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हमीरपुर में राजकीय कॉलेज प्राध्यापक संघ की हुई बैठक, प्रदेश सरकार से की ये मांग

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Published : Feb 25, 2020, 1:06 PM IST

राजकीय कॉलेज प्राध्यापक संघ ने यूजीसी के पे-स्केल को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की है. संघ के अध्यक्ष डॉ. धर्मवीर सिंह व वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय जसरोटिया ने कहा कि देश के 26 राज्यों में पे-स्केल नोटिफिकेशन जारी हो चुकी है, लेकिन तीन राज्यों में 1 जनवरी 2016 के आदेश आज तक लागू नहीं हो पाए हैं.

State College Professors Association
हमीरपुर में राजकीय कॉलेज प्राध्यापक संघ की हुई बैठक.

हमीरपुर: राजकीय कॉलेज प्राध्यापक संघ ने यूजीसी के पे-स्केल को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की है. राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ की बैठक में यूजीसी के पे-स्केल को लेकर विस्तार से चर्चा की गई.

संघ के अध्यक्ष डॉ. धर्मवीर सिंह व वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय जसरोटिया ने कहा कि देश के 26 राज्यों में पे-स्केल नोटिफिकेशन जारी हो चुकी है, लेकिन तीन राज्यों में 1 जनवरी 2016 के आदेश आज तक लागू नहीं हो पाए हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

बैठक में सर्वसहमति से महाविद्यालय में बायोमेट्रिक मशीनें लगाने का स्वागत किया गया. इसके साथ ही छात्र और प्राध्यापकों के हित को ध्यान में रखते हुए 7वें वित्त आयोग की सिफारिशों को शीघ्र लागू करना, पीएचडी और एमफिल की वेतनवृद्धि को बहाल करना और महाविद्यालयों के प्राध्यापकों की सेवानिवृति 58 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने की मांग की गई है.

इसके साथ ही खासतौर पर छात्रों के परिणाम शीघ्र घोषित करने की मांग को प्राथमिक तौर पर रखा गया है, जिससे छात्रों में किसी प्रकार की अनिश्चितता न बनी रहे.

ये भी पढ़ें: प्रोजनी टेस्टिंग प्रोग्राम के लिए कांगड़ा का चयन, तैयार किए जाएंगे उन्नत किस्म के बैल

हमीरपुर: राजकीय कॉलेज प्राध्यापक संघ ने यूजीसी के पे-स्केल को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की है. राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ की बैठक में यूजीसी के पे-स्केल को लेकर विस्तार से चर्चा की गई.

संघ के अध्यक्ष डॉ. धर्मवीर सिंह व वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय जसरोटिया ने कहा कि देश के 26 राज्यों में पे-स्केल नोटिफिकेशन जारी हो चुकी है, लेकिन तीन राज्यों में 1 जनवरी 2016 के आदेश आज तक लागू नहीं हो पाए हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

बैठक में सर्वसहमति से महाविद्यालय में बायोमेट्रिक मशीनें लगाने का स्वागत किया गया. इसके साथ ही छात्र और प्राध्यापकों के हित को ध्यान में रखते हुए 7वें वित्त आयोग की सिफारिशों को शीघ्र लागू करना, पीएचडी और एमफिल की वेतनवृद्धि को बहाल करना और महाविद्यालयों के प्राध्यापकों की सेवानिवृति 58 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने की मांग की गई है.

इसके साथ ही खासतौर पर छात्रों के परिणाम शीघ्र घोषित करने की मांग को प्राथमिक तौर पर रखा गया है, जिससे छात्रों में किसी प्रकार की अनिश्चितता न बनी रहे.

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