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हमीरपुर में शोधार्थियों ने फार्मास्यूटिकल प्रोडक्शन की संभावनाओं को तलाशा, राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का किया गया आयोजन

कार्यशाला का थीम इंप्लीमेंटेशन इन डिस्प्लेनरी साइंस इन द डेवलपमेंट फार्मास्यूटिकल एंड सस्टेनेबिलिटी ह्यूमन हेल्थ रखा गया था. कॉन्फ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि कैरियर प्वाइंट यूनिवर्सिटी के वीसी केएस वर्मा ने शिरकत की.

Career Point University in Hamirpur
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Published : Sep 22, 2019, 1:05 PM IST

हमीरपुरः जिला के भोरंज विधानसभा क्षेत्र स्थित कैरियर प्वाइंट विश्वविद्यालय में शनिवार को राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में देशभर की सरकारी और गैर सरकारी विश्वविद्यालय से शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया.

इस कार्यशाला का थीम इंप्लीमेंटेशन इन डिस्प्लेनरी साइंस इन द डेवलपमेंट फार्मास्यूटिकल एंड सस्टेनेबिलिटी ह्यूमन हेल्थ रखा गया था. कॉन्फ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि कैरियर प्वाइंट यूनिवर्सिटी के वीसी केएस वर्मा ने शिरकत की. इस कांफ्रेंस के दौरान देश में फार्मास्यूटिकल सेक्टर में सुधारों और प्राकृतिक संसाधनों से उत्पादन की संभावनाओं पर विशेष तौर पर चर्चा की गई.

वीडियो.

बता दें कि महंगाई के इस दौर में महंगी दवाएं आम आदमी की पहुंच से दूर हैं. ऐसे में नवाचार के प्रयासों से वैज्ञानिकों ने देश और प्रदेश में मौजूद संसाधनों से नई खोज कर इन दवाओं को आम आदमी तक की पहुंच तक ले जाने को लेकर अपने विचार इस कॉन्फ्रेंस में रखें.

विभिन्न विश्वविद्यालयों से करीब 300 शोधकर्ताओं ने इस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया. इसमें हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय समेत कई विश्वविद्यालयों से प्रतिभागी सम्मिलित रहे. कैरियर प्वाइंट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर केएस वर्मा ने कहा कि इस नेशनल सेमीनार के आयोजन का मुख्य लक्ष्य फार्मास्यूटिकल सेक्टर से जुड़े हुए सभी साइंस के विषयों को एक मंच पर लाना था ताकि एक मंच पर एकत्र होकर वैज्ञानिक और शोधार्थी विचार कर सकें और देश के गरीब आदमी को सस्ती दवाई भी मुहैया करवाई जा सके. उन्होंने कहा कि नवाचार के प्रयास हो यही इस सेमिनार का लक्ष्य है. इस सेमिनार में उत्तरी भारत की विभिन्न विश्वविद्यालयों से करीब 300 शोधार्थियों और स्कॉलर ने हिस्सा लिया.

हमीरपुरः जिला के भोरंज विधानसभा क्षेत्र स्थित कैरियर प्वाइंट विश्वविद्यालय में शनिवार को राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में देशभर की सरकारी और गैर सरकारी विश्वविद्यालय से शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया.

इस कार्यशाला का थीम इंप्लीमेंटेशन इन डिस्प्लेनरी साइंस इन द डेवलपमेंट फार्मास्यूटिकल एंड सस्टेनेबिलिटी ह्यूमन हेल्थ रखा गया था. कॉन्फ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि कैरियर प्वाइंट यूनिवर्सिटी के वीसी केएस वर्मा ने शिरकत की. इस कांफ्रेंस के दौरान देश में फार्मास्यूटिकल सेक्टर में सुधारों और प्राकृतिक संसाधनों से उत्पादन की संभावनाओं पर विशेष तौर पर चर्चा की गई.

वीडियो.

बता दें कि महंगाई के इस दौर में महंगी दवाएं आम आदमी की पहुंच से दूर हैं. ऐसे में नवाचार के प्रयासों से वैज्ञानिकों ने देश और प्रदेश में मौजूद संसाधनों से नई खोज कर इन दवाओं को आम आदमी तक की पहुंच तक ले जाने को लेकर अपने विचार इस कॉन्फ्रेंस में रखें.

विभिन्न विश्वविद्यालयों से करीब 300 शोधकर्ताओं ने इस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया. इसमें हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय समेत कई विश्वविद्यालयों से प्रतिभागी सम्मिलित रहे. कैरियर प्वाइंट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर केएस वर्मा ने कहा कि इस नेशनल सेमीनार के आयोजन का मुख्य लक्ष्य फार्मास्यूटिकल सेक्टर से जुड़े हुए सभी साइंस के विषयों को एक मंच पर लाना था ताकि एक मंच पर एकत्र होकर वैज्ञानिक और शोधार्थी विचार कर सकें और देश के गरीब आदमी को सस्ती दवाई भी मुहैया करवाई जा सके. उन्होंने कहा कि नवाचार के प्रयास हो यही इस सेमिनार का लक्ष्य है. इस सेमिनार में उत्तरी भारत की विभिन्न विश्वविद्यालयों से करीब 300 शोधार्थियों और स्कॉलर ने हिस्सा लिया.

Intro:हमीरपुर में शोधार्थियों ने फार्मास्यूटिकल प्रोडक्शन की संभावनाओं और नवाचार को तलाशा, शोध पत्र भी पढ़े
हमीरपुर
जिला के भोरंज विधानसभा क्षेत्र स्थित कैरियर पॉइंट यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन शनिवार को किया गया। राष्ट्रीय कांफ्रेंस की देश भर की सरकारी और गैर सरकारी विश्वविद्यालय से शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया। इस कार्यशाला का थीम इंप्लीमेंटेशन इन डिस्प्लेनरी साइंस इन द डेवलपमेंट फार्मास्यूटिकल एंड सस्टेनेबिलिटी ह्यूमन हेल्थ रखा गया था। कॉन्फ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि कैरियर पॉइंट यूनिवर्सिटी के वीसी केएस वर्मा ने शिरकत की।
इस कांफ्रेंस के दौरान देश में फार्मास्यूटिकल सेक्टर में सुधारों और प्राकृतिक संसाधनों से उत्पादन की संभावनाओं पर विशेष तौर पर चर्चा की गई। बता दें कि महंगाई के इस दौर में महंगी दवाएं आम आदमी की पहुंच से दूर हैं ऐसे में नवाचार के प्रयासों से वैज्ञानिकों ने देश और प्रदेश में मौजूद संसाधनों से नई खोज कर इन दवाओं को आम आदमी तक की पहुंच तक ले जाने को लेकर अपने विचार इस कॉन्फ्रेंस में रखें। विभिन्न विश्वविद्यालयों से करीब 300 शोधकर्ताओं ने इस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया। इसमें हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय समेत कई विश्वविद्यालयों से प्रतिभागी सम्मिलित रहे।

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कैरियर पॉइंट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर केएस वर्मा ने कहा कि इस नेशनल सेमिनार के आयोजन का मुख्य लक्ष्य फार्मास्यूटिकल सेक्टर से जुड़े हुए सभी साइंस के विषयों को एक मंच पर लाना था ताकि एक मंच पर एकत्र होकर वैज्ञानिक और शोधार्थी विचार कर सकें और देश के गरीब आदमी को सस्ती दवाई भी मुहैया करवाई जा सके. नवाचार के प्रयास हो यही इस सेमिनार का लक्ष्य है उन्होंने कहा कि इस सेमिनार में उत्तरी भारत की विभिन्न विश्वविद्यालयों से करीब 300 शोधार्थियों और स्कॉलर ने हिस्सा लिया है.


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