हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के भोरंज उपमंडल के गांव तोहू के वाशिदें आजादी के 75 साल बाद भी सड़क सुविधा से वंचित हैं. इस गांव में बीमारी की हालत में मरीज को कंधे पर उठाकर ही ले जाना पड़ता है. कुछ साल पहले यहां पर सड़क निर्माण के प्रयास तो हुए, लेकिन आज तक पक्की सड़क ग्रामीणों को नसीब नहीं हो पाई है. तोहूं गांव से होकर समलाह से दशमल कच्ची सड़क जाती है, लेकिन सालों से सड़क को पक्का नहीं किए जाने से इस सड़क का फायदा ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है.
बता दें कि तोहू गांव में 50 घरों के करीब 400 लोगों की समस्या का समाधान नहीं होने से ग्रामीण मायूस हो हैं. ग्रामीण जगदीश चंद ने बताया कि तोहू गांव से होकर गुजरती सड़क के लिए जगह भी दी है और सालों से कच्ची सड़क है. जिस पर पैदल आवाजाही करना भी दूभर है. कई बार सरकार को भी सड़क को पक्का करवाने की गुहार लगाई है, लेकिन सड़क पक्की नहीं होने से ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी हुई है.
बुजुर्ग महिला सत्या देवी ने बताया कि गांव के लिए सड़क की सुविधा नहीं है और बीमारी की हालत मे कंधों पर या फिर पालकी पर बिठा कर अस्पताल ले जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार के पास भी कोई सुनवाई नहीं है. उन्होंने बताया कि मेरे पति को भी अस्पताल नहीं पहुचाए जाने पर उनकी मौत हो गई थी. ग्रामीण दलीप सिंह ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि गांव की सड़क को पक्का किया जाए, ताकि ग्रामीणों को सड़क की सुविधा मिल सके और सालों से सड़क सुविधा से महरूम लोगों को सहूलियत मिले. स्थानीय विधायक भोरंज सुरेश कुमार का कहना है कि हाल ही में कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में सत्ता संभाली है. स्थानीय ग्रामीणों की समस्या पूर्णता उनके ध्यान में है. जल्द ही ग्रामीणों की समस्या का समाधान किया जाएगा.
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