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आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र से पूछताछ करने के लिए हमीरपुर पहुंचे विजिलेंस के वरिष्ठ अधिकारी, गिरफ्तारी की अटकलें जारी

हिमाचल में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 965 का पर्चा परीक्षा से 2 दिन पहले लीक हो गया था. जिसको लेकर कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग कर दिया गया था. लेकिन इसे भंग किए हुए आज दो महीने और 23 दिन हो गए हैं और अभी तक आयोग के कर्ता-धर्ता पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर के खिलाफ केस दर्ज नहीं हो पाया है. पढ़ें पूरी खबर...

कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर पेपर लीक मामला
कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर पेपर लीक मामला
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Published : Mar 16, 2023, 3:38 PM IST

हमीरपुर: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर पेपर लीक मामला सामने आने के दो महीने और 23 दिन के बाद आयोग के कर्ता-धर्ता पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर के खिलाफ केस दर्ज नहीं हो पाया है. 1 मार्च को सरकार की तरफ से अधिकारी के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी भी दी जा चुकी है. बावजूद अभी तक भंग किए जा चुके कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के पूर्व सचिव एवं परीक्षा नियंत्रक जितेंद्र कंवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है हालांकि मामले में 23 दिसंबर 2022 को दर्ज एफआईआर में उनका नाम नामजद जरूर किया गया है.

विजिलेंस सूत्रों की मानें तो अधिकारी की गिरफ्तारी के लिए महज नामजद किया जाना ही काफी नहीं है, बल्कि व्यापक तौर पर एफआईआर में उनकी भूमिका को आधार बनाकर केस दर्ज करना होगा. जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 965 का पर्चा परीक्षा से 2 दिन पूर्व ही 23 दिसंबर 2022 को लीक हुआ था. विजिलेंस की टीम ने इस मामले का भंडाफोड़ किया था और कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात महिला कर्मचारी उमा आजाद समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया था.

गिरफ्तार किए गए लोगों में उमा आजाद के दो बेटे जिला मुख्यालय हमीरपुर में एक कोचिंग सेंटर चलाने वाला व्यक्ति उसका भाई और 2 अभ्यर्थी गिरफ्तार हुए थे. मामले में 4 लोगों को अदालत से जमानत मिल चुकी है जबकि उमा आजाद उसके दो बेटे और कोचिंग सेंटर का संचालक दलाल अभी तक न्यायिक हिरासत में है. एक के बाद एक इस मामले में अभी तक 4 एफआईआर दर्ज हो चुकी है और 1 दर्जन से अधिक पोस्टकोड में भ्रष्टाचार सामने आया है.

कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर से पुलिस लंबे समय से कार्यालय में पूछताछ कर रही है. उन्हें हमीरपुर विजिलेंस के कार्यालय में लगातार पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है सरकार की तरफ से अभियोग चलाने की मंजूरी मिलने के बाद भी उनसे कई दफा पूछताछ हो चुकी है, लेकिन अभी तक उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई है और न ही गिरफ्तारी की गई है. सरकार की तरफ से पूर्व सचिव के खिलाफ अभियोग चलाने के लिए मंजूरी मिले 15 दिन हो चुके हैं. ऐसे में क्या अब विजिलेंस की टीम पूर्व सचिव को गिरफ्तार करेगी इसे लेकर लगातार अटकलें जारी हैं.

मंडी और शिमला से विजिलेंस के वरिष्ठ अधिकारी हमीरपुर पहुंचे, पूछताछ जारी- कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक मामले में सरकार की तरफ से एसआईटी गठित की गई है. एसआईटी ने एक के बाद एक अलग-अलग पोस्ट कोड भर्ती परीक्षाओं के मामले में एफ आई आर दर्ज की है. कर्मचारी चयन आयोग में पूर्व सचिव परीक्षा नियंत्रक की भूमिका में भी थे. ऐसे में उनकी लापरवाही और गोपनीय शाखा में तैनात कर्मचारियों के साथ कार्य करने के तरीके पर भी सवाल उठ रहे हैं.

इस मामले में वीरवार को मंडी और शिमला से विजिलेंस के वरिष्ठ अधिकारी पूर्व सचिव से पूछताछ करने के लिए हमीरपुर पहुंचे हैं बताया जा रहा है कि 12:00 बजे से ही पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर से पूछताछ की जा रही है. संभावना जताई जा रही है कि उन्हें विजिलेंस की टीम गिरफ्तार कर सकती है, हालांकि पिछले कई दिनों से इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं जबकि पूर्व सचिव अभी तक गिरफ्तारी से बचे हुए हैं.

ये भी पढ़ें: Himachal High Court: RTE की अनुपालना करे सरकार, निजी स्कूलों में कमजोर वर्ग के छात्रों को मिले 25% आरक्षण

हमीरपुर: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर पेपर लीक मामला सामने आने के दो महीने और 23 दिन के बाद आयोग के कर्ता-धर्ता पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर के खिलाफ केस दर्ज नहीं हो पाया है. 1 मार्च को सरकार की तरफ से अधिकारी के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी भी दी जा चुकी है. बावजूद अभी तक भंग किए जा चुके कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के पूर्व सचिव एवं परीक्षा नियंत्रक जितेंद्र कंवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है हालांकि मामले में 23 दिसंबर 2022 को दर्ज एफआईआर में उनका नाम नामजद जरूर किया गया है.

विजिलेंस सूत्रों की मानें तो अधिकारी की गिरफ्तारी के लिए महज नामजद किया जाना ही काफी नहीं है, बल्कि व्यापक तौर पर एफआईआर में उनकी भूमिका को आधार बनाकर केस दर्ज करना होगा. जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 965 का पर्चा परीक्षा से 2 दिन पूर्व ही 23 दिसंबर 2022 को लीक हुआ था. विजिलेंस की टीम ने इस मामले का भंडाफोड़ किया था और कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात महिला कर्मचारी उमा आजाद समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया था.

गिरफ्तार किए गए लोगों में उमा आजाद के दो बेटे जिला मुख्यालय हमीरपुर में एक कोचिंग सेंटर चलाने वाला व्यक्ति उसका भाई और 2 अभ्यर्थी गिरफ्तार हुए थे. मामले में 4 लोगों को अदालत से जमानत मिल चुकी है जबकि उमा आजाद उसके दो बेटे और कोचिंग सेंटर का संचालक दलाल अभी तक न्यायिक हिरासत में है. एक के बाद एक इस मामले में अभी तक 4 एफआईआर दर्ज हो चुकी है और 1 दर्जन से अधिक पोस्टकोड में भ्रष्टाचार सामने आया है.

कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर से पुलिस लंबे समय से कार्यालय में पूछताछ कर रही है. उन्हें हमीरपुर विजिलेंस के कार्यालय में लगातार पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है सरकार की तरफ से अभियोग चलाने की मंजूरी मिलने के बाद भी उनसे कई दफा पूछताछ हो चुकी है, लेकिन अभी तक उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई है और न ही गिरफ्तारी की गई है. सरकार की तरफ से पूर्व सचिव के खिलाफ अभियोग चलाने के लिए मंजूरी मिले 15 दिन हो चुके हैं. ऐसे में क्या अब विजिलेंस की टीम पूर्व सचिव को गिरफ्तार करेगी इसे लेकर लगातार अटकलें जारी हैं.

मंडी और शिमला से विजिलेंस के वरिष्ठ अधिकारी हमीरपुर पहुंचे, पूछताछ जारी- कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक मामले में सरकार की तरफ से एसआईटी गठित की गई है. एसआईटी ने एक के बाद एक अलग-अलग पोस्ट कोड भर्ती परीक्षाओं के मामले में एफ आई आर दर्ज की है. कर्मचारी चयन आयोग में पूर्व सचिव परीक्षा नियंत्रक की भूमिका में भी थे. ऐसे में उनकी लापरवाही और गोपनीय शाखा में तैनात कर्मचारियों के साथ कार्य करने के तरीके पर भी सवाल उठ रहे हैं.

इस मामले में वीरवार को मंडी और शिमला से विजिलेंस के वरिष्ठ अधिकारी पूर्व सचिव से पूछताछ करने के लिए हमीरपुर पहुंचे हैं बताया जा रहा है कि 12:00 बजे से ही पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर से पूछताछ की जा रही है. संभावना जताई जा रही है कि उन्हें विजिलेंस की टीम गिरफ्तार कर सकती है, हालांकि पिछले कई दिनों से इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं जबकि पूर्व सचिव अभी तक गिरफ्तारी से बचे हुए हैं.

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