हमीरपुर: जिला में आने वाले दिनों में लोगों के लिए यातायात संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं. निजी बस ऑपरेटर यूनियन हमीरपुर ने जिला में बस सेवा को बंद रखने का फैसला लिया है. ऑपरेटरों का कहना है कि सरकार ने पिछले 10 दिन में उनकी एक भी मांग नहीं मानी है.
ऑपरेटरों की मानें तो बीते 9 दिनों से वह घाटा सहने के बावजूद बसें चला रहे थे, लेकिन उन्हें सरकार की तरफ से कोई राहत नहीं मिली. ईटीवी भारत की टीम ने बस स्टैंड हमीरपुर में निजी बसों के मालिकों और यूनियन के पदाधिकारियों से बातचीत की. इस दौरान निजी बस ऑपरेटरों ने दो टूक शब्दों में कहा है कि सरकार जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी वह बस सेवा को बहाल नहीं करेंगे.
जिला हमीरपुर के निजी बस ऑपरेटर यूनियन के महासचिव विरेंद्र ठाकुर का कहना है कि घाटे के बावजूद ऑपरेटरों ने बसें चलाईं, लेकिन सरकार ने एक भी मांग पूरी नहीं की है. जिस वजह से उन्हें यह निर्णय लेना पड़ा है. उन्होंने कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी वह फैसला वापस नहीं लेंगे.
यूनियन के प्रेस सचिव विजय कुमार ने कहा कि बस ऑपरेटरों ने 9 दिन में हजारों रुपये का घाटा सहा है. इस दौरान उन्हें सरकार से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. जिस वजह से उन्हें यह निर्णय लेना पड़ा.
बता दें कि बस ऑपरेटरों की तरफ से किराया बढ़ोतरी, बस स्टैंड की पर्ची माफ करने समेत अन्य कई मांगे सरकार के पास लंबित हैं. जिसे लेकर अभी तक सरकार की तरफ स्टैंड क्लियर नहीं किया गया है. जिस कारण अब निजी बस ऑपरेटर बस सेवा को बंद करने के लिए मजबूर हो चुके हैं. ऐसे में सरकार और निजी बस ऑपरेटरों में चली इस खींचतान से आने वाले दिनों में लोगों को परेशानी पेश आ सकती है.
ये भी पढ़ें: पहाड़ों की रानी में झमाझमा हुई बारिश, 14 जून तक मौसम खराब रहने की संभावना