीरपुर के गारबेज ट्रीटमेंट प्लांट (Garbage Treatment Plant) में कूड़े की खाद भी तैयार की जा रही है.

नगर परिषद हमीरपुर की आबादी की अगर बात की जाए तो शहर के मूल निवासियों की संख्या 28 हजार के लगभग है जबकि बाहरी क्षेत्रों के 15,000 से अधिक लोग यहां पर रह रहे हैं. अगर जरूरत की बात की जाए तो समय पर तो हर घर से कूड़ा उठाया जा रहा है, लेकिन उसको उठाने का तरीका सवालों में है. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट के तहत जहां सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग उठाया जाना अनिवार्य है.

वहीं, नगर परिषद हमीरपुर के लगभग हर वार्ड में इस नियम की अनदेखी हो रही है. कई जगहों पर तो कर्मचारियों को कार्य के दौरान सुरक्षा उपकरण भी नहीं दिए जा रहे हैं. इस योजना को लागू तो कर दिया गया है, लेकिन नियमों के साथ प्रभावी ढंग से कार्य किया जाना अभी बाकी है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल के नवीन की अफगानिस्तान से हुई वतन वापसी, जल्द राहुल भी पहुंचेगा अपने देश

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.