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हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के 17 विधानसभा क्षेत्रों से न कोई मंत्री और न कोई CPS, जानें क्या रही इसकी वजह ?

हिमाचल प्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन अब हो चुका है. कुल 7 विधायकों ने आज मंत्री पद की शपथ (Himachal cabinet ministers 2023) ली. वहीं, हमीरपुर संसदीय क्षेत्र को न तो मंत्रिमंडल में जगह मिली है और न ही कोई नेता सीपीएस बनाया गया है. बताया जा रहा है कि ऊना और हमीरपुर जिला से मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री है, जिस वजह से क्षेत्रीय संतुलन बिठाने के लिए यहां से दूसरे नेताओं को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई है.

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के 17 विधानसभा क्षेत्रों से न कोई मंत्री और न कोई CPS
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के 17 विधानसभा क्षेत्रों से न कोई मंत्री और न कोई CPS
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Published : Jan 8, 2023, 1:04 PM IST

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के नए नवेली कांग्रेस सरकार में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र (Hamirpur Parliamentary Constituency) को न तो मंत्रिमंडल में जगह मिली है और न ही कोई नेता सीपीएस बनाया गया है. मंत्रिमंडल विस्तार में शिमला संसदीय क्षेत्र से सबसे अधिक पांच मंत्री बनाए गए हैं. जबकि यहां से मुख्य संसदीय सचिव यानी 3 सीपीएस भी नियुक्त किए गए हैं. मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री वाले हमीरपुर संसदीय क्षेत्र को मंत्रिमंडल (Himachal cabinet ministers 2023) में जगह मिलना तो दूर यहां से किसी भी बड़े नेता को मुख्य संसदीय सचिव तक नहीं बनाया गया है.

उम्मीद लगाई जा रही थी कि बिलासपुर जिले से घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश धर्माणी को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी. हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में बिलासपुर ऊना और हमीरपुर जिले के साथ ही मंडी और कांगड़ा के भी 3 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. 17 विधानसभा क्षेत्र में से 10 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के विधायक हैं और कई दिग्गज नेता भी. शुरुआत बिलासपुर जिले से करते हैं. यहां पर एकमात्र विधानसभा क्षेत्र घुमारवीं में ही पार्टी को जीत हासिल हुई है.

4 विधानसभा क्षेत्र वाले बिलासपुर जिला में घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल करने वाले पूर्व सीपीएस राजेश धर्माणी (MLA Rajesh Dharmani) के मंत्री बनने के कयास लगाए जा रहे थे. राजेश धर्माणी संगठन में भी अच्छी खासी पकड़ रखते हैं और वह पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी रहे हैं. बिलासपुर जिला से दिग्गज कांग्रेस नेता रामलाल ठाकुर के हार की वजह से मंत्री पद के लिए राजेंद्र धर्मानी का इस जिला से इकलौता दावा था.

हमीरपुर जिला की बात करें तो यहां पर पूर्व में सीपीएस रहे और बड़सर विधानसभा क्षेत्र से तीसरी दफा विधायक चुने गए इंद्र दत्त लखनपाल (MLA Inder Dutt Lakhanpal) का जिम्मेवारी के लिए दावा बताया जा रहा था. वहीं, सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में 2017 के चुनावों में मुख्यमंत्री के घोषित चेहरे भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल को हराने वाले राजेंद्र राणा (MLA Rajinder Rana) भी मंत्री मंडल की दौड़ में चल रहे थे. हमीरपुर जिला से मंत्री और सीपीएस बनाए जाने का कारण मुख्यमंत्री पद ही माना जा रहा है.

बताया जा रहा है कि ऊना और हमीरपुर जिला से मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री है, जिस वजह से क्षेत्रीय संतुलन बिठाने के लिए यहां से दूसरे नेताओं को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई है. क्षेत्रीय संतुलन बिठाने के लिए यहां पर कई बड़े नेताओं के दावों को दरकिनार किया गया है.

ये भी पढ़ें: Himachal cabinet: सुक्खू सरकार के 7 विधायक बने मंत्री, राज्यपाल ने दिलाई शपथ, तीन पद अभी भी खाली

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के नए नवेली कांग्रेस सरकार में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र (Hamirpur Parliamentary Constituency) को न तो मंत्रिमंडल में जगह मिली है और न ही कोई नेता सीपीएस बनाया गया है. मंत्रिमंडल विस्तार में शिमला संसदीय क्षेत्र से सबसे अधिक पांच मंत्री बनाए गए हैं. जबकि यहां से मुख्य संसदीय सचिव यानी 3 सीपीएस भी नियुक्त किए गए हैं. मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री वाले हमीरपुर संसदीय क्षेत्र को मंत्रिमंडल (Himachal cabinet ministers 2023) में जगह मिलना तो दूर यहां से किसी भी बड़े नेता को मुख्य संसदीय सचिव तक नहीं बनाया गया है.

उम्मीद लगाई जा रही थी कि बिलासपुर जिले से घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश धर्माणी को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी. हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में बिलासपुर ऊना और हमीरपुर जिले के साथ ही मंडी और कांगड़ा के भी 3 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. 17 विधानसभा क्षेत्र में से 10 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के विधायक हैं और कई दिग्गज नेता भी. शुरुआत बिलासपुर जिले से करते हैं. यहां पर एकमात्र विधानसभा क्षेत्र घुमारवीं में ही पार्टी को जीत हासिल हुई है.

4 विधानसभा क्षेत्र वाले बिलासपुर जिला में घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल करने वाले पूर्व सीपीएस राजेश धर्माणी (MLA Rajesh Dharmani) के मंत्री बनने के कयास लगाए जा रहे थे. राजेश धर्माणी संगठन में भी अच्छी खासी पकड़ रखते हैं और वह पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी रहे हैं. बिलासपुर जिला से दिग्गज कांग्रेस नेता रामलाल ठाकुर के हार की वजह से मंत्री पद के लिए राजेंद्र धर्मानी का इस जिला से इकलौता दावा था.

हमीरपुर जिला की बात करें तो यहां पर पूर्व में सीपीएस रहे और बड़सर विधानसभा क्षेत्र से तीसरी दफा विधायक चुने गए इंद्र दत्त लखनपाल (MLA Inder Dutt Lakhanpal) का जिम्मेवारी के लिए दावा बताया जा रहा था. वहीं, सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में 2017 के चुनावों में मुख्यमंत्री के घोषित चेहरे भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल को हराने वाले राजेंद्र राणा (MLA Rajinder Rana) भी मंत्री मंडल की दौड़ में चल रहे थे. हमीरपुर जिला से मंत्री और सीपीएस बनाए जाने का कारण मुख्यमंत्री पद ही माना जा रहा है.

बताया जा रहा है कि ऊना और हमीरपुर जिला से मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री है, जिस वजह से क्षेत्रीय संतुलन बिठाने के लिए यहां से दूसरे नेताओं को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई है. क्षेत्रीय संतुलन बिठाने के लिए यहां पर कई बड़े नेताओं के दावों को दरकिनार किया गया है.

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