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40 साल बीतने पर भी सैनिक स्कूल सुजानपुर के नाम नहीं चढ़ी जमीन, प्रदेश सरकार से बजट भी नहीं मिला

हिमाचल का गौरव माने जाने वाले जिला हमीरपुर के सुजानपुर उपमंडल के तहत आने वाले सैनिक स्कूल की ग्रांट पर हिमाचल सरकार ने रोक लगा दी है. भारतीय सेना को 500 से अधिक सैन्य अफसर देने वाले सूबे के एकमात्र सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा को हर साल दी जाने वाली ग्रांट को इस बार प्रदेश सरकार ने जारी नहीं किया है.

Sainik School Sujanpur did not get budget
सैनिक स्कूल सुजानपुर को प्रदेश सरकार से बजट नहीं मिला
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Published : Dec 13, 2019, 1:57 PM IST

हमीरपुर: हिमाचल का गौरव माने जाने वाले जिला हमीरपुर के सुजानपुर उपमंडल के तहत आने वाले सैनिक स्कूल की ग्रांट पर हिमाचल सरकार ने रोक लगा दी है. भारतीय सेना को 500 से अधिक सैन्य अफसर देने वाले सूबे के एकमात्र सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा को हर साल दी जाने वाली ग्रांट को इस बार प्रदेश सरकार ने जारी नहीं किया है.

बीते साल 2015-16 से कोई ग्रांट न मिलने से इस स्कूल का संचालन मुश्किल हो गया है. बता दें कि इस स्कूल को शुरू हुए 40 साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक स्कूल की जमीन सैनिक स्कूल प्रशासन के नाम नहीं हुई है.

वीडियो रिपोर्ट

इसी साल रक्षा मंत्रालय ने फैसला लिया था कि देश के सभी सैनिक स्कूलों में लड़कियों को भी प्रवेश मिलेगा, लेकिन आधारभूत ढांचे की कमी के चलते सैनिक स्कूल सुजानपुर प्रशासन ने रक्षा मंत्रालय को लड़कियों की एडमिशन करने में असमर्थता जता दी है. इसके चलते नए सत्र से यहां लड़कियों का दाखिला नहीं हो पाएगा. वर्ष 1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस स्कूल की आधारशिला रखी थी. तत्कालीन भारत के राष्ट्रपति नीलम संजीवा रेड्डी ने 2 नवंबर, 1978 को स्कूल का शुभारंभ किया. गौरतलब है कि देशभर में कुल 31 सैनिक स्कूल चल रहे हैं.

उधर, जब इस बारे में सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य कैप्टन एके पॉल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह ग्रांट और स्कूल जमीन को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री तक मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.

ये भी पढ़ें: SDM बड़सर ने बिझड़ी का किया दौरा, पंचायत प्रतिनिधियों व व्यापार मण्डल के साथ की बैठक

हमीरपुर: हिमाचल का गौरव माने जाने वाले जिला हमीरपुर के सुजानपुर उपमंडल के तहत आने वाले सैनिक स्कूल की ग्रांट पर हिमाचल सरकार ने रोक लगा दी है. भारतीय सेना को 500 से अधिक सैन्य अफसर देने वाले सूबे के एकमात्र सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा को हर साल दी जाने वाली ग्रांट को इस बार प्रदेश सरकार ने जारी नहीं किया है.

बीते साल 2015-16 से कोई ग्रांट न मिलने से इस स्कूल का संचालन मुश्किल हो गया है. बता दें कि इस स्कूल को शुरू हुए 40 साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक स्कूल की जमीन सैनिक स्कूल प्रशासन के नाम नहीं हुई है.

वीडियो रिपोर्ट

इसी साल रक्षा मंत्रालय ने फैसला लिया था कि देश के सभी सैनिक स्कूलों में लड़कियों को भी प्रवेश मिलेगा, लेकिन आधारभूत ढांचे की कमी के चलते सैनिक स्कूल सुजानपुर प्रशासन ने रक्षा मंत्रालय को लड़कियों की एडमिशन करने में असमर्थता जता दी है. इसके चलते नए सत्र से यहां लड़कियों का दाखिला नहीं हो पाएगा. वर्ष 1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस स्कूल की आधारशिला रखी थी. तत्कालीन भारत के राष्ट्रपति नीलम संजीवा रेड्डी ने 2 नवंबर, 1978 को स्कूल का शुभारंभ किया. गौरतलब है कि देशभर में कुल 31 सैनिक स्कूल चल रहे हैं.

उधर, जब इस बारे में सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य कैप्टन एके पॉल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह ग्रांट और स्कूल जमीन को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री तक मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.

ये भी पढ़ें: SDM बड़सर ने बिझड़ी का किया दौरा, पंचायत प्रतिनिधियों व व्यापार मण्डल के साथ की बैठक

Intro:40 वर्ष बीते सैनिक स्कूल सुजानपुर के नाम नहीं चढ़ी जमीन, प्रदेश सरकार ने बजट भी नहीं मिला
हमीरपुर.
हिमाचल का गौरव माने जाने वाले जिला हमीरपुर के सुजानपुर उपमंडल के तहत आने वाले सैनिक स्कूल की ग्रांट पर हिमाचल सरकार ने रोक लगा दी है। भारतीय सेना को 500 से अधिक सैन्य अफसर देने वाले सूबे के एकमात्र सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा को हर वर्ष दी जाने वाली ग्रांड को इस बार प्रदेश सरकार ने जारी नहीं किया है। बीते वर्ष 2015-16 से कोई ग्रांट न मिलने से इस स्कूल का संचालन मुश्किल हो गया है। आपको यह जान कर भी हैरानी होगी कि इस स्कूल को शुरू हुए 40 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन जब तक स्कूल की जमीन सैनिक स्कूल प्रशासन के नाम नहीं हुई।



Body:इसी साल रक्षा मंत्रालय ने निर्णय लिया था कि देश के सभी सैनिक स्कूलों में लड़कियों को भी प्रवेश मिलेगा, लेकिन आधारभूत ढांचे की कमी के चलते सैनिक स्कूल सुजानपुर प्रशासन ने रक्षा मंत्रालय को लड़कियों की एडमिशन करने में असमर्थता जता दी है, जिसके चलते नए सत्र से यहां लड़कियों का दाखिला नहीं हो पाएगा। वर्ष 1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस स्कूल की आधारशिला रखी थी।

2 नवंबर, 1978 को तत्कालीन भारत के राष्ट्रपति नीलम संजीवा रेड्डी ने स्कूल का शुभारंभ किया। देशभर में कुल 31 सैनिक स्कूल चल रहे हैं।




Conclusion:उधर जब इस बारे में सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य कैप्टन एके पॉल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह ग्रांट और स्कूल जमीन को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री तक मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

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