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'सीएम पर होता है पूरे प्रदेश का दायित्व, केवल मंडी का ही विकास करना सत्ता का दुरुपयोग'

विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रेस बयान में कहा कि प्रदेश सरकार ने जिस तरह प्रदेश के बाकि जिलों से भेदभाव करते हुए सत्ता की ताकत प्रदेश की जनता को अपने जिले के लिए दिखाई है. वह सरासर अन्यायपूर्ण व गलत है. मुख्यमंत्री समूचे प्रदेश के होते हैं, लेकिन अपने ही गृह जिला के लिए सब कुछ करना गलत, अन्यायपूर्ण व एक तरह से सत्ता का दुरुपयोग है.

विधायक राजेंद्र राणा न्यूज
विधायक राजेंद्र राणा (फाइल फोटो.
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Published : Jul 18, 2020, 5:20 PM IST

सुजानपुर: इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रदेश सरकार मंडी से है, लेकिन सरकार अगर यह दिखाना चाह रही है कि सरकार मंडी के लिए ही है तो यह भेदभाव प्रदेश के हितों से खिलवाड़ होगा. यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है.

विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि सरकार मंडी के लिए ही है ऐसा प्रदर्शित करते हुए जयराम सरकार ने आर्मी एंटरेंस ट्रेनिंग एकेडमी व आईटीबीपी सेंटर मंडी में स्थापित करने की योजना बना डाली है. आर्मी एंटरेंस ट्रेनिंग एकेडमी के लिए हमीरपुर के ताल के पास पूर्व सरकार के समय भूमि चिन्हित हुई थी, जबकि कांगड़ा में प्रस्तावित आईटीबीपी सेंटर जिसका जिक्र 2007 की बजट बुक में भी है, उसको भी अब जिला मंडी में बदला जा रहा है.

विधायक राजेंद्र राणा न्यूज
विधायक राजेंद्र राणा (फाइल फोटो.

राणा ने कहा कि सत्ता की जोर जबरदस्ती में 450 करोड़ की लागत से बनने वाला सिटरस एक्सीलेंस सेंटर भी अब मंडी में बनाया जा रहा है, जबकि 440 करोड़ की लागत से बनने वाला मधुमक्खी पालन संस्थान भी मंडी में बनाया जा रहा है. सत्ता की जोर जबरदस्ती का आलम यह है कि प्रदेश का करीब-करीब पूरा बजट जिला मंडी पर फोक्स है. 200 करोड़ की लागत से बनने वाला टोमेटो रिसर्च सेंटर भी मंडी में बनाया जा रहा है, जबकि 770 करोड़ के बजट का हॉर्टिकल्चर मिशन भी अब जिला मंडी से ही चलेगा.

राणा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जिस तरह प्रदेश के बाकि जिलों से भेदभाव करते हुए सत्ता की ताकत प्रदेश की जनता को अपने जिले के लिए दिखाई है. वह सरासर अन्यायपूर्ण व गलत है. मुख्यमंत्री समूचे प्रदेश के होते हैं, लेकिन अपने ही गृह जिला के लिए सब कुछ करना गलत, अन्यायपूर्ण व एक तरह से सत्ता का दुरुपयोग है.

राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री के अपने कुछ विशेष अधिकार होते हैं, लेकिन इन अधिकारों के साथ पूरे प्रदेश का दायित्व भी रहता है, जो दायित्व वर्तमान के सत्ता धर्म में नहीं निभाया जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि मंडी की सरकार सिर्फ मंडी की ही होकर रह गई है.

राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री के विशेष अधिकारों से इन्कार नहीं, लेकिन बजट के नाम पर बाकी जिलों से भेदभाव बर्दाश्त नहीं होगा. हमीरपुर के कारण स्थापित हुए सत्ता शिखर अब कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासुपर, ऊना से हर दृष्टि से भारी भेदभाव कर रहे हैं. जिसका खामियाजा बीजेपी आने वाले वक्त में जरूर भुगतेगी.

वहीं सरकार की नासमझी से हाथ से निकला 1920 करोड़ एक ओर तो सरकार के पूरे बजट का फोक्स मंडी पर ही केंद्रित है, लेकिन दूसरी ओर सरकार की अपनी नासमझी के कारण एशियन डिवल्पमेंट बैंक का 1920 करोड़ का सपोंसर्ड प्रोजेक्ट स्क्रैप हो गया है. जिससे प्रदेश के विकास का भारी नुकसान हुआ है.

ये भी पढ़ें- लाहौल के रोपसंग में ट्रक खाई में गिरा, ड्राइवर और क्लीनर की मौत

सुजानपुर: इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रदेश सरकार मंडी से है, लेकिन सरकार अगर यह दिखाना चाह रही है कि सरकार मंडी के लिए ही है तो यह भेदभाव प्रदेश के हितों से खिलवाड़ होगा. यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है.

विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि सरकार मंडी के लिए ही है ऐसा प्रदर्शित करते हुए जयराम सरकार ने आर्मी एंटरेंस ट्रेनिंग एकेडमी व आईटीबीपी सेंटर मंडी में स्थापित करने की योजना बना डाली है. आर्मी एंटरेंस ट्रेनिंग एकेडमी के लिए हमीरपुर के ताल के पास पूर्व सरकार के समय भूमि चिन्हित हुई थी, जबकि कांगड़ा में प्रस्तावित आईटीबीपी सेंटर जिसका जिक्र 2007 की बजट बुक में भी है, उसको भी अब जिला मंडी में बदला जा रहा है.

विधायक राजेंद्र राणा न्यूज
विधायक राजेंद्र राणा (फाइल फोटो.

राणा ने कहा कि सत्ता की जोर जबरदस्ती में 450 करोड़ की लागत से बनने वाला सिटरस एक्सीलेंस सेंटर भी अब मंडी में बनाया जा रहा है, जबकि 440 करोड़ की लागत से बनने वाला मधुमक्खी पालन संस्थान भी मंडी में बनाया जा रहा है. सत्ता की जोर जबरदस्ती का आलम यह है कि प्रदेश का करीब-करीब पूरा बजट जिला मंडी पर फोक्स है. 200 करोड़ की लागत से बनने वाला टोमेटो रिसर्च सेंटर भी मंडी में बनाया जा रहा है, जबकि 770 करोड़ के बजट का हॉर्टिकल्चर मिशन भी अब जिला मंडी से ही चलेगा.

राणा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जिस तरह प्रदेश के बाकि जिलों से भेदभाव करते हुए सत्ता की ताकत प्रदेश की जनता को अपने जिले के लिए दिखाई है. वह सरासर अन्यायपूर्ण व गलत है. मुख्यमंत्री समूचे प्रदेश के होते हैं, लेकिन अपने ही गृह जिला के लिए सब कुछ करना गलत, अन्यायपूर्ण व एक तरह से सत्ता का दुरुपयोग है.

राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री के अपने कुछ विशेष अधिकार होते हैं, लेकिन इन अधिकारों के साथ पूरे प्रदेश का दायित्व भी रहता है, जो दायित्व वर्तमान के सत्ता धर्म में नहीं निभाया जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि मंडी की सरकार सिर्फ मंडी की ही होकर रह गई है.

राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री के विशेष अधिकारों से इन्कार नहीं, लेकिन बजट के नाम पर बाकी जिलों से भेदभाव बर्दाश्त नहीं होगा. हमीरपुर के कारण स्थापित हुए सत्ता शिखर अब कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासुपर, ऊना से हर दृष्टि से भारी भेदभाव कर रहे हैं. जिसका खामियाजा बीजेपी आने वाले वक्त में जरूर भुगतेगी.

वहीं सरकार की नासमझी से हाथ से निकला 1920 करोड़ एक ओर तो सरकार के पूरे बजट का फोक्स मंडी पर ही केंद्रित है, लेकिन दूसरी ओर सरकार की अपनी नासमझी के कारण एशियन डिवल्पमेंट बैंक का 1920 करोड़ का सपोंसर्ड प्रोजेक्ट स्क्रैप हो गया है. जिससे प्रदेश के विकास का भारी नुकसान हुआ है.

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