हमीरपुर: बरसात के मौसम में जीवाणु जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जिला में किए गए विभिन्न उपायों की समीक्षा के लिए अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी जितेंद्र सांजटा की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया. आयोजित बैठक में कहा गया कि बरसात के मौसम में मलेरिया, डेंगू, स्क्रब टाइफस, चिकनगुनिया जैसी विभिन्न जीवाणु जनित एवं अन्य जलजनित रोगों के फैलने की संभावनाएं रहती हैं. ऐसे में इन रोगों को नियंत्रित करने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है.
इसके तहत निगरानी व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर बल दिया जा रहा है. डेंगू मच्छर आम तौर पर साफ पानी में पनपता है और ऐसे में लोगों को जागरूक करने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. आशा कार्यकर्ताओं को ब्रीडर चेकर घोषित किया गया है और उन्हें उचित प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है.
एडीएम जितेंद्र सांजटा ने कहा कि पेयजल टंकियों सहित घरों व कार्यालयों के आस-पास उगी घास को काटने के लिए सभी संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं. शहरी निकायों में नगर परिषद एवं नगर पंचायतों को साफ-सफाई बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए. कोविड-19 के कारण शैक्षणिक संस्थान बंद होने से विभिन्न गतिविधियों में आंशिक बदलाव भी किया गया है.
स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायतीराज, महिला एवं बाल विकास, जल शक्ति, लोक निर्माण विभाग, मत्स्य सहित सभी संबंधित विभागों से आग्रह किया कि वे अपने कार्य क्षेत्र में साफ-सफाई की उचित व्यवस्था बनाए रखें. स्वास्थ्य विभाग को आवश्यकता अनुसार फॉगर एवं स्प्रेयर इत्यादि के उपयोग के भी निर्देश दिए ताकि जीवाणुओं के पनपने की संभावनाओं को समाप्त किया जा सके.
इसके उपरांत सघन दस्त (डायरिया) नियंत्रण पखवाड़ा के आयोजन के संदर्भ में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए सांजटा ने कहा कि हमीरपुर जिला में इस वर्ष 27 जुलाई से 11 अगस्त तक यह पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य दस्त के कारण शून्य से पांच वर्ष आयु के बच्चों की मृत्यु दर में कमी लाना है. इसके अतिरिक्त लोगों को जागरूक करने एवं पांच वर्ष आयु तक के बच्चों को डायरिया होने से पहले ही उनके घर तक ओआरएस घोल का एक-एक पैकेट पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं की सेवाएं ली जा रही हैं.
यदि कोई बच्चा डायरिया से ग्रसित पाया जाता है, तो उसे दो पैकेट तक ओआरएस प्रदान किए जाएंगे और जिंक की खुराक भी अलग से दी जाएगी. इस दौरान लोगों को घरेलू पेयजल भंडारण कंटेनर को ढंक कर रखने, टैंकों की नियमित साफ-सफाई, क्लोरिनेशन और नालियों के पानी की उचित निकासी के बारे में जागरूक किया जाएगा.
छोटे बच्चों के परिजनों एवं विशेष तौर पर माताओं को व्यक्तिगत स्वच्छता के लिए प्रेरित एवं जागरूक किया जाएगा. साथ ही लोगों को स्वच्छता के प्रति अपनी आदतों में सकारात्मक बदलाव के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा.
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