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Martyr Amit Sharma: शहीद की पार्थिव देह को देख फूट-फूट कर रोई मां, माथा चूम दी अंतिम विदाई, दूर से दर्शन कर पाई बड़ी बहन

जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान एक गंभीर दुर्घटना में शहीद हुए जिला हमीरपुर के तलासी खुर्द गांव के सैनिक अमित शर्मा का सोमवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. थल सेना की टुकड़ी ने अमित शर्मा को अंतिम विदाई दी तथा उनके पिता विजय कुमार को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा. इस दौरान शहीद की मां पार्थिव देह को देख फूट-फूट कर रोने लगी. मां ने माथा चूम कर अपने वीर सपूत को अन्तिम विदाई दी.

Martyr Amit Sharma
Martyr Amit Sharma
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Published : Jan 16, 2023, 6:42 PM IST

Updated : Jan 16, 2023, 6:53 PM IST

शहीद की पार्थिव देह को देख फूट-फूट कर रोई मां.

हमीरपुर: भारती मां की रक्षा में शहीद हुए सपूत अमित शर्मा को मां अल्का देवी ने माथा चूम कर विदा किया. पिछले 6 दिनों से शहीद बेटे अमित शर्मा के पार्थिव देह का इंतजार कर रही मां का दिन रात रो-रो कर बुरा हाल था. कलेजे के टुकड़े के बिछड़ने के गम में मां की चीखें सैकड़ों लोगों के दिलों को भी चीर रही थी. पिछले मंगलवार को कुपवाड़ा सेक्टर के माछिल में शहीद हुए अमित शर्मा का पार्थिव गांव तलाशी खुर्द में स्थित उनके घर के आंगन में सोमवार को 11:36 पर पहुंचा.

शहीद के पार्थिव देह के घर के आंगन में पहुंचते ही चीख पुकार से माहौल बेहद गमगीन हो गया. यहां पर मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखें नम हो गई. हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक यहां पर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई और सभी परिजनों ने शहीद के अंतिम दर्शन भी किए. शहीद की मां अलका देवी जैसे ही बेटे की पार्थिव देह के करीब पहुंची तो फूट-फूट कर बेटे से लिपट गई और उसका माथा चूमा.

सैनिकों और परिजनों ने मां को किसी तरह से संभाला. माथा चूमने के बाद मां अलका देवी ने बेटे को फूलों का हार पहनाकर विदा किया. 6 दिनों से बेटे के अंतिम दर्शनों का इंतजार कर रही मां अलका देवी ने 50 सेकेंड तक बेटे का अंतिम दीदार किया. 11:36 पर पार्थिव देह शरीर के घर के आंगन में पहुंचा और 18 मिनट के बाद 11:54 पर मोक्ष धाम के लिए अंतिम यात्रा पर रवाना हुआ.

घर के आंगन में 18 मिनट तक हिंदू रीति रिवाज के तहत अंतिम संस्कार के प्रक्रिया को पूरा किया गया. इसके बाद पैतृक मोक्ष धाम में राजकीय सम्मान के साथ वीर शहीद अमित शर्मा को अंतिम विदाई दी गई. पार्थिव देह को मोक्ष धाम तक ले जाने के लिए सड़क की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन परिजनों की इच्छा के अनुसार अंतिम यात्रा पैदल घर से रवाना हुई.

चाचा के बेटे ने दी मुखाग्नि, दूर से ही दर्शन कर पाई बहन प्रियंका: चाचा के बेटे लकी ने शहीद अमित शर्मा के पार्थिव देह को मुखाग्नि दी. शहीद अमित शर्मा की बहन प्रियंका दूर से ही भाई के अन्तिम दर्शन कर पाई. दरअसल 1 साल पहले ही बहन प्रियंका की शादी हुई है और वह गर्भवती हैं. हिंदू शास्त्रों के मुताबिक इस अवस्था में गर्भवती महिलाओं को पार्थिव देह के साए से दूर रहना होता है. यही वजह रही कि बहन प्रियंका अपने भाई अमित शर्मा के दूर से ही अंतिम दर्शन कर पाई.

अंतिम यात्रा में शामिल हुए सैकड़ों लोग, मीतू भाई अमर रहे के लगे नारे: मीतू भाई अमर रहे के नारों से क्षेत्र गूंज उठा. शहीद अमित शर्मा उर्फ मीतू का पार्थिव देह जैसे ही गांव की सीमा पर पहुंचा तो मोटरसाइकिल पर सवार होकर दर्जनों युवा नारे लगाते हुए सेना के वाहन के आगे चले. देशभक्ति के गानों के बीच शहीद की अंतिम यात्रा में मीतू भाई अमर रहे के नारों से क्षेत्र गूंज उठा.

एक साथ होगा दादी और पोते का क्रिया कर्म: हिंदू शास्त्रों के मुताबिक घर में मौत होने पर 11वें दिन क्रिया कर्म किया जाता है, लेकिन इस बीच यदि परिवार में किसी अन्य सदस्य की मौत हो जाती है तो फिर दोनों का क्रिया कर्म एक साथ ही किया जाता है. पिछले मंगलवार को अमित शर्मा शहीद हुए थे, उस दिन उनकी दादी की मौत को भी 6 दिन बीते थे. ऐसे में अमित के शहीद होने के बाद अब दादी और पोते का एक साथ क्रिया कर्म होगा. जबकि सोमवार को दादी की मौत को 11 दिन हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें: कुपवाड़ा में शहीद हुए अमित शर्मा पंचतत्व में हुए विलीन, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

शहीद की पार्थिव देह को देख फूट-फूट कर रोई मां.

हमीरपुर: भारती मां की रक्षा में शहीद हुए सपूत अमित शर्मा को मां अल्का देवी ने माथा चूम कर विदा किया. पिछले 6 दिनों से शहीद बेटे अमित शर्मा के पार्थिव देह का इंतजार कर रही मां का दिन रात रो-रो कर बुरा हाल था. कलेजे के टुकड़े के बिछड़ने के गम में मां की चीखें सैकड़ों लोगों के दिलों को भी चीर रही थी. पिछले मंगलवार को कुपवाड़ा सेक्टर के माछिल में शहीद हुए अमित शर्मा का पार्थिव गांव तलाशी खुर्द में स्थित उनके घर के आंगन में सोमवार को 11:36 पर पहुंचा.

शहीद के पार्थिव देह के घर के आंगन में पहुंचते ही चीख पुकार से माहौल बेहद गमगीन हो गया. यहां पर मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखें नम हो गई. हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक यहां पर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई और सभी परिजनों ने शहीद के अंतिम दर्शन भी किए. शहीद की मां अलका देवी जैसे ही बेटे की पार्थिव देह के करीब पहुंची तो फूट-फूट कर बेटे से लिपट गई और उसका माथा चूमा.

सैनिकों और परिजनों ने मां को किसी तरह से संभाला. माथा चूमने के बाद मां अलका देवी ने बेटे को फूलों का हार पहनाकर विदा किया. 6 दिनों से बेटे के अंतिम दर्शनों का इंतजार कर रही मां अलका देवी ने 50 सेकेंड तक बेटे का अंतिम दीदार किया. 11:36 पर पार्थिव देह शरीर के घर के आंगन में पहुंचा और 18 मिनट के बाद 11:54 पर मोक्ष धाम के लिए अंतिम यात्रा पर रवाना हुआ.

घर के आंगन में 18 मिनट तक हिंदू रीति रिवाज के तहत अंतिम संस्कार के प्रक्रिया को पूरा किया गया. इसके बाद पैतृक मोक्ष धाम में राजकीय सम्मान के साथ वीर शहीद अमित शर्मा को अंतिम विदाई दी गई. पार्थिव देह को मोक्ष धाम तक ले जाने के लिए सड़क की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन परिजनों की इच्छा के अनुसार अंतिम यात्रा पैदल घर से रवाना हुई.

चाचा के बेटे ने दी मुखाग्नि, दूर से ही दर्शन कर पाई बहन प्रियंका: चाचा के बेटे लकी ने शहीद अमित शर्मा के पार्थिव देह को मुखाग्नि दी. शहीद अमित शर्मा की बहन प्रियंका दूर से ही भाई के अन्तिम दर्शन कर पाई. दरअसल 1 साल पहले ही बहन प्रियंका की शादी हुई है और वह गर्भवती हैं. हिंदू शास्त्रों के मुताबिक इस अवस्था में गर्भवती महिलाओं को पार्थिव देह के साए से दूर रहना होता है. यही वजह रही कि बहन प्रियंका अपने भाई अमित शर्मा के दूर से ही अंतिम दर्शन कर पाई.

अंतिम यात्रा में शामिल हुए सैकड़ों लोग, मीतू भाई अमर रहे के लगे नारे: मीतू भाई अमर रहे के नारों से क्षेत्र गूंज उठा. शहीद अमित शर्मा उर्फ मीतू का पार्थिव देह जैसे ही गांव की सीमा पर पहुंचा तो मोटरसाइकिल पर सवार होकर दर्जनों युवा नारे लगाते हुए सेना के वाहन के आगे चले. देशभक्ति के गानों के बीच शहीद की अंतिम यात्रा में मीतू भाई अमर रहे के नारों से क्षेत्र गूंज उठा.

एक साथ होगा दादी और पोते का क्रिया कर्म: हिंदू शास्त्रों के मुताबिक घर में मौत होने पर 11वें दिन क्रिया कर्म किया जाता है, लेकिन इस बीच यदि परिवार में किसी अन्य सदस्य की मौत हो जाती है तो फिर दोनों का क्रिया कर्म एक साथ ही किया जाता है. पिछले मंगलवार को अमित शर्मा शहीद हुए थे, उस दिन उनकी दादी की मौत को भी 6 दिन बीते थे. ऐसे में अमित के शहीद होने के बाद अब दादी और पोते का एक साथ क्रिया कर्म होगा. जबकि सोमवार को दादी की मौत को 11 दिन हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें: कुपवाड़ा में शहीद हुए अमित शर्मा पंचतत्व में हुए विलीन, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

Last Updated : Jan 16, 2023, 6:53 PM IST
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