हमीरपुर: मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के रोगी कल्याण समिति की बैठक में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की खूब फजीहत हुई. समिति की बैठक एजेंडा रखते वक्त ही प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी ने मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चौहान को फटकार लगा दी. उन्हों कहा कि एजेंडा पेश किया जा रहा है या कोई कॉन्सेप्ट नोट.
दरअसल, बैठक में चिकित्सा अधीक्षक रमेश चौहान पॉइंट नंबर 17 को प्रस्तुत कर रहे थे. इस दौरान असमंजस होने पर बीच में ही स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि बैठक में एजेंडा कुछ इस तरह से प्रस्तुत किया जा रहा है कि जैसे कोई फिलॉसफी हो. एजेंडा से नाखुश स्वास्थ्य सचिव ने यहां तक कह दिया कि यह एजेंडा नहीं एक तरह का कंसेप्ट नोट है. बैठक में मेडिकल कॉलेज हमीरपुर प्रबंधन की तरफ से कहानी प्रस्तुत की जा रही हैं. इन कॉन्सेप्ट नोट पर स्वास्थ्य मंत्री कोई जुबानी फैसला नहीं ले सकते हैं.
आपको बता दें कि मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के रोगी कल्याण समिति की बैठक बुधवार को हमीर होटल में आयोजित हुई. बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने की. बैठक में खूब गहमागहमी देखने को मिली तथा सरकार की तरफ से नामित सदस्यों ने भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल उठाए. बैठक में आला अधिकारियों ने मेडिकल कॉलेज हमीरपुर प्रबंधन के अधिकारियों को खूब फटकार भी लगाई.
बैठक की शुरुआत में ही मेडिकल कॉलेज हमीरपुर की रोगी कल्याण समिति के नामित सदस्यों और प्रबंधन वर्ग में खूब तल्खी देखने को मिली. हालांकि, शुरुआती चरण में बैठक लगभग 20 मिनट तक अस्पताल में पार्किंग और स्टाफ के अन्य सुविधाओं पर ही केंद्रित रही. 3 साल बाद आयोजित हो रही इस बैठक में आम लोगों और मरीजों की समस्याओं तक पहुंचने के लिए अस्पताल प्रबंधन को समय लग गया. इसके बाद जब बैठक आगे बढ़ी तो एजेंडा में कई ऐसे पॉइंट्स थे, जिन्हें स्पष्ट करने में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन असमर्थ दिखा.
मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक रमेश चौहान और प्रिंसिपल सुमन यादव संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए जिस पर कई नामित सदस्य भी नाखुश दिखे. इसके अलावा डेपुटेशन पर भेजे गए 15 डॉक्टर में से एक डॉक्टर के मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में लंबे समय से डटे रहने का सवाल भी खूब चर्चा में रहा. रोगी कल्याण समिति के नामित सदस्यों ने इसे लेकर भी मेडिकल कॉलेज हमीरपुर प्रबंधन वर्ग से जवाब मांगा लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ सुमन यादव की तरफ से इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया.
वहीं, बैठक के दौरान मरीजों को मेडिकल कॉलेज अन्य अस्पतालों में रेफर करने की परंपरा में भी बदलाव करने तथा मरीजों को रेफर करते वक्त उनका डाटा रखने के निर्देश दिए गए, ताकि रेफर किए जाने वाले कारणों का पता चल सके और उन कमियों को भविष्य में दूर किया जाए. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में स्वास्थ्य उपकरणों की कमी का मसला भी जोर शोर से बैठक में उठाया गया. विभिन्न बीमारियों के टेस्ट के रेट को टांडा मेडिकल कॉलेज हमीरपुर की तर्ज पर लागू किए जाने का भी इसमें निर्णय लिया गया.
रोगी समिति की बैठक खत्म होने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि मशीन को जल्द से जल्द इंस्टॉल करने के निर्देश दिए गए हैं. इस दिशा में शीघ्रता से कार्य किया जाएगा. इसके अलावा अन्य कई बीमारियों के किए जाने वाले टेस्ट के रेट टांडा मेडिकल कॉलेज कांगड़ा की तर्ज पर लागू किए जाने का निर्णय लिया गया है. साथ ही, कॉलेज प्रबंधन को रोगी कल्याण समिति के सदस्यों के साथ अनौपचारिक तौर पर भी बैठक करने की हिदायत दी गई है.
मीडियाकर्मियों से रूबरू होते हुए यह भी कहा कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज हमीरपुर प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि सरकार की तरफ से नामित किए गए रोगी कल्याण समिति के सदस्यों के साथ अनौपचारिक तरीके से भी बैठक कर वार्ता करें और महज रोगी कल्याण समिति की औपचारिक बैठक का ही इंतजार ना करें. उन्होंने इस बात पर भी खुशी जाहिर की की सरकार की तरफ से नामित किए गए सदस्य सक्रिय रूप से मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में सुविधाओं को लेकर सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अन्य जिलों के मुकाबले हमीरपुर जिला में रोगी कल्याण समिति के नामित सदस्य अधिक सक्रिय नजर आए हैं.
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