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तीसरी बार शिक्षक संगठन HGTU के जिला अध्यक्ष बने संजीव ठाकुर, जानें क्या रहेंगी प्राथमिकताएं - HGTU के जिला अध्यक्ष

संजीव ठाकुर को लगातार तीसरी बार निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया. उनके मुकाबले कोई भी उम्मीदवार चुनावी रण में नहीं उतर पाया. जिला महासचिव के पद पर राजकुमार ठाकुर की ताजपोशी हुई है.

HGTU के जिला अध्यक्ष बने संजीव ठाकुर
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Published : Oct 14, 2019, 6:33 PM IST

हमीरपुर: हिमाचल राजकीय अध्यापक संगठन (एचजीटीयू) के जिला स्तरीय चुनावों में संजीव ठाकुर को लगातार तीसरी बार निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया. उनके मुकाबले कोई भी उम्मीदवार चुनावी रण में नहीं उतर पाया. जिला महासचिव के पद पर राजकुमार ठाकुर की ताजपोशी हुई है.

हमीरपुर के बाल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में सम्पन्न हुये इन चुनावों में जिला भर के सभी उपमंडलों के चुने हुये डेलीगेट्स के अलावा भारी संख्या में शिक्षकों ने भी हिस्सा लिया. जिलाध्यक्ष चुने जाने के तुरंत बाद पत्रकारों से बात करते हुये संजीव ठाकुर ने कहा कि उनकी जीत तमाम शिक्षक वर्ग को समर्पित है.

वीडियो.

संजीव ठाकुर ने कहा कि उनकी प्राथमिकता में स्कूलों में टीजीटी कैडर से पीजीटी पदोन्न्ति के बैकलॉग की जांच करवाना, डेढ़ दशक से ज्यादा समय से काम करने वाले कम्प्यूटर शिक्षकों को स्कूलों में समायोजित करने, शिक्षकों की नई ट्रांसफर पॉलिसी का विरोध एवं इसे सभी कर्मियों पर एकसमान लागू करने की मांग, शिक्षकों को गैर-शिक्षण कार्यों से पूरी तरह मुक्त करने, लेक्चरर (स्कूल-न्यू) नामकरण को तुरंत निरस्त करने, पीटीए 'ग्रांट इन ऐड' शिक्षकों के मुद्दे, नई पेंशन स्कीम धारक शिक्षकों को पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में लाना, अनुबंध कर्मियों की मांगें एवं 15 वर्ष की सेवाओं के बाद शिक्षकों को दो विशेष वेतन वृद्धियां दिया जाना प्रमुखता से उठाई जाएंगी.

शिक्षकों की वित्तीय एवं विभागीय समस्याओं के निराकरण के लिये उनका संगठन मजबूती से कदम उठाएगा. उन्होंने कहा कि संगठन की ताकत से ही हम सरकार से अपनी मांगों को मनवाने में सफल सिद्ध होंगे.

ये भी पढ़ें- रामपुर के दत्तनगर में पिकअप-बाइक की भिड़ंत, 2 लोग घायल

हमीरपुर: हिमाचल राजकीय अध्यापक संगठन (एचजीटीयू) के जिला स्तरीय चुनावों में संजीव ठाकुर को लगातार तीसरी बार निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया. उनके मुकाबले कोई भी उम्मीदवार चुनावी रण में नहीं उतर पाया. जिला महासचिव के पद पर राजकुमार ठाकुर की ताजपोशी हुई है.

हमीरपुर के बाल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में सम्पन्न हुये इन चुनावों में जिला भर के सभी उपमंडलों के चुने हुये डेलीगेट्स के अलावा भारी संख्या में शिक्षकों ने भी हिस्सा लिया. जिलाध्यक्ष चुने जाने के तुरंत बाद पत्रकारों से बात करते हुये संजीव ठाकुर ने कहा कि उनकी जीत तमाम शिक्षक वर्ग को समर्पित है.

वीडियो.

संजीव ठाकुर ने कहा कि उनकी प्राथमिकता में स्कूलों में टीजीटी कैडर से पीजीटी पदोन्न्ति के बैकलॉग की जांच करवाना, डेढ़ दशक से ज्यादा समय से काम करने वाले कम्प्यूटर शिक्षकों को स्कूलों में समायोजित करने, शिक्षकों की नई ट्रांसफर पॉलिसी का विरोध एवं इसे सभी कर्मियों पर एकसमान लागू करने की मांग, शिक्षकों को गैर-शिक्षण कार्यों से पूरी तरह मुक्त करने, लेक्चरर (स्कूल-न्यू) नामकरण को तुरंत निरस्त करने, पीटीए 'ग्रांट इन ऐड' शिक्षकों के मुद्दे, नई पेंशन स्कीम धारक शिक्षकों को पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में लाना, अनुबंध कर्मियों की मांगें एवं 15 वर्ष की सेवाओं के बाद शिक्षकों को दो विशेष वेतन वृद्धियां दिया जाना प्रमुखता से उठाई जाएंगी.

शिक्षकों की वित्तीय एवं विभागीय समस्याओं के निराकरण के लिये उनका संगठन मजबूती से कदम उठाएगा. उन्होंने कहा कि संगठन की ताकत से ही हम सरकार से अपनी मांगों को मनवाने में सफल सिद्ध होंगे.

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Intro:लगातार तीसरी बार शिक्षक संगठन एचजीटीयू के जिला अध्यक्ष बने संजीव ठाकुर, गिनाई प्राथमिकताएं
हमीरपुर,।
हिमाचल राजकीय अध्यापक संगठन (एचजीटीयू) के जिला स्तरीय चुनावों में संजीव ठाकुर को लगातार तीसरी बार निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया। उनके मुकाबले कोई भी उम्मीदवार चुनावी रण में नहीँ उतर पाया। जिला महासचिव के पद पर राजकुमार ठाकुर की ताजपोशी हुई है।
हमीरपुर के बाल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में सम्पन्न हुये इन चुनावों में जिला भर के सभी उपमंडलों के चुने हुये डेलीगेट्स के अलावा भारी संख्या में शिक्षकों ने भी हिस्सा लिया.
जिलाध्यक्ष चुने जाने के तुरंत बाद पत्रकारों से बात करते हुये संजीव ठाकुर ने कहा कि उनकी जीत तमाम शिक्षक वर्ग को समर्पित है। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता में स्कूलों में टीजीटी कैडर से पीजीटी पदोन्न्ति के बैकलॉग की जांच करवाना,डेढ़ दशक से ज़्यादा समय से काम करने वाले कम्प्यूटर शिक्षकों को स्कूलों में समायोजित करने, शिक्षकों की नई ट्रांसफर पॉलिसी का विरोध एवं इसे सभी कर्मियों पर एकसमान लागू करने की मांग, शिक्षकों को गैर-शिक्षण कार्यों से पूरी तरह मुक्त करने, लेक्चरर (स्कूल-न्यू) नामकरण को तुरंत निरस्त करने, पीटीए 'ग्रांट इन ऐड'  शिक्षकों के मुद्दे, नई पेंशन स्कीम धारक शिक्षकों को पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में लाना, अनुबंध कर्मियों की मांगें एवं 15 वर्ष की सेवाओं के बाद शिक्षकों को दो विशेष वेतन वृद्धियाँ दिया जाना प्रमुखता से उठाई जायेंगी । शिक्षकों की वित्तीय एवं विभागीय समस्याओं के निराकरण के लिये उनका संगठन मजबूती से कदम उठाएगा। 
उन्होंने कहा कि संगठन की ताकत से ही हम सरकार से अपनी मांगों को मनवाने में सफल सिद्ध होंगे। 




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