हमीरपुर: एचआरटीसी की बसों में कोरोना महामारी से बचाव को लेकर निगम प्रबंधन के अधिकारी दावा तो कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर यह दावे कच्चे साबित हो रहे हैं. बसों में 50 प्रतिशत क्षमता तो दूर, जिले में एचआरटीसी की बसें ओवरलोड नजर आ रही हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में जहां कुछ बसें खाली ही दौड़ रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर बाहरी जिलों के लिए शुरू किए गए इक्का-दुक्का बस रूट में क्षमता से अधिक सवारियां बिठाई जा रही हैं.
सरकारी तंत्र का दावा
बस अड्डा हमीरपुर के प्रभारी देवराज का कहना है कि लॉन्ग रूट की बसों में कभी-कभार सवारियां अधिक हो रही हैं. उनका कहना है कि लोकल बस रूट पर क्षमता के अनुसार ही सवारी बिठाई जा रही है. अधिकतर बसों में ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत कम सवारी देखने को मिल रही है, लेकिन जिला मुख्यालय पर 2 या 4 किलोमीटर के लिए लॉन्ग रूट की बसों में कभी-कभी भीड़ हो रही है.
जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग
गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश के हजारों लोग संक्रमित हुए थे, जबकि सैकड़ों लोगों की इस महामारी के कारण मौत हो गई थी. ऐसे में सरकारी बसों में सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन अपने आप में चिंता का विषय है. कोरोना की तीसरी लहर का खतरा देश और प्रदेश में मंडरा रहा है. ऐसे में सावधानी और भी जरूरी हो जाती है, लेकिन सरकारी तंत्र ही नियमों की धज्जियां उड़ाता हुआ नजर आ रहा है.
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