मंडी: मंडी जिले की चौहारघाटी में पहाड़ी बजीर नाम से विख्यात आराध्य देव पशाकोट अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के लिए रवाना हो गए हैं. देव पशाकोट ने चौहारघाटी, जोगिंदरनगर, चौंतड़ा, बीड़ और चौगान का हार भ्रमण पूरा करने के बाद आज अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महापर्व के लिए अपना पड़ाव शुरू किया. उल्लेखनीय है कि मंडी में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 19 फरवरी से शुरू हो रहा है. बीड़ के चौगान से शुरू किए गए इस पड़ाव में लगभग 20 दिन के बाद आराध्य देव पशाकोट चौहारघाटी बड़ा देव हुरंग नारायण के साथ मंडी पहुंचेंगे.
वीरवार को भ्रमण देव पशाकोट का रात्रि विश्राम बजगर में होगा. इसके उपरांत 11 फरवरी को उरला के करालड़ी स्थित लगभग 80 लाख की लागत से काष्ठकुणी शैली में नवनिर्मित मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत करेंगे. लगभग 5 दिन तक देवता का ठहराव यहीं मंदिर में होगा. जहां से देवता आगे के पड़ाव के लिए रवाना होकर मंडी कूच करेंगे. वहीं, चौहरघाटी के बड़ा देव हुरंग काली नारायण भी अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि पर्व को लेकर अपने मूल मंदिर से रवाना हो चुके हैं. ऐसे में देवी देवता के वाद्य यंत्रों की सुरीली ध्वनि से क्षेत्र का माहौल भक्ति में बना हुआ है.
सभी देवता अपने लाव लश्कर सहित गांव-गांव में प्रवेश कर ग्रामीणों को सुख, समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद दे रहे हैं. बता दें कि इस बार मंडी में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 19 से 25 फरवरी तक मनाया जा रहा है. देव व मानस मिलन के इस अनूठे संगम में छोटी काशी मंडी देवध्वियों से गुंजायमान हो जाती है. देवी देवताओं के आगमन से मंडी जनपद पूरी तरह से थिरकने लगता है.
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