हमीरपुर: लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए हमीरपुर जिला के कड़ोहता गांव के 21 वर्षीय अंकुश ठाकुर पंचतत्व में विलीन हो गए. पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. सेना के जवानों ने बंदूकें उल्टी कर शहीद को सलामी दी. हर ओर माहौल गमगीन था. हर किसी की आंख नम थी.
वहीं, अब भोरंज उपमंडल के कांग्रेस के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर एवं भोरंज से कांग्रेस प्रत्याशी रहे सुरेश कुमार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामचंद्र पठानिया ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि कडोहता गांव के शहीद हुए अंकुश ठाकुर के परिवार को प्रदेश सरकार एक करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान करे.
उन्होंने कहा कि उनके नाम पर कड़ोहता सरकारी स्कूल का नामकरण किया जाए. सुरेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से मात्र बीस लाख की सहायता राशि की घोषणा करना न्याय संगत नहीं है. अंकुश ठाकुर ने देश की सरहदों के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी है.
बता दें कि भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा के समीप दोनों देशों की सेना के बीच हुई झड़प में शहीद हुए देश के 20 जवानों में हिमाचल का वीर सपूत भी शामिल है. हमीरपुर जिले के भोरंज उपमंडल के कडोहता के अंकुश ठाकुर (21) की शहादत से प्रदेश में शोक की लहर है. शहीद अंकुश वर्ष 2018-19 में भारतीय सेना की 3 पंजाब रेजिमेंट में भर्ती हुए थे.
आर्मी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वह सात माह पूर्व ही रंगरूटी छुट्टी पर घर आए थे. छुट्टी काटने के बाद वह लद्दाख में तैनात थे. सोमवार को चीनी सैनिकों ने जब एलएसी के पास गलवान में भारतीय जवानों पर हमला किया, उस दौरान अंकुश भी भारतीय सेना की उसी पलाटून में शामिल थे. इस हिंसक झड़प में भारत के कर्नल रैंक के अफसर समेत बीस जवान शहीद हुए हैं.