भोरंज/हमीरपुर: कृषि कानूनों के कारण किसान आहत हैं और आंदोलन करने के लिये मजबूर हुए हैं. किसानों को उनका हक दिलाने के लिये राष्ट्रीय किसान संगठन की हिमाचल प्रदेश की यूनिट ने किसानों का समर्थन किया है और दिल्ली में जिला हमीरपुर व ऊना किसान भी किसान आंदोलन में शामिल होंगे.
यह बात राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. रमेश डोगरा ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही. उन्होंने कहा कि किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन केंद्र की सरकार अभी तक यह समझ नहीं पाई है. केंद्र सरकार के नए कृषि कानून से देशभर के अन्नदाता परेशान हैं.
किसान संगठनों से पांचवें दौर की वार्ता विफल होने से साफ जाहिर हो रहा है कि केंद्र सरकार अपने अहंकार के कारण किसानों की मांगों को पूरा करने में आनाकानी कर रही है. डॉ. डोगरा ने किसानों की मांग को पूरा करने के लिये केंद्र सरकार का विशेष सत्र बुलाकर कृषि कानून को वापिस लेना होगा.
उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी पर केंद्र सरकार को कानून बनाना होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकर कृषि उत्पादकता बढ़ाने के दाबे कर रही है, लेकिन किसानों को फसल बिजाई के समय न तो खाद और न ही बीज उपलब्ध हो रहा है.
डॉ. डोगरा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के किसान बेसहारा छोड़े जा रहे पशुओं और जंगली जानवरों के नुकसान से बेहद परेशान हैं. यहां तक किसानों के लिये पशु चारे की समस्या भी पैदा हो गई है. किसान पंजाब की तूड़ी पर आश्रित हो गये हैं, लेकिन प्रदेश सरकर किसानों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रही.
उन्होंने राष्ट्रीय किसान संगठन की ओर में मांग करते हुए कहा कि अगर बल्ह में हवाई अड्डा बनाने का विरोध हो रहा है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जाहू में हवाई अड्डा बनाए. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय किसान संगठन राष्ट्रीय महामंत्री देशराज मोदगिल के साथ कंधे से कंधा मिलकार आगे बढ़ रहा है.