हमीरपुर: आईपीएच विभाग में कुछ माह पहले क्लीन वे नाम की कंपनी के माध्यम से भर्ती करने और पहले से सेवा दे रहे ठेकेदार अथवा एनजीओ के कर्मचारियों की सेवा बहाली का मामला लगभग हर जनमंच में उठ रहा है, लेकिन इस मामले में ना तो आईपीएच विभाग कोई सुनवाई कर रहा है ना ही जनमंच में लोगों से जुड़ी हुई इस समस्या का समाधान हो पा रहा है.
एक दर्जन से अधिक जनमंच प्रदेश सरकार आयोजित कर चुकी है लगभग हर जनमंच में नौकरी से निकाले गए अथवा निकाले जाने के डर से विभाग कार्यालयों के चक्कर काट रहे लोग जनमंच में पहुंच रहे हैं, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हो पा रहा है. रविवार को भोरंज में आयोजित जनमंच में एक बार फिर ठेकेदार और एनजीओ के माध्यम से आईपीएच विभाग की स्कीमों पेयजल योजनाओं पर नियुक्त किए गए कर्मचारी अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे लेकिन यहां पर भी उन्हें टाल दिया गया.
हालांकि जब इस बारे में जनमंच की अध्यक्षता कर रहे शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वह इस बारे में आईपीएच विभाग से जानकारी लेंगे यदि ऐसा है तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस बारे में बात की जाएगी.
बता दें कि कुछ महीना पहले ही प्रदेशभर में आईपीएच विभाग की स्कीमों को चलाने के लिए क्लीन वे नाम की कंपनी को टेंडर अलॉट किया गया है इससे पहले छोटे-छोटे ठेकेदार अथवा एनजीओ यह कार्य कर रहे थे जिनके माध्यम से कर्मचारी इन पेयजल योजनाओं पर कार्य कर रही थी कंपनी को टेंडर अलॉट होने के बाद कंपनी ने पुराने कर्मचारियों को प्राथमिकता देने की बजाय अपने स्तर पर ही भर्ती कर ली जबकि पूर्व में तैनात कर्मचारी लगातार विभाग और नेताओं के चक्कर काट रहे हैं.
इसमें अधिकतर वो लोग शामिल हैं जिन्होंने अपनी जमीन आईपीएच विभाग को पेयजल योजनाओं के निर्माण के लिए दी है लेकिन जनमंच में भी इन लोगों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हैरानी इस बात की भी है कि इन लोगों की अधिकारी सुनवाई कर नहीं रहे हैं और जनमंच की अध्यक्षता करने वाले मंत्री कह रहे हैं कि यह जनमंच का इशू नहीं है लेकिन फिर भी इस बारे में मुख्यमंत्री से चर्चा होगी.
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