हमीरपुर: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 के जंग में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही देखने को मिलेगा लेकिन आप ने ताल ठोक कर चुनावी जंग को त्रिकोणीय बना दिया है. हमीरपुर जिले की नादौन सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच पिछले कुछ चुनावों में कांटे की टक्कर देखने को मिली है. इस बार भी कांग्रेस ने चुनाव प्रचार समिति अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू पर ही भरोसा जताया है तो बीजेपी की तरफ से पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री हैं. (political equation of nadaun assembly seat)
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सुक्खू और अग्निहोत्री आमने-सामने: चौधरी समुदाय के वोट का इस विधानसभा क्षेत्र में खासा प्रभाव माना जाता है. इस दफा चौधरी समुदाय से आम आदमी पार्टी ने प्रत्याशी शैंकी ठुकराल को चुनावी मैदान में उतारा है. साल 2003 और साल 2007 में इस वर्ग के प्रत्याशियों ने खासी भूमिका अदा करते हुए कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका अदा की थी. इस समुदाय से किसी भी प्रत्याशी के चुनावी मैदान में उतरने से भाजपा को संभावित नुकसान माना जाता है.
निर्णायक भूमिका निभाते हैं चौधरी समुदाय के मतदाता: इस विधानसभा क्षेत्र में मतों की दृष्टि से जीत का फासला भी अधिक नहीं रहा है. पिछले तीन चुनावों में जीत का मार्जिन 500 से 6000 के बीच में रहा है. ऐसे में यहां पर अब चौधरी समुदाय के मतदाताओं पर सबकी नजर बनी हुई है. इस बार के चुनावों में प्रभात चौधरी भाजपा के प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री के साथ हैं लेकिन उनके भतीजे शैंकी ठुकराल चुनावी दृष्टि से विधानसभा क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय थे और अब आम आदमी पार्टी ने उन्हें टिकट देकर यहां पर इस वर्ग को रिझाने का भी प्रयास किया है.
हर वर्ग के प्रत्याशी: आम आदमी पार्टी का हमीरपुर जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्रों के अपेक्षाकृत नादौन विधानसभा क्षेत्र में अधिक प्रभाव देखने को मिल रहा है. यह देखना रोचक रहेगा कि यहां पर बेहद ही कम रहने वाले जीत के मार्जिन में आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत कितना रहता है. बड़ी बात ये कि विधानसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण बेहद महत्वपूर्ण रहा है. हर वर्ग से प्रत्याशी चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने के लिए उतरे हैं.
सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए सीएम का नारा: सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थक मुख्यमंत्री पद का नारा दे रहे हैं तो दूसरी तरफ भाजपा के नेता और कार्यकर्ता इसकी काट कर रहे हैं. यहां तक कि खुद देश के गृह मंत्री अमित शाह यहां आकर कांग्रेस के मुख्यमंत्री उम्मीदवारों पर बयान देकर तंज कस चुके हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में एक नहीं बल्कि कई दफा कड़ा मुकाबला देखने को मिला है.
नादौन का जातीय समीकरण: नादौन विधानसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण बेहद महत्वपूर्ण है. यहां पर सबसे अधिक ब्राह्मण मतदाता है और उसके बाद राजपूत मतदाताओं की संख्या है. इन दोनों वर्गों के साथ ही चौधरी समुदाय और ओबीसी वोट भी यहां पर निर्णायक भूमिका में होता है. कांग्रेस ने यहां से राजपूत और भाजपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी पर दांव चला है. वहीं ओबीसी वर्ग से आम आदमी पार्टी ने प्रत्याशी मैदान में उतारा है. 93 हजार मतदाताओं वाले इस विधानसभा क्षेत्र में 32 हजार के करीब ब्राह्मण और तीस हजार के करीब राजपूत मतदाता हैं. यहां पर पच्चीस हजार के लगभग ओबीसी एससी और अल्पसंख्यक मतदाता हैं.
नदौन सीट का इतिहास : साल 1998 तक इस सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नारायण चंद पराशर ने चुनाव लड़ा लेकिन उनके बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू का ही इस सीट पर बोलबाला देखने को मिला है. साल 1998 के बाद हुए चार चुनावों में से तीन में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जीत हासिल की है जबकि एक दफा भाजपा प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री ने यहां पर चुनावी रण को फतह किया है. साल 1998 में भाजपा के प्रत्याशी बाबूराम मंडयाल ने 16917 वोट हासिल कर 580 मत के अंतर से जीत हासिल की थी जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी नारायण चंद पराशर को 16337 मत प्राप्त हुए थे.
2003 का गणित: साल 2003 में कांग्रेस के प्रत्याशी सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 14379 मत लाकर यहां पर 4585 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. आजाद प्रत्याशी प्रभात चंद ने इस चुनाव में 9794 मत हासिल किए थे जबकि भाजपा के प्रत्याशी बाबू राम मंडयाल 8657 मतों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे. आजाद प्रत्याशी रघुवीर सिंह ने इस चुनाव 8313 मत लेकर चौथा स्थान हासिल किया था.
2007 का गणित: साल 2007 में कांग्रेसी प्रत्याशी सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 17727 मत लेकर जीत हासिल की थी. इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री को 17141 मत प्राप्त हुए थे. बीएसपी के प्रत्याशी प्रभात चौधरी ने 10401 मत हासिल किए. महज 586 के मार्जिन से सुक्खू ने इस चुनाव में जीत हासिल की थी. छह प्रत्याशी इस चुनाव में थे. कुल 45985 वोट कास्ट हुए थे. कुल 65391 मतदाता थे.
2012 का गणित: साल 2012 में भाजपा प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री ने 31305 मत लाकर 6750 मत के अंतर के साथ जीत हासिल की थी. कांग्रेस प्रत्याशी सुक्खू को 24555 मत प्राप्त हुए थे. एचएलपी पार्टी के प्रत्याशी बाबू राम मंडयाल को इस चुनाव में 1090 मत प्राप्त हुए थे.
2017 का गणित: साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 30980 मत लाकर 2349 के अंतर के साथ जीत हासिल की थी. यहां पर भाजपा प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री को कुल 28631 मत प्राप्त हुए थे. आजाद प्रत्याशी लेखराज लेखा ने इस चुनाव 1875 मत लेकर हार जीत के फासले में अहम भूमिका निभाई थे..
नादौन में मतदाता: नादौन विधानसभा क्षेत्र में जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्रों के मुकाबले सबसे अधिक मतदाता हैं. यहां पर 93013 मतदाता प्रत्याशियों की जीत और हार का फैसला करेंगे जिनमें पुरुष मतदाता 46079 हैं जबकि महिला मतदाता 46934 है. महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले अधिक है और सर्विस वोटर की संख्या 1505 है. यहां पर 75 फ़ीसदी के लगभग मतदान देखने को मिलता है. यदि इस बार भी इतना ही मतदान होता है तो 70 हजार के करीब मतदान होगा. यहां पर जीत हासिल करने के लिए प्रत्याशी को निश्चित तौर पर 35 से 40000 के बीच में वोट हासिल करने पड़ेंगे.