हमीरपुर: जिला के बस स्टैंड के बाहर सड़क किनारे बने सभी खोखे अवैध निकलने से हड़कंप मच गया है. जिला प्रशासन के आदेश पर राजस्व विभाग की निशानदेही में ये खुलासा हुआ है.नगर परिषद ने ये खोखे लोक निर्माण विभाग की जमीन पर बनाए थे. नगर परिषद इन खोखों में दुकानदारों से प्रतिमाह 150 से 300 रुपये मासिक शुल्क वसूलती है.
बता दें कि नगर परिषद ने अपनी मर्जी से शहर में शिक्षा विभाग और लोक निर्माण विभाग की जमीन पर भवनों का निर्माण कर उन्हें किराए पर दे दिया. वहीं, भूमि का मालिकाना हक किसी दूसरे विभाग का है. मौके पर तफ्तीश करने पहुंचे अधिकारियों की जांच रिपोर्ट से नगर परिषद में धांधली का मामला भी उजागर हुआ है. जांच में पाया गया कि नगर परिषद ने जिन दुकानदारों को ये खोखे आवंटित किए थे उनमें से अधिकतर ने इन खोखों को दूसरे दुकानदारों को 10 से 15 हजार रुपये मासिक किराए पर दिया है.
वहीं, नगर परिषद को ये लोग महज मासिक 150 से 300 रुपये देते हैं. निशानदेही के बाद अब जिला प्रशासन ने बिजली बोर्ड और आईपीएच विभाग को इन खोखों के बिजली और पानी के कनेक्शन काटने के निर्देश जारी किए हैं.
उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बस स्टैंड के बाहर खोखा धारकों ने इन खोखों को अवैध तरीके से महंगे रेट पर सबलेट कर दिया है. वहीं, निशानदेही के दौरान ये जमीन नगर परिषद की नहीं बल्कि लोक निर्माण विभाग की निकली. उन्होंने कहा कि अवैध खोखा धारकों को वहां से हटाया जाएगा और वैध खोखा धारकों को पक्की दुकानें आवंटित की जाएंगी.