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सैंपल देने नहीं पहुंच रहे ट्रेस किये गए लोग, पुलिस की मदद ले सकता है स्वास्थ्य विभाग

बड़सर में संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोग सैंपल देने में ही आनाकानी कर रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी परेशान हैं. ऐसे में अब विभाग पुलिस की सहायता लेने पर विवश हो सकता है.

Barsar Hospital
बड़सर अस्पताल
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Published : Dec 3, 2020, 2:28 PM IST

Updated : Dec 16, 2020, 4:33 PM IST

बड़सर/हमीरपुर: बड़सर में लोगों के बीच कोविड संक्रमण रोकने के लिए दिन रात प्रयासरत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लोगों के रवैये से परेशान हैं. संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोग सैंपल देने में ही आनाकानी कर रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी परेशान हैं.

दरअसल, समेला में 10 पॉजिटिव केस आने के बाद विभाग को फिर से 80 सैंपल लेने थे, लेकिन केवल 45 लोग ही सामने आए. इसके बाद लोगों को फिर से सूचित किया गया, लेकिन फिर भी सभी लोग सैंपल देने नहीं पहुंचे. ऐसे में अब विभाग पुलिस की सहायता लेने पर विवश हो सकता है. हैरानी की बात है कि लोगों की जान बचाने के लिए दिन रात एक कर रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है.

बीएमओ बड़सर डॉ. नरेश ने कहा कि लोग कोविड टेस्ट के लिए सामने नहीं आ रहे हैं. इसलिए हमें पुलिस की सहायता लेने पर मजबूर होना पड़ सकता है. उन्होंने लोगों से अफवाहों से बचने की सलाह भी दी है. उनके अनुसार विभाग या सरकार को पॉजिटिव केस के लिए कोई पैसा नहीं मिल रहा है.

विभागीय अधिकारियों के अनुसार लोगों में सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैली है कि एक पॉजिटिव केस के लिए सरकार व विभाग को 3 लाख रुपये मिल रहे हैं. इसलिए ज्यादा लोगों को पॉजिटिव किया जा रहा है. बीएमओ बड़सर डॉ. नरेश ने कहा कि हम इन अफवाहों का खंडन करते हैं. लोगों को समझदारी से काम लेते हुए अपनी व अपने परिजनों की जान बचाने के लिए आगे आना चाहिए.

बड़सर/हमीरपुर: बड़सर में लोगों के बीच कोविड संक्रमण रोकने के लिए दिन रात प्रयासरत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लोगों के रवैये से परेशान हैं. संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोग सैंपल देने में ही आनाकानी कर रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी परेशान हैं.

दरअसल, समेला में 10 पॉजिटिव केस आने के बाद विभाग को फिर से 80 सैंपल लेने थे, लेकिन केवल 45 लोग ही सामने आए. इसके बाद लोगों को फिर से सूचित किया गया, लेकिन फिर भी सभी लोग सैंपल देने नहीं पहुंचे. ऐसे में अब विभाग पुलिस की सहायता लेने पर विवश हो सकता है. हैरानी की बात है कि लोगों की जान बचाने के लिए दिन रात एक कर रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है.

बीएमओ बड़सर डॉ. नरेश ने कहा कि लोग कोविड टेस्ट के लिए सामने नहीं आ रहे हैं. इसलिए हमें पुलिस की सहायता लेने पर मजबूर होना पड़ सकता है. उन्होंने लोगों से अफवाहों से बचने की सलाह भी दी है. उनके अनुसार विभाग या सरकार को पॉजिटिव केस के लिए कोई पैसा नहीं मिल रहा है.

विभागीय अधिकारियों के अनुसार लोगों में सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैली है कि एक पॉजिटिव केस के लिए सरकार व विभाग को 3 लाख रुपये मिल रहे हैं. इसलिए ज्यादा लोगों को पॉजिटिव किया जा रहा है. बीएमओ बड़सर डॉ. नरेश ने कहा कि हम इन अफवाहों का खंडन करते हैं. लोगों को समझदारी से काम लेते हुए अपनी व अपने परिजनों की जान बचाने के लिए आगे आना चाहिए.

Last Updated : Dec 16, 2020, 4:33 PM IST
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