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बुजुर्गों की सुविधा के लिए ऊना में घर-घर पहुंचे कोरोना फाइटर, राजभवन ने भी की तारीफ - pension to elderly

हिमाचल के एकमात्र जिला ऊना में इस व्यवस्था को लागू किया गया है. इस जिला का अनुसरण करते हुए केरल और बाद में लखनऊ में भी इसका ट्रायल किया है. इसके चलते लगभग शत-प्रतिशत पेंशनरों को घर पर ही पेंशन उपलब्ध करवाई गई. वहीं, जिन लोगों के खाते डाक विभाग के पास नहीं थे उनको भी यह सुविधा घर द्वार ही मिली.

Pension at home
घर पर पेंशन
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Published : May 3, 2020, 12:05 AM IST

Updated : May 4, 2020, 9:44 AM IST

हमीरपुर. डाक विभाग ऊना ने वैश्विक महामारी कोविड 19 के संकट काल में कोरोना वॉरियर बनकर मिसाल कायम की है. हेल्थ टीमों की तरह ही फ्रंट लाइन पर डाक विभाग ऊना के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कोरोना वायरस के दृष्टिगत सबसे संवेदनशील माने जाने वाले बुजुर्गों को घर जाकर पेंशन उपलब्ध करवाई है.

30,000 से अधिक पेंशनरों को डाक विभाग के मोबाइल पोस्ट ऑफिस या चलते-फिरते डाकघर के माध्यम से पेंशन घर में ही पहुंचाई है. इतना ही नहीं जिन लोगों का डाक विभाग के पास खाता तक नहीं था. ऐसे लोगों को उनके बैंक खाते से ही 10 हजार तक की राशि नकद उपलब्ध करवाई गई. डाक विभाग ने 12 करोड़ की पेंशन राशि डाक विभाग के खाताधारकों को उपलब्ध करवाई है, जबकि बैंक खाताधारकों को इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक के माध्यम से लगभग 2 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध करवाई गई है.

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हिमाचल के एकमात्र जिला ऊना में इस व्यवस्था को लागू किया गया है. इस जिला का अनुसरण करते हुए केरल और बाद में लखनऊ में भी इसका ट्रायल किया है. इसके चलते लगभग शत-प्रतिशत पेंशनरों को घर पर ही पेंशन उपलब्ध करवाई गई. वहीं, जिन लोगों के खाते डाक विभाग के पास नहीं थे उनको भी यह सुविधा घर द्वार ही मिली.

डाक विभाग ऊना की इस पहल का फायदा साथ लगते जिला बिलासपुर और हमीरपुर के पेंशनरों को भी मिला है. इसमें वह लोग भी शामिल हैं जिनका खाता डाक विभाग के पास था. साथ ही वह लोग भी शामिल हैं, जिनका डाक विभाग की बजाय बैंक में खाता था.

शनिवार को डाक विभाग ऊना की टीम लाठियानी क्षेत्र में लोगों को घर-घर पहुंचकर पेंशन उपलब्ध करवाने के लिए कार्य कर रही थी. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम ने डाक विभाग ऊना के अधीक्षक राम तीरथ शर्मा से विशेष बातचीत की.

विशेष बातचीत में राम तीरथ ने कहा कि चीफ पोस्ट मास्टर जनरल शमिता कुमार से बातचीत कर उन्होंने अनुमति ली थी. उनसे स्वीकृति मिलने के बाद डीसी ऊना संदीप कुमार के सामने उन्होंने प्रस्ताव रखा. इसके बाद चलते-फिरते डाकघर के लिए 2 गाड़ियों की व्यवस्था करने की मांग की गई, जिस पर उपायुक्त ऊना ने विभाग की योजना की तारीफ करते हुए 2 की बजाय 4 गाड़ियों की व्यवस्था करने की अनुमति प्रदान की. इसके बाद घर-घर जाकर पेंशनरों को पेंशन देने का सिलसिला शुरू हुआ.

राम तीरथ शर्मा ने कहा कि 12 करोड़ की पेंशन राशि डाक विभाग के खाताधारक 30,000 पेंशनरों को दी गई है, जबकि लगभग 1 करोड़ की पेंशन राशि बैंक खाता धारक पेंशनरों को उपलब्ध करवाई गई है.

जिला ऊना में कुल 40 हजार पेंशनर हैं. कुल पेंशन की राशि जिला ऊना में डाक विभाग और बैंक खातों को मिलाकर 15 करोड़ 54 लाख वितरित की जाती है, जबकि इस बार डाक विभाग ऊना ने घर द्वार जाकर ही 13 करोड़ से अधिक पेंशन राशि चलते फिरते डाकघर के माध्यम से उपलब्ध करवाई है.

जिला के डाक विभाग के कर्मचारी पीपीई किट में भी चलते फिरते डाकघर के माध्यम से हॉटस्पॉट जोन वाली पंचायतों में जाकर भी पेंशन घर घर पहुंचा चुके हैं. ऐसे ही एक कर्मचारी की तस्वीर राज भवन शिमला के अधिकारियों के ध्यान में आने पर डाक विभाग ऊना अधीक्षक राम तीरथ शर्मा से बातचीत की गई और उस कर्मचारी का मोबाइल नंबर लिया गया.

अधीक्षक का कहना है कि उस कर्मचारी को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष तौर पर फोन पर उच्च अधिकारियों ने उससे बातचीत भी की. इससे कार्य में लगे सभी कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा है. संभवत यह अपने आप में रिकॉर्ड है कि किसी एक जिला ने शत-प्रतिशत पेंशन घर घर जाकर पेंशनरों को उपलब्ध करवाई गई हो. कोरोना संकट के दौर में यह देश भर के लिए मिसाल है.

हमीरपुर. डाक विभाग ऊना ने वैश्विक महामारी कोविड 19 के संकट काल में कोरोना वॉरियर बनकर मिसाल कायम की है. हेल्थ टीमों की तरह ही फ्रंट लाइन पर डाक विभाग ऊना के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कोरोना वायरस के दृष्टिगत सबसे संवेदनशील माने जाने वाले बुजुर्गों को घर जाकर पेंशन उपलब्ध करवाई है.

30,000 से अधिक पेंशनरों को डाक विभाग के मोबाइल पोस्ट ऑफिस या चलते-फिरते डाकघर के माध्यम से पेंशन घर में ही पहुंचाई है. इतना ही नहीं जिन लोगों का डाक विभाग के पास खाता तक नहीं था. ऐसे लोगों को उनके बैंक खाते से ही 10 हजार तक की राशि नकद उपलब्ध करवाई गई. डाक विभाग ने 12 करोड़ की पेंशन राशि डाक विभाग के खाताधारकों को उपलब्ध करवाई है, जबकि बैंक खाताधारकों को इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक के माध्यम से लगभग 2 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध करवाई गई है.

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हिमाचल के एकमात्र जिला ऊना में इस व्यवस्था को लागू किया गया है. इस जिला का अनुसरण करते हुए केरल और बाद में लखनऊ में भी इसका ट्रायल किया है. इसके चलते लगभग शत-प्रतिशत पेंशनरों को घर पर ही पेंशन उपलब्ध करवाई गई. वहीं, जिन लोगों के खाते डाक विभाग के पास नहीं थे उनको भी यह सुविधा घर द्वार ही मिली.

डाक विभाग ऊना की इस पहल का फायदा साथ लगते जिला बिलासपुर और हमीरपुर के पेंशनरों को भी मिला है. इसमें वह लोग भी शामिल हैं जिनका खाता डाक विभाग के पास था. साथ ही वह लोग भी शामिल हैं, जिनका डाक विभाग की बजाय बैंक में खाता था.

शनिवार को डाक विभाग ऊना की टीम लाठियानी क्षेत्र में लोगों को घर-घर पहुंचकर पेंशन उपलब्ध करवाने के लिए कार्य कर रही थी. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम ने डाक विभाग ऊना के अधीक्षक राम तीरथ शर्मा से विशेष बातचीत की.

विशेष बातचीत में राम तीरथ ने कहा कि चीफ पोस्ट मास्टर जनरल शमिता कुमार से बातचीत कर उन्होंने अनुमति ली थी. उनसे स्वीकृति मिलने के बाद डीसी ऊना संदीप कुमार के सामने उन्होंने प्रस्ताव रखा. इसके बाद चलते-फिरते डाकघर के लिए 2 गाड़ियों की व्यवस्था करने की मांग की गई, जिस पर उपायुक्त ऊना ने विभाग की योजना की तारीफ करते हुए 2 की बजाय 4 गाड़ियों की व्यवस्था करने की अनुमति प्रदान की. इसके बाद घर-घर जाकर पेंशनरों को पेंशन देने का सिलसिला शुरू हुआ.

राम तीरथ शर्मा ने कहा कि 12 करोड़ की पेंशन राशि डाक विभाग के खाताधारक 30,000 पेंशनरों को दी गई है, जबकि लगभग 1 करोड़ की पेंशन राशि बैंक खाता धारक पेंशनरों को उपलब्ध करवाई गई है.

जिला ऊना में कुल 40 हजार पेंशनर हैं. कुल पेंशन की राशि जिला ऊना में डाक विभाग और बैंक खातों को मिलाकर 15 करोड़ 54 लाख वितरित की जाती है, जबकि इस बार डाक विभाग ऊना ने घर द्वार जाकर ही 13 करोड़ से अधिक पेंशन राशि चलते फिरते डाकघर के माध्यम से उपलब्ध करवाई है.

जिला के डाक विभाग के कर्मचारी पीपीई किट में भी चलते फिरते डाकघर के माध्यम से हॉटस्पॉट जोन वाली पंचायतों में जाकर भी पेंशन घर घर पहुंचा चुके हैं. ऐसे ही एक कर्मचारी की तस्वीर राज भवन शिमला के अधिकारियों के ध्यान में आने पर डाक विभाग ऊना अधीक्षक राम तीरथ शर्मा से बातचीत की गई और उस कर्मचारी का मोबाइल नंबर लिया गया.

अधीक्षक का कहना है कि उस कर्मचारी को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष तौर पर फोन पर उच्च अधिकारियों ने उससे बातचीत भी की. इससे कार्य में लगे सभी कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा है. संभवत यह अपने आप में रिकॉर्ड है कि किसी एक जिला ने शत-प्रतिशत पेंशन घर घर जाकर पेंशनरों को उपलब्ध करवाई गई हो. कोरोना संकट के दौर में यह देश भर के लिए मिसाल है.

Last Updated : May 4, 2020, 9:44 AM IST
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