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इलाज के दौरान महिला मौत मामले में परिजनों का प्रदर्शन, CM जयराम को रूट करना पड़ा डायवर्ट

हमीरपुर के निजी अस्पताल में महिला की मौत पर जिला में मामले को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को महिला के परिजनों ने सीएम के काफिले को रोकने का प्रयास भी किया.

उग्र होता जा रहा प्रदर्शन
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Published : Oct 11, 2019, 5:32 PM IST

हमीरपुर: हमीरपुर जिला मुख्यालय स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान महिला अध्यापिका की मौत के मामले में परिजनों का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है. हमीरपुर-नाल्टी संपर्क सड़क पर प्रदर्शन करने के बाद परिजनों ने शिमला धर्मशाला एनएच पर चक्काजाम कर दिया.

बता दें कि इस रूट से ही सीएम जयराम ठाकुर ने धर्मशाला पहुंचना था, लेकिन प्रदर्शन के चलते उन्हें वाया सुजानपुर होकर धर्मशाला जाना पड़ा. वहीं, प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने यातायात को भी वाया सुजानपुर शिफ्ट कर दिया था. जानकारी के मुताबिक परिजनों की सीएम के काफिले को रोकने की योजना थी, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के कारण यह संभव नही हो पाया.

वीडियो.

मिली जानकारी के अनुसार बुधवार रात को ऑपरेशन के दौरान ही अध्यापिका अमिता कुमारी की मौत हो गई थी. महिला के परिजनों का दावा है कि अमिता की निजी अस्पताल में गलत ऑपरेशन के चलते तबीयत खराब हो गई थी. जिसपर चिकित्सक ने ऑपरेशन थिएटर से बाहर आकर उन्हें मरीज को टांडा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया.

टांडा पहुंचते ही निजी अस्पताल का स्टाफ और एंबुलेंस उन्हें वहां छोड़कर फरार हो गए. टांडा में चिकित्सकों ने बताया कि मरीज की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी है. वहीं, डीएसपी हेड क्वार्टर हितेश लखन पाल ने कहा कि मामले में जल्द से जल्द उचित कार्रवाई की जाएगी.

इलाज के दौरान महिला मौत मामले में परिजनों का प्रदर्शन, CM जयराम को रूट करना पड़ा डायवर्ट

हमीरपुर: हमीरपुर जिला मुख्यालय स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान महिला अध्यापिका की मौत के मामले में परिजनों का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है. हमीरपुर-नाल्टी संपर्क सड़क पर प्रदर्शन करने के बाद परिजनों ने शिमला धर्मशाला एनएच पर चक्काजाम कर दिया.

बता दें कि इस रूट से ही सीएम जयराम ठाकुर ने धर्मशाला पहुंचना था, लेकिन प्रदर्शन के चलते उन्हें वाया सुजानपुर होकर धर्मशाला जाना पड़ा. वहीं, प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने यातायात को भी वाया सुजानपुर शिफ्ट कर दिया था. जानकारी के मुताबिक परिजनों की सीएम के काफिले को रोकने की योजना थी, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के कारण यह संभव नही हो पाया.

वीडियो.

मिली जानकारी के अनुसार बुधवार रात को ऑपरेशन के दौरान ही अध्यापिका अमिता कुमारी की मौत हो गई थी. महिला के परिजनों का दावा है कि अमिता की निजी अस्पताल में गलत ऑपरेशन के चलते तबीयत खराब हो गई थी. जिसपर चिकित्सक ने ऑपरेशन थिएटर से बाहर आकर उन्हें मरीज को टांडा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया.

टांडा पहुंचते ही निजी अस्पताल का स्टाफ और एंबुलेंस उन्हें वहां छोड़कर फरार हो गए. टांडा में चिकित्सकों ने बताया कि मरीज की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी है. वहीं, डीएसपी हेड क्वार्टर हितेश लखन पाल ने कहा कि मामले में जल्द से जल्द उचित कार्रवाई की जाएगी.

Intro:सीएम के काफिले को रोकने के लिए लाश को सड़क पर रखकर 2 घंटे तक एनएच किया चक्का जाम, मुख्यमंत्री का रूट बदला
हमीरपुर.
हमीरपुर जिला मुख्यालय स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान महिला अध्यापिका की मौत के मामले में परिजनों का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है. हमीरपुर-नाल्टी संपर्क सड़क पर प्रदर्शन करने के बाद परिजनों ने शिमला धर्मशाला नेशनल हाईवे पर चक्काजाम किया करीब 2 घंटे तक कि यहां पर चक्का जाम रहा और और वाहनों के पहिए थमे रहे। इसके साथ ही परिजनों ने निजी अस्पताल के बाहर भी जमकर नारेबाजी की। बता दें कि इस रूट से ही सीएम जयराम ठाकुर ने धर्मशाला पहुंचना था लेकिन प्रदर्शन के चलते उन्हें वाया सुजानपुर होकर धर्मशाला जाना पड़ा। वही प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने यातायात को भी वाया सुजानपुर ही शिफ्ट कर दिया था। जानकारी के मुताबिक परिजनों की सीएम के काफिले को रोकने की योजना थी लेकिन यह रूट बदले जाने के कारण सिरे नहीं चढ़ सकी।
बताया जा रहा है कि बुधवार रात को ऑपरेशन के दौरान ही अध्यापिका अमिता कुमारी पत्नी अरुण शर्मा निवासी गांव बराहलड़ी तहसील व जिला हमीरपुर की मौत हो गई थी। यह आरोप महिला के पति अरुण शर्मा ने लगाए थे। अमिता राजकीय प्राथमिक पाठशाला डुढाणा में अध्यापिका थीं। महिला के परिजनों का दावा है कि अमिता को निजी अस्पताल में गलत ऑपरेशन के चलते उनकी पत्नी की तबीयत खराब हो गई। तभी रात करीब सवा 11 बजे एक चिकित्सक ने ऑपरेशन थिएटर से बाहर आकर उन्हें मरीज को डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा ले जाने के लिए कहा। लेकिन अरुण शर्मा ने अपनी पत्नी से मुलाकात करने की गुजारिश की। बावजूद चिकित्सकों ने पति को अपनी पत्नी से नहीं मिलने दिया।
निजी अस्पताल की एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर साथ में लगाकर मरीज को टांडा रेफर कर दिया। टांडा पहुंचते ही निजी अस्पताल का स्टाफ और एंबुलेंस उन्हें वहां छोड़कर फरार हो गया। टांडा में चिकित्सक ने बताया कि मरीज की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी है। उधर डीएसपी हेड क्वार्टर हितेश लखन पाल ने कहा कि मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।


बाइट
मृतिका अध्यापिका के परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से ही उनके परिवार के सदस्य की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ अस्पताल प्रबंधन की वजह से यह मौत हुई है वहीं दूसरी तरफ पुलिस उनकी मांगों का दमन कर रही है उन्हें रिवाल्वर पर दिखाया जा रहा है। उन्होंने मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की मांग उठाई है।



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