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स्टेडियम के ड्रेसिंग रूम में 13 साल से चल रहा पुलिस सहायता कक्ष, 11 पंचायतों में सिर्फ 5 जवान तैनात

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Published : Dec 13, 2019, 2:08 PM IST

हमीरपुर उपमंडल बड़सर के बिझड़ी में पुलिस चौकी को देखते हुए पुलिस असिस्टेंट रूम का प्रावधान किया गया है. 11 पंचायतों के हजारों लोगों को सुरक्षा व पुलिस सहायता प्रदान करने वाली पुलिस यहां खुद ही असहाय नजर आती है. ताल स्टेडियम के ड्रेसिंग रूम में जैसे-तैसे पुलिस सहायता कक्ष से काम चलवाया जा रहा है. क्रिकेट मैच के दौरान खिलाड़ियों की गेंद से सिर फूटने का डर जवानों और फरियादियों को रहता है.

Police support cell running in the dressing room of the stadium in Hamirpur
स्टेडियम के ड्रेसिंग रूम में 13 साल से चल रहा पुलिस सहायता कक्ष, नहीं मिला अपना भवन

बड़सर: जिला हमीरपुर के बड़सर उपमण्डल के बिझड़ी में पुलिस चौकी की जरूरत को देखते हुए पुलिस असिस्टेंट रूम का प्रावधान किया गया है. 11 पंचायतों के हजारों लोगों को सुरक्षा व पुलिस सहायता प्रदान करने वाली पुलिस यहां खुद ही असहाय नजर आती है. ताल स्टेडियम के ड्रेसिंग रूम में जैसे -तैसे पुलिस सहायता कक्ष बिझड़ी का काम चलाया जा रहा है. क्रिकेट मैच के दौरान सिर में चोट लगने का भय जवानोंल और फरियादियों में बना रहता है.

डीएसपी हितेश लखन पाल ने बताया कि जल्द ही भवन में शिफ्ट करने के लिए प्रयास किए जा रहे है. इसके लिए कागजी खानापूर्ति का काम शुरू हो गया है. जानकारी के मुताबिक करीब एक किलोमीटर लंबे बाजार की ट्रैफिक व्यवस्था संभालने, 11 पंचायतों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक एएसआई और 4 जवान तैनात हैं. महिला पुलिसकर्मी नहीं होने के कारण महिलाओं से संबंधित मामलों में दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

वीडियो रिपोर्ट.

अगर आकड़ों की बात करें तो अभी तक इस साल दियोटसिद्ध पुलिस चौकी में 34, गलोड़ में 23 और बिझड़ी में 38 मामले पुलिस फाइल में दर्ज हैं. संवेदनशील ढटवाल इलाके में लोग स्थाई पुलिस चौकी खोलने व स्टाफ बढ़ाने की मांग काफी समय से हो रही है.

ये भी पढ़ें: मंत्री बनने के सवाल पर रमेश धवाला का बयान, 'अब दूल्हा कैसे बोले की मेरी शादी करवाओ'

बड़सर: जिला हमीरपुर के बड़सर उपमण्डल के बिझड़ी में पुलिस चौकी की जरूरत को देखते हुए पुलिस असिस्टेंट रूम का प्रावधान किया गया है. 11 पंचायतों के हजारों लोगों को सुरक्षा व पुलिस सहायता प्रदान करने वाली पुलिस यहां खुद ही असहाय नजर आती है. ताल स्टेडियम के ड्रेसिंग रूम में जैसे -तैसे पुलिस सहायता कक्ष बिझड़ी का काम चलाया जा रहा है. क्रिकेट मैच के दौरान सिर में चोट लगने का भय जवानोंल और फरियादियों में बना रहता है.

डीएसपी हितेश लखन पाल ने बताया कि जल्द ही भवन में शिफ्ट करने के लिए प्रयास किए जा रहे है. इसके लिए कागजी खानापूर्ति का काम शुरू हो गया है. जानकारी के मुताबिक करीब एक किलोमीटर लंबे बाजार की ट्रैफिक व्यवस्था संभालने, 11 पंचायतों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक एएसआई और 4 जवान तैनात हैं. महिला पुलिसकर्मी नहीं होने के कारण महिलाओं से संबंधित मामलों में दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

वीडियो रिपोर्ट.

अगर आकड़ों की बात करें तो अभी तक इस साल दियोटसिद्ध पुलिस चौकी में 34, गलोड़ में 23 और बिझड़ी में 38 मामले पुलिस फाइल में दर्ज हैं. संवेदनशील ढटवाल इलाके में लोग स्थाई पुलिस चौकी खोलने व स्टाफ बढ़ाने की मांग काफी समय से हो रही है.

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Intro:स्टेडियम के ड्रेसिंग रूम में 13 साल से चल रहा पुलिस सहायता कक्ष, नहीं मिला अपना भवन

बड़सर हमीरपुर
उपमण्डल बड़सर का बिझड़ी में पुलिस चौकी की जरूरत को देखते हुए पुलिस असिस्टेंट रूम का प्रावधान किया गया लेकिन 11 पंचायतों के हजारों लोगों को सुरक्षा व पुलिस सहायता प्रदान करने वाली पुलिस यहां खुद ही असहाय प्रतीत होती है। ताल स्टेडियम के ड्रेसिंग रूम में जैसे तैसे पुलिस सहायता कक्ष बिझड़ी का काम चलवाया जा रहा है। क्रिकेट मैच के दौरान खिलाड़ियों की गेंद से सर फूटने का डर भी पुलिसकर्मियों व फरियादियों में बना रहता है।
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डीएसपी हितेश लखन पाल ने कहा कि जल्द ही इस पीआर को मे भवन में शिफ्ट करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए औपचारिकताएं भी शुरू कर दी गई हैं ताकि जल्द से जल्द इसे अपना भवन मिल सकेConclusion:लगभग एक किलोमीटर लंबे बाज़ार की ट्रैफिक सम्भालने,11 पंचायतों में ला एन्ड आर्डर बनाये रखने व कार्यालय की व्यवस्था बनाये रखने के लिए एक एएसआई व चार पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा कोई भी महिला पुलिसकर्मी यहां उपलब्ध नहीं है। इस वर्ष दियोटसिद्ध पुलिस चौकी में 34,गलोड़ में 23 तथा बिझड़ी में 38 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। ऐसे में क्राइम के मामले में संवेदनशील ढटवाल इलाके में लोगों ने स्थाई पुलिस चौकी खोलने व स्टाफ़ बढाने की मांग की है।
लोगों का कहना है कि यदि महिलाओं से सम्बंधित कोई मामला पेश आता है तो बिना महिला पुलिसकर्मी के उससे निपटना मुश्किल हो सकता है।
ऐसे में स्थानीय लोगों नें सरकार से मांग की है कि पुलिस सहायता कक्ष को पुलिस चौकी में बदला जाए। चौकी के लिए भवन निर्माण करवाया जाए या फिर दूसरे विभागों की खाली पड़ी इमारतों का इस्तेमाल किया जाए। इन लोगों ने बिझड़ी चौकी में स्टाफ़ बढाने के साथ ही महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की मांग भी की है।


report ravi thakur
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