हमीरपुर: प्रधानमंत्री मोदी से परीक्षा पर चर्चा के लिए सरकारी स्कूल के एक भी बच्चे का चयन नहीं हुआ है. इसको लेकर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने अजीबो-गरीब तर्क दिया है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूल के बच्चों का संवाद कौशल सही नहीं है.
शुक्रवार को शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने हमीरपुर के विभागीय अधिकारियों से बैठक की. इस दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने माना कि निजी स्कूलों के बजाय सरकारी स्कूलों में बच्चों का संवाद कौशल कमजोर है.
अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर कैसे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों का संवाद कौशल बेहतर होगा. केंद्र और प्रदेश सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत करोड़ों रुपये सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के दावों के साथ खर्च कर रही है.
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज का कहना है कि निजी स्कूलों के बच्चों की संवाद कौशल और वाद-विवाद की क्षमता सरकारी स्कूलों के बच्चों से बेहतर हो सकती है. सरकार प्रयत्न कर रही है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों का संवाद कौशल भी बेहतर हो और इसके लिए बैग-फ्री-डे भी शुरू किया गया है.
वहीं, निजी स्कूलों में यह व्यवस्था काफी पहले से शुरू है. भारद्वाज ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षक विद्यार्थियों को डांट नहीं सकते हैं और निजी स्कूलों में ऐसा नहीं होता.
पीएम मोदी 20 जनवरी को परीक्षा पर चर्चा करेंगे इसके लिए प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में एक भी बच्चे का से चयन नहीं हुआ है, जिससे सरकारी स्कूल में पढ़ाई की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं. वहीं, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज का कहना है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की कम्युनिकेशन स्किल कम होने के कारण उनका चयन नहीं हो सका है.