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JOA IT Paper Leak Case: जानें कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने से पहले क्या क्या हुई कार्रवाई ? - हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग

हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों खूब चर्चा में रहे जेओए आईटी पेपर लीक मामले में अब सरकार ने आयोग को पूरी तरह से भंग कर दिया है. आयोग को भंग करने से पहले क्या क्या कार्रवाई हुई इस बारे में जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...(JOA IT Paper Leak Case) (Himachal Staff Selection Commission dissolved)

JOA IT Paper Leak Case
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Published : Feb 21, 2023, 5:32 PM IST

हमीरपुर: पिछले साल 23 दिसंबर को कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्ट कोड 965 पेपर लीक का मामला सामने आया था. 61 दिन के भीतर इस मामले में सरकार ने अब दूसरी बड़ी कार्रवाई करते हुए आयोग को पूरी तरह से भंग कर दिया है. जनवरी माह में कर्मचारी चयन आयोग की फंक्शनिंग को प्रदेश सरकार ने सस्पेंड कर दिया था. वहीं, अब यह बड़ी कार्रवाई की गई है. अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि लंबित भर्ती प्रक्रिया को लोक सेवा आयोग के जरिए आगे बढ़ाया जाएगा. 61 दिन की लंबी चौड़ी जांच में हाई प्रोफाइल एसआईटी और विजिलेंस की टीम ने अदालत में चार्जशीट पेश कर दी है. एक दिन पहले ही यह चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई है और 8 आरोपी बनाए गए हैं.

पेपर लीक कांड का भंडाफोड़ कैसे हुआ- रिपोर्ट में सिलसिलेवार तरीके से हम आपको बताएंगे कि कैसे पेपर लीक कांड का भंडाफोड़ हुआ और जांच में अब तक क्या-क्या सामने आया है. हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में अब तमाम व्यवस्था पर सुक्खू सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक की है. हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट पोस्ट कोड 965 की लिखित परीक्षा 25 दिसंबर यानी रविवार को प्रस्तावित थी. इस परीक्षा के लिए एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड जारी किए गए थे लेकिन परीक्षा आयोजन से 2 दिन पहले ही 23 दिसंबर को यह पेपर लीक कांड सामने आया. इस मामले में कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय ब्रांच में कार्यरत वरिष्ठ सहायक उमा आजाद मुख्य आरोपी थी जिसको गिरफ्तारी के बाद आयोग की तरफ से सस्पेंड कर दिया गया.

महिला अधिकारी ने बेटे के जरिए किया था जेओए आईटी के परीक्षा पत्र का सौदा
महिला अधिकारी ने बेटे के जरिए किया था जेओए आईटी के परीक्षा पत्र का सौदा

मुख्य आरोपी उमा आजाद के दो बेटों तथा घर पर काम करने वाले एक नौकर सहित 8 लोगों को इसमें आरोपी बना कर उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया है. मामले में प्रशासनिक तौर पर जांच करने के लिए एक कमेटी गठित की गई थी जिसने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है. इस जांच रिपोर्ट के आधार पर ही अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह निर्णय लिया है. इस जांच रिपोर्ट के आधार पर यह पाया गया है कि भर्ती मामलों में गड़बड़ी पिछले 3 साल से हो रही थी जिससे 20 से अधिक भर्ती प्रक्रिया में पेपर लीक की आशंका है. इन आशंकाओं के बीच से सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से भरते प्रक्रियाओं को आगे सुचारू रखने के बजाय इसे भंग करना ही मुनासिब समझा है.

4 मार्च तक न्यायिक हिरासत में 4 आरोपी- मुख्य आरोपी उमा आजाद उसके बेटे निखिल आजाद, नितिन तथा दलाल संजय 4 मार्च तक न्यायिक हिरासत में हैं . यह आरोपी पिछले 56 दिन से न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं. और अन्य 2 अभ्यर्थियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इस मामले में मुख्य आरोपी उमा आजाद के घर पर काम करने वाले युवक और दलाल संजय के भाई तथा पेपर खरीदने के दो आरोपियों को जमानत मिल गई है.

महिला कर्मी के बेटे ने 9 महीने में आयोग के दो परीक्षाएं की थी पास, एक मे रहा था टॉपर
महिला कर्मी के बेटे ने 9 महीने में आयोग के दो परीक्षाएं की थी पास, एक मे रहा था टॉपर

22 दिसंबर को लीक हो गया था पेपर, अगले दिन ही परीक्षा केंद्रों के लिए रवाना हुए थे सीलबंद पेपर- 22 दिसंबर को ही यह पेपर लीक हो गया था. दरअसल 22 दिसंबर को दलाल है संजय ने अभिलाष नाम के अभ्यर्थी को अप्रोच किया था और ₹400000 में पेपर ऑफर किया था जबकि 23 दिसंबर को सीलबंद इन पेपर को प्रदेश भर के सभी परीक्षा केंद्रों के लिए भेजा गया था. जिन टीमों को प्रदेश भर में भेजा गया था उनमें एक टीम में मुख्य आरोपी उमा आजाद भी शामिल थी. महिला 23 दिसंबर को घुमारवीं में एसडीएम के सामने रिपोर्ट करने के बाद फिर हमीरपुर लौट आई थी और यहां पर पेपर और रिश्वत की राशि के साथ रंगे हाथों पकड़ी गई.

कैसे हुआ मामले का खुलासा, कौन था किंगपिन- महिला कर्मचारी साल 2019 से कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के गोपनीय ब्रांच में तैनात थी. 22 दिसंबर को अभिलाष नाम के अभ्यर्थी को जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट पोस्ट कोड 965 के प्रश्न पत्र का ऑफर संजय नाम के दलाल द्वारा दिया गया. अभ्यर्थी अभिलाष में ऑफर मिलने के बाद विजिलेंस के बड़े अधिकारियों को इसकी सूचना दी. अविनाश के पास पैसे नहीं थे. अविनाश के साथ मिलकर विजिलेंस की टीम ने ट्रैप बिछाया. 23 दिसंबर को 1:15 बजे के करीब NIIT हमीरपुर नाम के संस्थान में शिकायतकर्ता अभिलाष दलाल संजय से मिला. यहां पर बातचीत के बाद संजय अविनाश को अपने साथ नगर परिषद हमीरपुर के वार्ड नंबर 7 में स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में मुख्य आरोपी उमा आजाद के घर में ले गया यहां पर उसका बेटा निखिल आजाद तथा उसका दोस्त नीरज भी मौजूद था. यहां पर पैसे का लेन देन शुरू हुआ इसी बीच विजिलेंस थाना हमीरपुर की टीम मौके पर पहुंच गई और आरोपियों को रंगे हाथों हल किए गए प्रश्न पत्र तथा नगदी के साथ दबोचा गया. विजिलेंस की तरफ से आधिकारिक तौर पर ₹5000 की नकदी पकड़े जाने की बात कही गई.

महिला अधिकारी ने बेटे के जरिए किया था जेओए आईटी के परीक्षा पत्र का सौदा- जांच में यह बात सामने आई है कि मुख्य आरोपी उमा आजाद के छोटे बेटे निखिल आजाद की पेपर को बेचने में मुख्य भूमिका रही है. 4 लाख रुपए में परीक्षा के प्रश्न पत्र का सौदा किया था. निखिल इस खरीद-फरोख्त में दलाल संजय के साथ सीधे तौर पर जुड़ा था. निखिल ने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 965 के लिए खुद भी आवेदन किया था और उसको भी एडमिट कार्ड आयोग की तरफ से जारी किया गया था. वह भी लीक किए गए प्रश्न पत्र को पढ़कर परीक्षा देने वाला था लेकिन दो दिन पहले ही मामले का भंडाफोड़ हो गया. आयोग ने मई 2022 में 198 पदों के लिए आवेदन मांगे थे. अक्तूबर में 121 पद और जोड़े गए. 319 पदों के लिए 476 परीक्षा केंद्रों में 1,03,344 अभ्यर्थियों ने परीक्षा देनी थी. लेकिन यह पहली बार नहीं जब हिमाचल में किसी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ हो.

महिला कर्मी के बेटे ने 9 महीने में आयोग के दो परीक्षाएं की थी पास, एक मे रहा था टॉपर- आरोपी महिला का बड़ा बेटा नितिन आजाद एक परीक्षा में तो टॉप पर भी रहा था हालांकि इस परीक्षा को टॉप करने के बाद नौकरी की जॉइनिंग करने के 3 महीने के भीतर ही उसने इस्तीफा दे दिया था. नितिन आजाद कृषि उपज एवं विपणन समिति हमीरपुर में नीलामीकर्ता की नौकरी पर लगा था. 5 मार्च 2022 को हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के तरफ से कृषि उपज एवं विपणन समिति के नीलामीकर्ता के 6 पदों का परिणाम घोषित किया गया था. जिसमें उमा आजाद का बेटा नितिन आजाद 71.73 अंक लेकर टॉपर रहा था. परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद नितिन आजाद हमीरपुर में कृषि उपज एवं विपणन समिति में नौकरी ज्वाइन तो की लेकिन 3 महीने के भीतर इस्तीफा दे दिया और 2 महीने बाद फिर कर्मचारी चयन आयोग की एक और परीक्षा को पास कर लिया. जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्टकोड 965 के पेपर लीक से महज 8 दिन पहले कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से मार्केट सुपरवाइजर के 12 पदों का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया था जिसमें नितिन आजाद ने 70.50% अंक हासिल किए थे यह पद भी कृषि उपज एवं विपणन समिति में ही भरा जाना था हालांकि नितिन आजाद अभी नौकरी ज्वाइन नहीं कर पाया था.

कर्मचारी चयन आयोग में 6 साल से एक ही सचिव, दायित्व को लेकर असमंजस- कर्मचारी चयन आयोग में सेक्रेटरी जितेंद्र कंवर पिछले 6 साल से लगातार एक पद पर बने हुए थे. ऐसे में यह भी सवाल उठ रहे हैं कि प्रदेश में सरकारी रोजगार की परीक्षाएं आयोजित करने वाली सबसे बड़ी एजेंसी में सचिव पद पर एक ही अधिकारी इतने लंबे समय से कैसे और के नियमों के तहत बने रहे. सरकार ने आयोग की फंक्शनिंग को सस्पेंड करते हुए सचिव को भी शिमला तलब कर लिया था. वर्तमान में आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर के पास कोई भी दायित्व नहीं है. ऐसे में अभी तक सरकार की तरफ से पूर्व सचिव के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई की गई है और ना ही उन्हें कोई नया दायित्व दिया गया.

ये भी पढ़ें: सुखविंदर सरकार ने भंग किया हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग, नई एजेंसी के गठन तक प्रदेश लोकसेवा आयोग देखेगा काम

हमीरपुर: पिछले साल 23 दिसंबर को कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्ट कोड 965 पेपर लीक का मामला सामने आया था. 61 दिन के भीतर इस मामले में सरकार ने अब दूसरी बड़ी कार्रवाई करते हुए आयोग को पूरी तरह से भंग कर दिया है. जनवरी माह में कर्मचारी चयन आयोग की फंक्शनिंग को प्रदेश सरकार ने सस्पेंड कर दिया था. वहीं, अब यह बड़ी कार्रवाई की गई है. अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि लंबित भर्ती प्रक्रिया को लोक सेवा आयोग के जरिए आगे बढ़ाया जाएगा. 61 दिन की लंबी चौड़ी जांच में हाई प्रोफाइल एसआईटी और विजिलेंस की टीम ने अदालत में चार्जशीट पेश कर दी है. एक दिन पहले ही यह चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई है और 8 आरोपी बनाए गए हैं.

पेपर लीक कांड का भंडाफोड़ कैसे हुआ- रिपोर्ट में सिलसिलेवार तरीके से हम आपको बताएंगे कि कैसे पेपर लीक कांड का भंडाफोड़ हुआ और जांच में अब तक क्या-क्या सामने आया है. हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में अब तमाम व्यवस्था पर सुक्खू सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक की है. हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट पोस्ट कोड 965 की लिखित परीक्षा 25 दिसंबर यानी रविवार को प्रस्तावित थी. इस परीक्षा के लिए एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड जारी किए गए थे लेकिन परीक्षा आयोजन से 2 दिन पहले ही 23 दिसंबर को यह पेपर लीक कांड सामने आया. इस मामले में कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय ब्रांच में कार्यरत वरिष्ठ सहायक उमा आजाद मुख्य आरोपी थी जिसको गिरफ्तारी के बाद आयोग की तरफ से सस्पेंड कर दिया गया.

महिला अधिकारी ने बेटे के जरिए किया था जेओए आईटी के परीक्षा पत्र का सौदा
महिला अधिकारी ने बेटे के जरिए किया था जेओए आईटी के परीक्षा पत्र का सौदा

मुख्य आरोपी उमा आजाद के दो बेटों तथा घर पर काम करने वाले एक नौकर सहित 8 लोगों को इसमें आरोपी बना कर उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया है. मामले में प्रशासनिक तौर पर जांच करने के लिए एक कमेटी गठित की गई थी जिसने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है. इस जांच रिपोर्ट के आधार पर ही अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह निर्णय लिया है. इस जांच रिपोर्ट के आधार पर यह पाया गया है कि भर्ती मामलों में गड़बड़ी पिछले 3 साल से हो रही थी जिससे 20 से अधिक भर्ती प्रक्रिया में पेपर लीक की आशंका है. इन आशंकाओं के बीच से सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से भरते प्रक्रियाओं को आगे सुचारू रखने के बजाय इसे भंग करना ही मुनासिब समझा है.

4 मार्च तक न्यायिक हिरासत में 4 आरोपी- मुख्य आरोपी उमा आजाद उसके बेटे निखिल आजाद, नितिन तथा दलाल संजय 4 मार्च तक न्यायिक हिरासत में हैं . यह आरोपी पिछले 56 दिन से न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं. और अन्य 2 अभ्यर्थियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इस मामले में मुख्य आरोपी उमा आजाद के घर पर काम करने वाले युवक और दलाल संजय के भाई तथा पेपर खरीदने के दो आरोपियों को जमानत मिल गई है.

महिला कर्मी के बेटे ने 9 महीने में आयोग के दो परीक्षाएं की थी पास, एक मे रहा था टॉपर
महिला कर्मी के बेटे ने 9 महीने में आयोग के दो परीक्षाएं की थी पास, एक मे रहा था टॉपर

22 दिसंबर को लीक हो गया था पेपर, अगले दिन ही परीक्षा केंद्रों के लिए रवाना हुए थे सीलबंद पेपर- 22 दिसंबर को ही यह पेपर लीक हो गया था. दरअसल 22 दिसंबर को दलाल है संजय ने अभिलाष नाम के अभ्यर्थी को अप्रोच किया था और ₹400000 में पेपर ऑफर किया था जबकि 23 दिसंबर को सीलबंद इन पेपर को प्रदेश भर के सभी परीक्षा केंद्रों के लिए भेजा गया था. जिन टीमों को प्रदेश भर में भेजा गया था उनमें एक टीम में मुख्य आरोपी उमा आजाद भी शामिल थी. महिला 23 दिसंबर को घुमारवीं में एसडीएम के सामने रिपोर्ट करने के बाद फिर हमीरपुर लौट आई थी और यहां पर पेपर और रिश्वत की राशि के साथ रंगे हाथों पकड़ी गई.

कैसे हुआ मामले का खुलासा, कौन था किंगपिन- महिला कर्मचारी साल 2019 से कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के गोपनीय ब्रांच में तैनात थी. 22 दिसंबर को अभिलाष नाम के अभ्यर्थी को जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट पोस्ट कोड 965 के प्रश्न पत्र का ऑफर संजय नाम के दलाल द्वारा दिया गया. अभ्यर्थी अभिलाष में ऑफर मिलने के बाद विजिलेंस के बड़े अधिकारियों को इसकी सूचना दी. अविनाश के पास पैसे नहीं थे. अविनाश के साथ मिलकर विजिलेंस की टीम ने ट्रैप बिछाया. 23 दिसंबर को 1:15 बजे के करीब NIIT हमीरपुर नाम के संस्थान में शिकायतकर्ता अभिलाष दलाल संजय से मिला. यहां पर बातचीत के बाद संजय अविनाश को अपने साथ नगर परिषद हमीरपुर के वार्ड नंबर 7 में स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में मुख्य आरोपी उमा आजाद के घर में ले गया यहां पर उसका बेटा निखिल आजाद तथा उसका दोस्त नीरज भी मौजूद था. यहां पर पैसे का लेन देन शुरू हुआ इसी बीच विजिलेंस थाना हमीरपुर की टीम मौके पर पहुंच गई और आरोपियों को रंगे हाथों हल किए गए प्रश्न पत्र तथा नगदी के साथ दबोचा गया. विजिलेंस की तरफ से आधिकारिक तौर पर ₹5000 की नकदी पकड़े जाने की बात कही गई.

महिला अधिकारी ने बेटे के जरिए किया था जेओए आईटी के परीक्षा पत्र का सौदा- जांच में यह बात सामने आई है कि मुख्य आरोपी उमा आजाद के छोटे बेटे निखिल आजाद की पेपर को बेचने में मुख्य भूमिका रही है. 4 लाख रुपए में परीक्षा के प्रश्न पत्र का सौदा किया था. निखिल इस खरीद-फरोख्त में दलाल संजय के साथ सीधे तौर पर जुड़ा था. निखिल ने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 965 के लिए खुद भी आवेदन किया था और उसको भी एडमिट कार्ड आयोग की तरफ से जारी किया गया था. वह भी लीक किए गए प्रश्न पत्र को पढ़कर परीक्षा देने वाला था लेकिन दो दिन पहले ही मामले का भंडाफोड़ हो गया. आयोग ने मई 2022 में 198 पदों के लिए आवेदन मांगे थे. अक्तूबर में 121 पद और जोड़े गए. 319 पदों के लिए 476 परीक्षा केंद्रों में 1,03,344 अभ्यर्थियों ने परीक्षा देनी थी. लेकिन यह पहली बार नहीं जब हिमाचल में किसी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ हो.

महिला कर्मी के बेटे ने 9 महीने में आयोग के दो परीक्षाएं की थी पास, एक मे रहा था टॉपर- आरोपी महिला का बड़ा बेटा नितिन आजाद एक परीक्षा में तो टॉप पर भी रहा था हालांकि इस परीक्षा को टॉप करने के बाद नौकरी की जॉइनिंग करने के 3 महीने के भीतर ही उसने इस्तीफा दे दिया था. नितिन आजाद कृषि उपज एवं विपणन समिति हमीरपुर में नीलामीकर्ता की नौकरी पर लगा था. 5 मार्च 2022 को हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के तरफ से कृषि उपज एवं विपणन समिति के नीलामीकर्ता के 6 पदों का परिणाम घोषित किया गया था. जिसमें उमा आजाद का बेटा नितिन आजाद 71.73 अंक लेकर टॉपर रहा था. परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद नितिन आजाद हमीरपुर में कृषि उपज एवं विपणन समिति में नौकरी ज्वाइन तो की लेकिन 3 महीने के भीतर इस्तीफा दे दिया और 2 महीने बाद फिर कर्मचारी चयन आयोग की एक और परीक्षा को पास कर लिया. जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्टकोड 965 के पेपर लीक से महज 8 दिन पहले कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से मार्केट सुपरवाइजर के 12 पदों का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया था जिसमें नितिन आजाद ने 70.50% अंक हासिल किए थे यह पद भी कृषि उपज एवं विपणन समिति में ही भरा जाना था हालांकि नितिन आजाद अभी नौकरी ज्वाइन नहीं कर पाया था.

कर्मचारी चयन आयोग में 6 साल से एक ही सचिव, दायित्व को लेकर असमंजस- कर्मचारी चयन आयोग में सेक्रेटरी जितेंद्र कंवर पिछले 6 साल से लगातार एक पद पर बने हुए थे. ऐसे में यह भी सवाल उठ रहे हैं कि प्रदेश में सरकारी रोजगार की परीक्षाएं आयोजित करने वाली सबसे बड़ी एजेंसी में सचिव पद पर एक ही अधिकारी इतने लंबे समय से कैसे और के नियमों के तहत बने रहे. सरकार ने आयोग की फंक्शनिंग को सस्पेंड करते हुए सचिव को भी शिमला तलब कर लिया था. वर्तमान में आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर के पास कोई भी दायित्व नहीं है. ऐसे में अभी तक सरकार की तरफ से पूर्व सचिव के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई की गई है और ना ही उन्हें कोई नया दायित्व दिया गया.

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