हमीरपुर: नगर परिषद हमीरपुर के कचरा ट्रीटमेंट प्लांट दगनेहड़ी में व्यवस्थाओं में सुधार ना होने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल न्यू दिल्ली की प्रिंसिपल बेंच ने तल्ख टिप्पणी की है. मामले में 19 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान शहरी विकास विभाग हिमाचल प्रदेश के सेक्रेटरी के मौजूद न होने तथा कोई रिपोर्ट फाइल न किए जाने पर यह टिप्पणी की गई है. सुनवाई के दौरान इस तरह की लापरवाही बरते जाने को ट्रिब्यूनल की अवमानना करार दिया है.
हिरासत में लिए जाने की चेतावनी: ट्रिब्यूनल ने अधिकारियों की इस लापरवाही पर 51 सीपीसी के तहत कार्रवाई किए जाने और हिरासत में लिए जाने की चेतावनी भी दी है. सुनवाई में अधिकारी के मौजूद न होने पर सख्त लहजे में ट्रिब्यूनल ने 51सीपीसी का हवाला देते हुए कहा है कि इस तरह की अवमानना पर वारंट जारी कर हिरासत में भी लिया जा सकता है. ट्रिब्यूनल की अवमानना एनजीटी एक्ट के सेक्शन 26 के अंतर्गत अपराधिक और दंडनीय है, हालांकि संबंधित विभाग को अपना पक्ष रखने का अगली सुनवाई में एक अंतिम मौका दिया गया.
हिमाचल सरकार के चीफ सेक्रेटरी को आदेश जारी: एनजीटी के ट्रिब्यूनल ने इस संबंध में हिमाचल सरकार के चीफ सेक्रेटरी को भी आदेश जारी किए हैं तथा शहरी विकास विभाग के फैक्ट्री को भी ईमेल के माध्यम से सूचित किया है. गौरतलब है कि नगर परिषद हमीरपुर के कचरा ट्रीटमेंट प्लांट दगनेहड़ी में प्रदूषण को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने एनजीटी में शिकायत दी है. इस मामले में पिछले कुछ सालों से सुनवाई हो रही है. एनजीटी की तरफ से शहरी विकास विभाग को यहां पर व्यापक स्तर पर सुधार करने तथा प्रदूषण को खत्म करने के आदेश दिए गए थे.
जुर्माना लगाया जा चुका: व्यवस्थाओं में सुधार न होने पर यहां पर नगर परिषद हमीरपुर को लाखों रुपए का जुर्माना भी एनजीटी की तरफ से लगाया जा चुका है. मामले में विभाग की तरफ से लगातार लापरवाही बरते जाने पर अब एनजीटी ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है.मामले में शिकायत करने वाले स्थानीय ग्रामीणों रीता शास्त्री और अन्य लोगों की माने तो यहां पर प्रदूषण कम होने के बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है. एक तरफ गंदगी पानी में मिल रही है तो दूसरी और वायु प्रदूषण से भी लोगों को दिक्कत पेश आ रही है. क्षेत्र में बंदरों कुत्तों और कौवे की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. ग्रामीणों का कहना है कि उनके मवेशी भी बीमार होना शुरू हो गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि कचरे की दुर्गंध से वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है.
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